जयपुर. प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं के साथ अपहरण, दुष्कर्म, गैंगरेप और दलितों के साथ अत्याचार जैसी अनेक अमानवीय घटनाओं से क्षुब्ध होकर राज्य के प्रबुद्ध वर्ग ने राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन सौंपकर हस्तक्षेप की मांग की है. ज्ञापन सौंपने वालों में राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जेपी सिंगल सहित करीब 16 पूर्व कुलपति सेना के रिटायर्ड अधिकारी और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी भी शामिल है. ज्ञापन में प्रदेश में हाल ही में घटी बहुत सारी घटनाओं का जिक्र किया गया, जिनमें सीकर में कक्षा आठ में पढ़ने वाली 15 वर्षीय बालिका के साथ बलात्कार हुआ, उसका वीडियो बनाया गया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी के साथ अन्य साथियों ने दुष्कर्म किया का भी जिक्र है.
सिरोही की नाबालिक लड़की के साथ गैंगरेप का जघन्य अपराध घटित होने पर आबूरोड के सदर थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया. बारां जिले में दो नाबालिग बहनों का अपहरण कर गैंगरेप की घटना सामने आई. बारां महिला थाने में अपहरण और गैंगरेप का नामजद मुकदमा भी दर्ज हुआ है. बाड़मेर के शिव थाना क्षेत्र में बच्ची के घर में अकेली होने पर दो मोटरसाइकिल सवार घर में घुसकर बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और अश्लील वीडियो बनाकर ले गए और बच्ची को बेहोशी की हालत में छोड़कर फरार हो गए, जिसका मुकदमा शिव थाना क्षेत्र में भी दर्ज हुआ. करौली के बुकना गांव में मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाया गया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई.
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राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जेपी सिंघल ने बताया कि प्रदेश में हो रहे इस तरह की जघन्य अपराध एवं अमानवीय घटनाओं से प्रदेशवासियों में आक्रोश और भय बना हुआ है. वर्ष 2019 एवं 2020 में भारतीय दंड संहिता में महिलाओं के साथ अपराधों में वृद्धि एवं दुष्कर्म संबंधी अपराधों में राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार राजस्थान पहले एवं दूसरे स्थान पर आ गया है. प्रदेश की बहन-बेटियां असुरक्षित महसूस कर भय के वातावरण में जीवन व्यतीत कर रही हैं. पुलिस प्रशासन भी इन अपराधों पर आंख बंद करके बैठा है, जिससे संपूर्ण समाज चिंतित है. ज्ञापन देने वालों में करीब सोलह पूर्व कुलपति, पूर्व आईएएस, पूर्व आईपीएस, सेना के पूर्व अधिकारी जनरल, कर्नल, मेजर, पूर्व आयकर आयुक्त एवं सरकार के विभिन्न आयोगों के पूर्व अध्यक्ष शामिल है.