जयपुर. राजधानी इन दिनों चोरों की पहली पसंद बना हुआ है और शहर में लगातार चोरी की वारदातें बढ़ रही हैं. शहर में लगातार बढ़ती चोरी की वारदातों ने पुलिस को भी परेशान कर रखा है. पुलिस जब तक किसी एक वारदात को सुलझाती है तब तक चोर दूसरी वारदात को अंजाम दे देते हैं. जयपुर में लगातार बढ़ती नकबजनी और वाहन चोरी की वारदातों को देखते हुए पुलिस के आला अधिकारियों ने भी चिंता व्यक्त की है.
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वहीं, वारदातों पर लगाम लगाने के लिए कमिश्नरेट स्पेशल टीम के साथ ही चारों जिलों की डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम को भी चोरों पर नकेल कसने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही राजधानी में पूर्व में घटित हुई नकबजनी और वाहन चोरी की वारदातों में जिन गैंग के सदस्यों का हाथ रहा है उनकी भी जानकारी जुटाई जा रही है. इसके साथ ही प्रत्येक जिला स्तर पर विभिन्न गैंग का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है और उसके आधार पर चोरों को आईडेंटिफाई करने का काम किया जा रहा है.
डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया कि त्योहार और वीकेंड के कारण राजधानी के लोग अपने गांव या किसी रिश्तेदार से मिलने दूसरे शहर चले जाते हैं. जिस का गलत फायदा चोर उठाते हैं और पिछे से सूने मकानों को निशाना बनाकर चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं. वहीं, लॉकडाउन के खत्म होने के बाद अब व्यापारी और न्यूक्लियर फैमिली में रहने वाले लोगों ने यात्रा करना भी शुरू कर दिया है. ऐसे में वह कई दिनों तक अपना मकान या दुकान बंद करके चले जाते हैं और पीछे से चोर वारदात को अंजाम दे देते हैं.
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पिछले कुछ दिनों में राजधानी में चोरी की वारदातों में इजाफा हुआ है. जिसे देखते हुए प्रत्येक थाने के थाना अधिकारी को विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. जिसके तहत प्रत्येक थाने को रात्रि गश्त को मजबूत करने के आदेश दिए गए हैं. इसके साथ ही पैदल और वाहन गश्त में पुलिसकर्मियों की संख्या को बढ़ा दिया गया है. इसके साथ ही है प्रत्येक थाना क्षेत्र में गश्त करने के लिए होमगार्ड के जवानों की संख्या को भी बढ़ाया गया है. इसके साथ ही जयपुर पुलिस लगातार वाहन चोर और स्नैचर्स के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. प्रतिदिन दो से तीन वाहन चोर और स्नैचर्स गिरफ्तार किए जा रहे हैं.
दूसरे राज्यों की भी गैंग भी सक्रिय
डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया कि दूसरे राज्यों की गैंग राजधानी जयपुर और अन्य बड़े शहरों में आकर नकबजनी की वारदातों को अंजाम दे रही है. हाल ही में राजधानी में हुई नकबजनी की कुछ बड़ी वारदातों में दूसरे राज्यों की गैंग की संलिप्तता पाई गई है. ऐसे में जयपुर पुलिस दूसरे राज्य और जिले की पुलिस से संपर्क कर उस गैंग का क्रिमिनल रिकॉर्ड मंगा रही है. साथ ही गैंग के सदस्यों के मूवमेंट को मॉनिटर करने के लिए टेक्निकल सर्विलांस भी माउंट की गई है.
इसके साथ ही गैंग के सदस्यों के संभावित ठिकानों पर पुलिस की दबिश भी लगातार जारी है. वहीं, ऐसे बदमाश जो पूर्व में नकबजनी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं उन पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है. वहीं, ऐसे बदमाश जो लंबे समय से नकबजनी की वारदातों में वांछित चल रहे हैं उन्हें गिरफ्तार करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.
राजधानी जयपुर में जनवरी से जुलाई माह तक हुई चोरी की वारदातों का तुलनात्मक विवरण-
वर्ष | नकबजनी | वाहन चोरी |
2020 | 358 | दुपहिया- 2209/चौपहिया- 258 |
2021 | 433 | दुपहिया- 2711/चौपहिया- 297 |
वर्ष 2021 में जनवरी से जुलाई माह तक जिलेवार चोरी का विवरण-
पूर्व | पश्चिम | उत्तर | दक्षिण | |
नकबजनी | 142 | 105 | 74 | 112 |
दुपहिया वाहन चोरी | 903 | 614 | 389 | 805 |
चौपहिया वाहन चोरी | 73 | 84 | 60 | 80 |