जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि जनजागरण के लिए निरंतरता आवश्यक है. कोरोना वैश्विक महामारी की समाप्ति के लिए लोगों को निरंतर सचेत करना होगा. राज्यपाल ने कहा कि मानवीय संवेदनाओं के साथ आधुनिक तकनीक के उपयोग की आज आवश्यकता है. जीवन में स्वदेशी अपनाने पर पूरा जोर देना होगा.
मिश्र ने कहा कि जीवन के लिए जो आवश्यक है, उसे स्थानीय स्तर पर ही तैयार करना होगा और उसकी गुणवत्ता को भी बनाना होगा. आज नई चुनौती लोकल के लिए वोकल होने और लोकल को ग्लोबल बनाने की है. राज्यपाल मिश्र शुक्रवार को राजभवन में आत्मनिर्भर भारत मिशन के शुभारंभ समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित कर रहे थे. यह समारोह बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय और एम्पलायर एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान मे आयोजित किया गया.
कलराज मिश्र ने कहा कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशी मॉडल ही भारत को आगे ले जा सकता है. हमें लोकल चीजों को लेकर वोकल होना चाहिए. भारतीयों को स्थानीय चीजों के बारे में ज्यादा बात करनी चाहिए और खुलकर बात करनी चाहिए. आत्मनिर्भरता वैसे भी हर देश का एक वांछित सपना है. भारत का मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट, भारत को मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने में भूमिका निभा सकता है.
राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के बाद भारत को अब एक नई प्राणशक्ति और नई संकल्पशक्ति के साथ आगे बढ़ना है और विश्व महाशक्ति बनना है. भारत में स्वदेशी को एक विचार के रूप में देखा जाता है, जो भारत की संरक्षणवादी अर्थव्यवस्था का आर्थिक मॉडल रहा है. राष्ट्र इस विचार की वकालत भी करता रहा है. आत्मनिर्भर भारत बनाने में स्वदेशी का विचार काफी उपयोगी है. खादी ग्राम उद्योग के उत्पादों की बढती मांग इसका उदाहरण है.
मिश्र ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर यानी बुनियादी ढांचा चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए, भारत में निवेश करने के लिए, चीन स्थित विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए भारत को विश्व स्तर के बुनियादी ढांचे का निर्माण करना होगा. भूमि, पानी और बिजली में सुधार की जरूरत है. सिस्टम यानी प्रणाली में अत्याधुनिक तकनीक को अपनाना और समाज में डिजिटल तकनीक का उपयोग बढ़ाना जरूरी है. यह अर्थव्यवस्था का चालक साबित हो सकता है.