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गलत अनुसंधान करने वाले आईओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करें डीजीपी

मोटर दुर्घटना वाद में फर्जी मोटर एक्सीडेंट क्लेम मामले में गलत अनुसंधान करने पर न्यायधिकरण ने चाकसू पुलिस थाने के एसआई के खिलाफ विभाग कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

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Published : Oct 1, 2021, 9:39 PM IST

SI of Chaksu police station, Jaipur news
आईओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करें डीजीपी

जयपुर. जिले की मोटर दुर्घटना वाद न्यायधिकरण ने फर्जी मोटर एक्सीडेंट क्लेम मामले में गलत और लचर अनुसंधान करने वाले आईओ चाकसू पुलिस थाने के एसआई शैतानसिंह के खिलाफ डीजीपी को विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. न्यायाधिकरण ने कहा कि आईओ ने FIR में एक्सीडेंट करने वाले चालक का नाम अंकित होने के बाद भी उसे बिना आधार और साक्ष्य के क्लीन चिट दी.

किसी अन्य व्यक्ति को मोटरसाइकिल का चालक बताकर कोर्ट में चालान पेश कर किया, जो गंभीर है. न्यायाधिकरण ने यह आदेश बीमा कंपनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के खिलाफ दायर शंकर सिंह की 32.55 लाख रुपए की क्लेम याचिका खारिज करते हुए दिया. याचिका में शंकर सिंह ने कहा था कि 8 सितंबर 2015 को जब वह हिंगोनिया से होमगार्ड की रात गश्त कर गांव से करीब एक किमी दूर 10.30 बजे मीणों की ढाणी पहुंचा, उसे एक मोटरसाईकल ने गलत दिशा से आकर लापरवाही पूर्वक टक्कर मारी. इससे उसे सिर में गंभीर चोटें आई और उसकी सोचने-समझने की शक्ति कमजोर हो गई और स्थाई निशक्तता हो गई. इसलिए उसे बीमा कंपनी से क्लेम दिलवाया जाए.

यह भी पढ़ें. बीवीजी वायरल वीडियो प्रकरण: एसीबी मुख्यालय में 3 घंटे तक संघ प्रचारक निंबाराम से हुई पूछताछ

वहीं बीमा कंपनी का कहना था कि एक्सीडेंट की रिपोर्ट 71 दिन बाद दर्ज कराई है और टक्कर मारने वाले वाहन के नंबर अंकित नहीं किए हैं. प्रार्थी ने क्लेम याचिका पुलिसकर्मियों के साथ मिलीभगत कर बीमा क्लेम लेने के लिए दायर की है, जिसे खारिज किया जाए. न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी की दलीलों को मानते हुए क्लेम याचिका खारिज कर दी.

जयपुर. जिले की मोटर दुर्घटना वाद न्यायधिकरण ने फर्जी मोटर एक्सीडेंट क्लेम मामले में गलत और लचर अनुसंधान करने वाले आईओ चाकसू पुलिस थाने के एसआई शैतानसिंह के खिलाफ डीजीपी को विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. न्यायाधिकरण ने कहा कि आईओ ने FIR में एक्सीडेंट करने वाले चालक का नाम अंकित होने के बाद भी उसे बिना आधार और साक्ष्य के क्लीन चिट दी.

किसी अन्य व्यक्ति को मोटरसाइकिल का चालक बताकर कोर्ट में चालान पेश कर किया, जो गंभीर है. न्यायाधिकरण ने यह आदेश बीमा कंपनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के खिलाफ दायर शंकर सिंह की 32.55 लाख रुपए की क्लेम याचिका खारिज करते हुए दिया. याचिका में शंकर सिंह ने कहा था कि 8 सितंबर 2015 को जब वह हिंगोनिया से होमगार्ड की रात गश्त कर गांव से करीब एक किमी दूर 10.30 बजे मीणों की ढाणी पहुंचा, उसे एक मोटरसाईकल ने गलत दिशा से आकर लापरवाही पूर्वक टक्कर मारी. इससे उसे सिर में गंभीर चोटें आई और उसकी सोचने-समझने की शक्ति कमजोर हो गई और स्थाई निशक्तता हो गई. इसलिए उसे बीमा कंपनी से क्लेम दिलवाया जाए.

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वहीं बीमा कंपनी का कहना था कि एक्सीडेंट की रिपोर्ट 71 दिन बाद दर्ज कराई है और टक्कर मारने वाले वाहन के नंबर अंकित नहीं किए हैं. प्रार्थी ने क्लेम याचिका पुलिसकर्मियों के साथ मिलीभगत कर बीमा क्लेम लेने के लिए दायर की है, जिसे खारिज किया जाए. न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी की दलीलों को मानते हुए क्लेम याचिका खारिज कर दी.

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