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खबर का असर: जयपुर में बढ़ाई जा रही रैन बसेरों की संख्या और क्षमता

राजधानी में कड़ाके की ठंड के बीच अभी भी सैकड़ों परिवार खुले आसमान के नीचे रात गुजारते है. ईटीवी भारत ने इस हकीकत को प्रशासन की सामने रखा. जिसके बाद निगम प्रशासन अब कुछ नए रैन बसेरे लगाने और चालू रैन बसेरों की क्षमता बढ़ाने जा रहा है. साथ ही प्रशासन ने लक्ष्य तय किया है कि अब कोई भी व्यक्ति सर्दी में बाहर रात नहीं गुजारेगा.

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Published : Jan 5, 2020, 10:48 PM IST

jaipur news, जयपुर की खबर
बढ़ाई जा रही रैन बसेरों की संख्या और क्षमता

जयपुर. राजधानी में तापमान 10 डिग्री से बढ़ने का नाम नहीं ले रहा. इस सर्दी में शहर के फुटपाथ पर गरीब और मजदूर वर्ग खुले में रात बिताता है, जो आसानी से देखा जा सकता है. ईटीवी भारत ने जयपुर के सी स्कीम क्षेत्र में सर्द रातों में रात गुजारते लोगों के दर्द को प्रशासन के सामने रखा, जिस पर संज्ञान लेते हुए अब निगम प्रशासन ने शहर के प्रमुख पांच स्थानों पर बने रैन बसेरों की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ, एसएमएस अस्पताल के नजदीक एक नया रैन बसेरा शुरू करने जा रहा है.

बढ़ाई जा रही रैन बसेरों की संख्या और क्षमता

पढ़ें- रियलिटी चेक: कड़ाके की ठंड में भी राजधानी में खुले में सो रहे सैकड़ों बेसहारा

इस संबंध में निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने बताया कि प्रशासन ने पिछली बार की तुलना में ज्यादा रैन बसेरे लगाए है. इस बार 27 रैन बसेरे लगाए जा चुके हैं, यदि अभी भी लोग खुले में सो रहे हैं तो और अधिक रैन बसेरों की आवश्यकता है, उसके लिए भी प्रशासन तैयार है. यही वजह है कि अब रैन बसेरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. साथ ही जो रैन बसेरे चल रहे हैं, उनकी क्षमता भी बढ़ाई जा रही है.

पढ़ें- सेंट्रल पार्क में स्ट्रीट डॉग, स्ट्रीट लाइट और टॉयलेट की समस्याओं को दूर करेगा जेडीए

उन्होंने कहा कि अन्य व्यवस्थाओं के लिए भी अधिकारी नियमित निरीक्षण कर रहे हैं और समस्या सामने आने पर उन्हें दुरुस्त भी किया जा रहा है. साथ ही लक्ष्य तय किया गया है कि अब कोई भी व्यक्ति सर्दी में बाहर रात नहीं गुजारेगा. बता दें कि नगर निगम प्रशासन के फिलहाल 27 रैन बसेरे बनाए गए हैं. इनमें से रामनिवास बाग, जेके लोन अस्पताल सहित पांच रैन बसेरों की क्षमता बढ़ाई जा रही है. लेकिन जानकारी के अभाव में आज भी बड़ी संख्या में गरीब तबका खुले में रात गुजार रहा है.

जयपुर. राजधानी में तापमान 10 डिग्री से बढ़ने का नाम नहीं ले रहा. इस सर्दी में शहर के फुटपाथ पर गरीब और मजदूर वर्ग खुले में रात बिताता है, जो आसानी से देखा जा सकता है. ईटीवी भारत ने जयपुर के सी स्कीम क्षेत्र में सर्द रातों में रात गुजारते लोगों के दर्द को प्रशासन के सामने रखा, जिस पर संज्ञान लेते हुए अब निगम प्रशासन ने शहर के प्रमुख पांच स्थानों पर बने रैन बसेरों की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ, एसएमएस अस्पताल के नजदीक एक नया रैन बसेरा शुरू करने जा रहा है.

बढ़ाई जा रही रैन बसेरों की संख्या और क्षमता

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इस संबंध में निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने बताया कि प्रशासन ने पिछली बार की तुलना में ज्यादा रैन बसेरे लगाए है. इस बार 27 रैन बसेरे लगाए जा चुके हैं, यदि अभी भी लोग खुले में सो रहे हैं तो और अधिक रैन बसेरों की आवश्यकता है, उसके लिए भी प्रशासन तैयार है. यही वजह है कि अब रैन बसेरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. साथ ही जो रैन बसेरे चल रहे हैं, उनकी क्षमता भी बढ़ाई जा रही है.

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उन्होंने कहा कि अन्य व्यवस्थाओं के लिए भी अधिकारी नियमित निरीक्षण कर रहे हैं और समस्या सामने आने पर उन्हें दुरुस्त भी किया जा रहा है. साथ ही लक्ष्य तय किया गया है कि अब कोई भी व्यक्ति सर्दी में बाहर रात नहीं गुजारेगा. बता दें कि नगर निगम प्रशासन के फिलहाल 27 रैन बसेरे बनाए गए हैं. इनमें से रामनिवास बाग, जेके लोन अस्पताल सहित पांच रैन बसेरों की क्षमता बढ़ाई जा रही है. लेकिन जानकारी के अभाव में आज भी बड़ी संख्या में गरीब तबका खुले में रात गुजार रहा है.

Intro:जयपुर - राजधानी में कड़ाके की ठंड के बीच अभी भी सैकड़ों लोग खुले में सो रहे हैं। ईटीवी भारत ने इस हकीकत को प्रशासन की सामने रखा। जिसके बाद निगम प्रशासन अब कुछ नए रैन बसेरे लगाने और चालू रैन बसेरों की क्षमता बढ़ाने जा रहा है। साथ ही प्रशासन ने लक्ष्य तय किया है कि अब कोई भी व्यक्ति सर्दी में बाहर रात नहीं गुजारे।


Body:राजधानी में तापमान 10 डिग्री से बढ़ने का नाम नहीं ले रहा। इस सर्दी में शहर के फुटपाथ पर गरीब और मजदूर वर्ग खुले में रात बिताता देखा जा सकता है। ईटीवी भारत ने जयपुर के सी स्कीम क्षेत्र में भरी ठंड में खुले में रात गुजारते लोगों के दर्द को प्रशासन के सामने रखा। जिस पर संज्ञान लेते हुए अब निगम प्रशासन ने शहर के प्रमुख पांच स्थानों पर बने रैन बसेरों की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ, s.m.s. अस्पताल के नजदीक एक नया रैन बसेरा शुरू करने जा रहा है। इस संबंध में निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने बताया कि प्रशासन ने पिछली बार की तुलना में ज्यादा रैन बसेरे लगाएं हैं। इस बार 27 रैन बसेरे लगाए जा चुके हैं। और अभी भी यदि लोग खुले में सो रहे हैं और रैन बसेरों की आवश्यकता है, उसके लिए भी प्रशासन तैयार है। यही वजह है कि अब रैन बसेरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। साथ ही जो रैन बसेरे चल रहे हैं उनकी क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अन्य व्यवस्थाओं के लिए भी अधिकारी नियमित निरीक्षण कर रहे हैं। और समस्या सामने आने पर उन्हें दुरुस्त भी किया जा रहा है। साथ ही लक्ष्य तय किया है कि अब कोई भी व्यक्ति सर्दी में बाहर रात नहीं गुजारे।
बाईट - विजय पाल सिंह, निगम प्रशासक


Conclusion:आपको बता दें कि नगर निगम प्रशासन के फिलहाल 27 रैन बसेरे बनाए हैं। इनमें से रामनिवास बाग, जेके लोन अस्पताल सहित पांच रैन बसेरों की क्षमता बढ़ाई जा रही है। लेकिन जानकारी के अभाव में आज भी बड़ी संख्या में गरीब तबका खुले में रात गुजार रहा है।
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