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जयपुरः बीमा क्लेम याचिका खारिज, गलत जांच करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई के आदेश - Insurance claim petition dismissed

MACT मामलों की विशेष अदालत ने डीजीपी को आदेश दिए हैं कि वह क्लेम दिलवाने के लिए गलत जांच करने वाले अनुसंधान अधिकारी एएसआई रामवतार सिंह के खिलाफ कार्रवाई करे. इसके साथ ही अदालत ने बीमा कंपनी के खिलाफ दायर 60 लाख रुपए की क्लेम याचिका को खारिज कर दिया है.

बीमा क्लेम याचिका खारिज, Insurance claim petition dismissed
बीमा क्लेम याचिका खारिज
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Published : Jun 19, 2021, 9:55 PM IST

जयपुर. एमएसीटी मामलों की विशेष अदालत ने डीजीपी को आदेश दिए हैं कि वह क्लेम दिलवाने के लिए गलत जांच करने वाले अनुसंधान अधिकारी एएसआई रामवतार सिंह के खिलाफ कार्रवाई करे. इसके साथ ही अदालत ने बीमा कंपनी के खिलाफ दायर 60 लाख रुपए की क्लेम याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने यह आदेश स्याणी देवी की स्लेम याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी ने क्लेम दिलवाने के लिए गाड़ी मालिक और मृतक के परिजनों से मिलकर फर्जी अनुसंधान रिपोर्ट पेश की है. क्लेम याचिका में कहा था कि मृतक सूरजमल 23 नवंबर 2009 को शाम 7 बजे मोटरसाइकिल से हीरावाला से रायसर जा रहा था. रास्ते में जीप की टक्कर से वह मोटरसाइकिल सहित कुंए में गिर गया. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को बीमा कंपनी से क्लेम दिलाया जाए.

यह भी पढ़ेंः एडवांस भुगतान के बाद भी Vaccine उपलब्ध नहीं करा रहीं कंपनियां, Rs 40 करोड़ राज्य सरकार के अटके: रघु शर्मा

जवाब में बीमा कंपनी ने बताया कि रोजनामचा रिपोर्ट में यह स्पष्ट लिखा है कि मृतक की मोटरसाइकिल स्लिप होकर कुंए में गिरी थी. इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत कुंए में गिरने से होना बताया गया है. याचिकाकर्ता ने मिलीभगत कर क्लेम याचिका पेश की है, इसलिए क्लेम याचिका खारिज की जाए.

जयपुर. एमएसीटी मामलों की विशेष अदालत ने डीजीपी को आदेश दिए हैं कि वह क्लेम दिलवाने के लिए गलत जांच करने वाले अनुसंधान अधिकारी एएसआई रामवतार सिंह के खिलाफ कार्रवाई करे. इसके साथ ही अदालत ने बीमा कंपनी के खिलाफ दायर 60 लाख रुपए की क्लेम याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने यह आदेश स्याणी देवी की स्लेम याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी ने क्लेम दिलवाने के लिए गाड़ी मालिक और मृतक के परिजनों से मिलकर फर्जी अनुसंधान रिपोर्ट पेश की है. क्लेम याचिका में कहा था कि मृतक सूरजमल 23 नवंबर 2009 को शाम 7 बजे मोटरसाइकिल से हीरावाला से रायसर जा रहा था. रास्ते में जीप की टक्कर से वह मोटरसाइकिल सहित कुंए में गिर गया. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को बीमा कंपनी से क्लेम दिलाया जाए.

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जवाब में बीमा कंपनी ने बताया कि रोजनामचा रिपोर्ट में यह स्पष्ट लिखा है कि मृतक की मोटरसाइकिल स्लिप होकर कुंए में गिरी थी. इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत कुंए में गिरने से होना बताया गया है. याचिकाकर्ता ने मिलीभगत कर क्लेम याचिका पेश की है, इसलिए क्लेम याचिका खारिज की जाए.

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