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जयपुर सहित प्रदेश भर में आयकर कर्मचारियों की भूख हड़ताल

गुरुवार को आयकर कर्मचारियों ने अपनी सात मांगों को लेकर जयपुर आयकर मुख्यालय सहित जोधपुर, अलवर, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर और कोटा में भी प्रदर्शन किया. आयकर कर्मचारी वेतन सुधार और पदोन्नति से जुड़ी मांगों को लेकर भूख हड़ताल कर रहे हैं.

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राजस्थान में आयकर कर्मचारियों की भूख हड़ताल
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Published : Oct 15, 2020, 7:41 PM IST

जयपुर. आयकर विभाग के कर्मचारियों का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है. कर्मचारी सात प्रमुख मांगों को लेकर विरोध कर रहे हैं. गुरुवार को जयपुर आयकर मुख्यालय सहित जोधपुर, अलवर, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा में भी कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. आयकर कर्मचारी लगातार अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. आयकर कर्मचारियों का कहना है कि वेतन सुधार और पदोन्नति से जुड़ी मांगों पर वित्त मंत्रालय निर्णय नहीं ले रहा है.

राजस्थान में आयकर कर्मचारियों की भूख हड़ताल

कार्मिक संगठनों का कहना है कि ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन की मांगों पर सुनवाई नहीं होने से आक्रोश बढ़ रहा है. इनकम टैक्स एम्पलाइज फेडरेशन के आह्वान पर गुरुवार को धरना प्रदर्शन किया गया. रेग्युलर डीपीसी समेत अन्य मांगों को लेकर प्रधान मुख्य आयकर कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. डीपीसी की मांग को लेकर जयपुर समेत पूरे प्रदेश के आयकर कार्यालयों पर भी प्रदर्शन किया गया.

इनकम टैक्स एंप्लाइज फेडरेशन राजस्थान के अध्यक्ष राजेंद्र मीणा ने बताया कि काफी समय से रेग्युलर डीपीसी नहीं हो पा रही है. बार-बार प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त से निवेदन करने के बावजूद प्रशासन ने रेग्युलर डीपीसी नहीं की. आयकर कर्मचारियों को मजबूरन आन्दोलन की राह पर चलना पड़ रहा है. 26 फरवरी 2020 को काली पट्टी बांधकर विरोध किया गया था. इसके बाद 4 मार्च को भोजनावकास में प्रशासन के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया गया. यह आन्दोलन 23 मार्च तक चला, इसके बाद कोरोना के चलते लॉकडाउन होने से आंदोलन स्थगित कर दिया गया था.

पढ़ें: बीकानेर ACB की कार्रवाई, रिश्वत में ली राशि को लौटाना पड़ा भारी

लॉकडाउन के बाद कार्यालय खुलने पर फिर से प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त से डीपीसी के लिये बार-बार निवेदन किया, लेकिन प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त की हठधर्मीता के कारण फिर से आन्दोलन करने का निर्णय किया गया. आयकर कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 3 वर्षों से जॉइंट काउंसलिंग ऑफ एक्शन अपनी समस्याओं को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर मंडल नई दिल्ली के सामने रख रहा है. लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा. इसके विरोध में आयकर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया है. आयकर विभाग में सवर्ण पुनर्गठन 2018 को किया जाना था. लेकिन आज तक रिपोर्ट को संपादित करने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की गई.

इनकम टैक्स इंस्पेक्टरों को लैपटॉप देने, ओवर टाइम अलाउंस देने और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने समेत 10 सूत्री मांगे हैं जो लंबे समय से की जा रही है. लेकिन अभी तक कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. अगर कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं की गई तो आने वाले समय में आंदोलन को और तेज किया जाएगा. इसके साथ ही कर्मचारियों ने बताया कि आयकर विभाग में भर्ती वर्ष 2015-16 से लगातार सहायक आयुक्त के पद पर पदोन्नति तदर्थ आधार पर की जा रही है. लंबे समय से चली आ रही इस तदर्थ पदोन्नति के कारण से ऐसी पदोन्नति पाने वाले अधिकारी का भविष्य अंधकार में हो चला है. इन पदों पर पदोन्नति को नियमित किया जाए.

जयपुर. आयकर विभाग के कर्मचारियों का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है. कर्मचारी सात प्रमुख मांगों को लेकर विरोध कर रहे हैं. गुरुवार को जयपुर आयकर मुख्यालय सहित जोधपुर, अलवर, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा में भी कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. आयकर कर्मचारी लगातार अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. आयकर कर्मचारियों का कहना है कि वेतन सुधार और पदोन्नति से जुड़ी मांगों पर वित्त मंत्रालय निर्णय नहीं ले रहा है.

राजस्थान में आयकर कर्मचारियों की भूख हड़ताल

कार्मिक संगठनों का कहना है कि ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन की मांगों पर सुनवाई नहीं होने से आक्रोश बढ़ रहा है. इनकम टैक्स एम्पलाइज फेडरेशन के आह्वान पर गुरुवार को धरना प्रदर्शन किया गया. रेग्युलर डीपीसी समेत अन्य मांगों को लेकर प्रधान मुख्य आयकर कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. डीपीसी की मांग को लेकर जयपुर समेत पूरे प्रदेश के आयकर कार्यालयों पर भी प्रदर्शन किया गया.

इनकम टैक्स एंप्लाइज फेडरेशन राजस्थान के अध्यक्ष राजेंद्र मीणा ने बताया कि काफी समय से रेग्युलर डीपीसी नहीं हो पा रही है. बार-बार प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त से निवेदन करने के बावजूद प्रशासन ने रेग्युलर डीपीसी नहीं की. आयकर कर्मचारियों को मजबूरन आन्दोलन की राह पर चलना पड़ रहा है. 26 फरवरी 2020 को काली पट्टी बांधकर विरोध किया गया था. इसके बाद 4 मार्च को भोजनावकास में प्रशासन के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया गया. यह आन्दोलन 23 मार्च तक चला, इसके बाद कोरोना के चलते लॉकडाउन होने से आंदोलन स्थगित कर दिया गया था.

पढ़ें: बीकानेर ACB की कार्रवाई, रिश्वत में ली राशि को लौटाना पड़ा भारी

लॉकडाउन के बाद कार्यालय खुलने पर फिर से प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त से डीपीसी के लिये बार-बार निवेदन किया, लेकिन प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त की हठधर्मीता के कारण फिर से आन्दोलन करने का निर्णय किया गया. आयकर कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 3 वर्षों से जॉइंट काउंसलिंग ऑफ एक्शन अपनी समस्याओं को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर मंडल नई दिल्ली के सामने रख रहा है. लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा. इसके विरोध में आयकर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया है. आयकर विभाग में सवर्ण पुनर्गठन 2018 को किया जाना था. लेकिन आज तक रिपोर्ट को संपादित करने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की गई.

इनकम टैक्स इंस्पेक्टरों को लैपटॉप देने, ओवर टाइम अलाउंस देने और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने समेत 10 सूत्री मांगे हैं जो लंबे समय से की जा रही है. लेकिन अभी तक कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. अगर कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं की गई तो आने वाले समय में आंदोलन को और तेज किया जाएगा. इसके साथ ही कर्मचारियों ने बताया कि आयकर विभाग में भर्ती वर्ष 2015-16 से लगातार सहायक आयुक्त के पद पर पदोन्नति तदर्थ आधार पर की जा रही है. लंबे समय से चली आ रही इस तदर्थ पदोन्नति के कारण से ऐसी पदोन्नति पाने वाले अधिकारी का भविष्य अंधकार में हो चला है. इन पदों पर पदोन्नति को नियमित किया जाए.

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