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कोटाः मां बेटे के रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना पर मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

कोटा में मां बेटे के पवित्र रिश्ते को शर्मसार कर देने वाली घटना पर राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक और कोटा रेंज आईजी को 24 जून तक इस पूरे घटना को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट पत्रावली पेश करने के आदेश दिए हैं.

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कोटा में मां बेटे के रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना
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Published : May 18, 2020, 8:56 PM IST

जयपुर. कोटा में मां बेटे के पवित्र रिश्ते को शर्मसार कर देने वाली घटना पर राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक और कोटा रेंज आईजी को 24 जून तक इस पूरे घटना से जुड़े अनुसंधान की तथ्यात्मक रिपोर्ट पत्रावली पेश करने के आदेश दिए हैं. आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस महेश चंद शर्मा ने यह आदेश दिए हैं.

आयोग ने कोटा में घटित इस घटना को बेहद निंदनीय और मानवीय मूल्यों को चोट पहुंचाने वाली घटना बताया है. जस्टिस महेश चंद शर्मा की एकल पीठ ने अपने आदेश में समाचार पत्रों में छपी घटना का हवाला भी दिया और कहा, कि इस शर्मसार करने वाली इस घटना को पढ़कर हृदय में चोट पहुंची. उन्होंन अपने आदेश में लिखा कि अपराधी बेटे ने अपनी मां का अश्लील फोटो वायरल करते समय यह भी नहीं सोचा कि इस कोरोना के संकट के समय जब सभी धर्मों के लोग ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि यह कोरोना संकट समाप्त हो जाए और संपूर्ण जनमानस को राहत के प्राप्ति हो.

पढ़ेंः खुदाई में मिली 1000 साल पुरानी मूर्ति, जैन समाज ने की स्वामित्व की मांग

ऐसे संकट के समय में उपरोक्त जघन्य अपराध एक ऐसी वृद्धा के साथ किया जाना जिसकी उम्र 75 वर्ष है और उसकी कोख से पैदा हुआ वह पुत्र ही इसका अपराधी है. यह अपने आप में हृदय विदारक, दर्दनाक, अधर्म युक्त अमानवीय घटना है. इसलिए प्रथम दृष्टा राज्य आयोग इस पर प्रसंगज्ञान भी ले रही हैं. आयोग ने संबंधित पुलिस अधिकारियों से इस पूरी घटना की गहनता से जांच करने के आदेश भी दिए और साथ ही संपूर्ण ब्यौरा उसकी पत्रावली 24 जून को पेश करने के निर्देश.

जयपुर. कोटा में मां बेटे के पवित्र रिश्ते को शर्मसार कर देने वाली घटना पर राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक और कोटा रेंज आईजी को 24 जून तक इस पूरे घटना से जुड़े अनुसंधान की तथ्यात्मक रिपोर्ट पत्रावली पेश करने के आदेश दिए हैं. आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस महेश चंद शर्मा ने यह आदेश दिए हैं.

आयोग ने कोटा में घटित इस घटना को बेहद निंदनीय और मानवीय मूल्यों को चोट पहुंचाने वाली घटना बताया है. जस्टिस महेश चंद शर्मा की एकल पीठ ने अपने आदेश में समाचार पत्रों में छपी घटना का हवाला भी दिया और कहा, कि इस शर्मसार करने वाली इस घटना को पढ़कर हृदय में चोट पहुंची. उन्होंन अपने आदेश में लिखा कि अपराधी बेटे ने अपनी मां का अश्लील फोटो वायरल करते समय यह भी नहीं सोचा कि इस कोरोना के संकट के समय जब सभी धर्मों के लोग ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि यह कोरोना संकट समाप्त हो जाए और संपूर्ण जनमानस को राहत के प्राप्ति हो.

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