जयपुर. एमएसीटी मामलों की विशेष अदालत ने डीजीपी को आदेश दिए हैं कि वह क्लेम दिलवाने के लिए गलत जांच करने वाले अनुसंधान अधिकारी एएसआई रामवतार सिंह के खिलाफ कार्रवाई करे. इसके साथ ही अदालत ने बीमा कंपनी के खिलाफ दायर 60 लाख रुपए की क्लेम याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने यह आदेश स्याणी देवी की स्लेम याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी ने क्लेम दिलवाने के लिए गाड़ी मालिक और मृतक के परिजनों से मिलकर फर्जी अनुसंधान रिपोर्ट पेश की है. क्लेम याचिका में कहा था कि मृतक सूरजमल 23 नवंबर 2009 को शाम 7 बजे मोटरसाइकिल से हीरावाला से रायसर जा रहा था. रास्ते में जीप की टक्कर से वह मोटरसाइकिल सहित कुंए में गिर गया. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को बीमा कंपनी से क्लेम दिलाया जाए.
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जवाब में बीमा कंपनी ने बताया कि रोजनामचा रिपोर्ट में यह स्पष्ट लिखा है कि मृतक की मोटरसाइकिल स्लिप होकर कुंए में गिरी थी. इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत कुंए में गिरने से होना बताया गया है. याचिकाकर्ता ने मिलीभगत कर क्लेम याचिका पेश की है, इसलिए क्लेम याचिका खारिज की जाए.