जयपुर. भारतीय किसान संघ राजस्थान प्रदेश की दो दिवसीय प्रदेश कार्यकारिणी बैठक प्रदेश कार्यालय वैशाली नगर में हुई. जिसमें संघ ने बुधवार को सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार कोरोना की झूठी आड़ लेकर किसानों की आवाज को कुचलने की षड्यंत्र से बाज आये, नहीं तो भारतीय किसान संघ जोधपुर की तर्ज पर सभी जिलों में ग्राम से संग्राम एक आह्वान करेगा. बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री राजेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मणिलाल लबाना, प्रदेश संगठन मंत्री राजवीर सिंह, प्रदेश महामंत्री कैलाश गंदोलिया उपस्थित रहे.
भारतीय किसान संघ राजस्थान के नेतृत्व में पिछले महीने 27 दिन महापड़ाव चला. इसमें जोधपुर के महापड़ाव स्थान पर किसान अपने अधिकार और हक के लिए धरने पर बैठे थे. धरने के दौरान तबीयत बिगड़ने और मानसिक अवसाद से युवा किसान पुखराज शहीद हो गए. किसान संघ की प्रदेश कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने 2 मिनट का मौन रखकर पुखराज को श्रद्धांजलि दी.
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बैठक में किसान नेताओं ने आंदोलन की समीक्षा की और कहा कि राजस्थान का किसान एक युवा किसान की शहादत को भूलेगा नहीं. पुखराज की मौत से किसानों में आक्रोश है. सरकार की असंवेदनशीलता के चलते पहले ही राजस्थान में किसानों आत्महत्या की है. लेकिन अब सरकार की हठधर्मिता से धरने के दौरान तबीयत बिगड़ने से किसान की मृत्यु हुई है.
बैठक में किसान नेताओं ने बताया कि भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में सभी जिले के किसानों ने 2 फरवरी से विभिन्न माध्यमों से 3500 से अधिक ज्ञापन दिया था. जिसमें सरकार और प्रशासन को स्पष्ट चेताया था कि किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो किसान आंदोलन करेंगे और उसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी.
प्रदेश महामंत्री कैलाश गंदोलिया ने कहा कि 3 अगस्त से किसान धरना दे रहे थे. धरने के 25 वें दिन सरकार की असंवेदनशीलता के कारण पुखराज की मौत हुई. यह विडंबना है कि राजस्थान सरकार किसानों की आवाज कुचलने के लिए सरकारी तंत्रों का दुरुपयोग कर किसान पुखराज को कोरोना पॉजिटिव घोषित कर दिया है. जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं. भारतीय किसान संघ शांति और संयम के साथ पुखराज को न्याय दिलाएगा.
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बैठक में भारतीय किसान संघ ने मांग की है कि पुखराज के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए. सरकार पुखराज को शहीद किसान का दर्जा दे. किसानों की मांगों को पूरी करने के बजाय किसान की आवाज दबाने के लिए कोरोना की आड़ लेकर प्रशासन ने फर्जी मुकदमें किए हैं. उन मुकदमों को तुरंत निरस्त किया जाए और किसानों की मांगों को पूरी करें.