जयपुर. राजस्थान के श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ में एक मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया है. सेना के अनुसार MIG-21 बायसन एयरक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आने के चलते रात 8:15 पर क्रैश हो गया. यह क्रैश सूरतगढ़ के एयरबेस के आसपास हुआ है, हालांकि इसमें पायलट सुरक्षित है.
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During a training sortie in the western sector, a MiG-21 Bison aircraft experienced a major technical malfunction this evening. The pilot ejected safely at about 2015 hrs. There is no loss of life. An Court of Inquiry has been ordered to ascertain the cause of the accident.
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— Indian Air Force (@IAF_MCC) January 5, 2021
इस क्रैश लैंडिंग के कारणों को लेकर सेना की ओर से कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के निर्देश दे दिए हैं. विमान ट्रेनिंग सोर्टी पर निकला था, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही देर में यह क्रैश हो गया. हालांकि जान माल के नुकसान की किसी तरीके की कोई सूचना नहीं है.
देर शाम को क्रैश हुआ मिग-21
सूरतगढ़ एयरबेस पर मंगलवार देर शाम मिग-21 फाइटर जेट क्रैश हो गया. बताया जा रहा है कि एयरबेस से उड़ान भरते ही इसके इंजन में आग लग गई थी. हादसे से पहले खुद को इजेक्ट कर पायलट सुरक्षित बाहर आ गया. आग लगने के बाद मिग-21 फाइटर एयरबेस कैंपस में ही गिर गया था. एयरक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के चलते यह हादसा हुआ है. हादसे में पायलट की जान सुरक्षित बच गई है. घटना के बाद एयरफोर्स ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश देते हुए जांच शुरू कर दी है.
रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है. 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के रूप में एयरफोर्श में शामिल किया गया था. शुरुआती जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेंबल करने का अधिकार और तकनीक हासिल कर ली थी. तब से अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है.
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रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वेरिएंट का इस्तेमाल करता रहा है. 26 नवंबर को इंडियन नेवी का ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट mig-29k क्रैश हो गया था. इस एयरक्राफ्ट में दो पायलट सवार थे. इनमें से एक को रेस्क्यू कर लिया गया था और दूसरे पायलट की तलाश में अरब सागर में 11 दिन तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया. बाद में उसका शव बरामद हुआ था. इंडियन नेवी ने बताया कि शव कमांडर निशांत सिंह का था.