जयपुर. प्रदेश में लगातार कोविड-19 संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसी बीच चिकित्सा विभाग ने जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडेसीवीर और टोसिलीजुमेब की कालाबाजारी को रोकने के लिए निर्देश जारी किया है. इसके तहत इस इंजेक्शन की खुले में बिक्री पर रोक लगा दी है. इसके अलावा जिन निजी अस्पतालों को कोविड-19 इलाज के लिए अधिकृत किया गया है, सिर्फ उन्हें ही यह इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे.
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चिकित्सा विभाग का कहना है कि राज्य में कोरोना महामारी का संक्रमण अचानक बढ़ जाने से उपचार में उपयोग में आने वाली महत्वपूर्ण दवा रेमडेसीवीर और टोसिलीजुमेब इन्जेक्शन की मांग भी अचानक काफी बढ़ गई है. ऐसे में इनकी सम्भावित कालाबाजारी को रोकने एवं जरूरतमन्द निजी चिकित्सा संस्थानों को दवा उपलब्ध कराए जाने संबंधी निर्देश जारी किए गए हैंं. इसके तहत राज्य सरकार के कोविड ट्रीटमेन्ट के लिए अधिकृत निजी क्षेत्र या जिनको संबंधित जिले के जिला कलेक्टर की ओर से स्वीकृति प्राप्त हो, उन्हीं चिकित्सालय को इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे.
वहीं निजी क्षेत्र के चिकित्सालय जिन्हें मरीजों के उपचार के लिए रेमडीसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता है. वह अपनी मांग जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं औषधि नियंत्रण अधिकारी को उपलब्ध कराएंगे. इसके बाद सम्बंधित जिले के दवा स्टॉकिस्ट की ओर से सम्बंधित सीएण्डएफ को भेजी जायेगी जहां से उपलब्धतानुसार अधिकतम दो दिन के उपयोग के लिए इन्जेक्शन का स्टॉक जारी किया जाएगा. इसके अलावा इन्जेक्शन को किसी भी प्रकार से ओवर द काउन्टर की ओर से नहीं बेचा जाएगा.