जयपुर. राजस्थान विधानसभा के मौजूदा सत्र का तीसरा चरण अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया हो, लेकिन इस संक्षिप्त सत्र में कई दिग्गज सदन से दूर हैं तो कुछ विधायक ऐसे भी रहे जो सदन में आकर भी अपने क्षेत्र की जनता की बात नहीं उठा पाए.
यह दिग्गज रहे सदन से दूर
मौजूदा सत्र के तीसरे चरण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित कई ऐसे बड़े दिग्गज राजनेता है जो सदन की बैठकों में शामिल नहीं हुए. इनमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अस्वस्थता के चलते सदन की कार्यवाही से दूर रहे तो पूर्व मुख्यमंत्री और झालरापाटन से विधायक वसुंधरा राजे अपनी पुत्रवधू के खराब स्वास्थ्य के चलते विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाई.
इस तरह पूर्व मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ विधायक अनिता भदेल भी खराब स्वास्थ्य के चलते सदन की बैठकों में उपस्थित नहीं रही. पूर्व मंत्री और मौजूदा कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी भी इस बार सदन में नजर नहीं आए. विश्वेंद्र सिंह पूर्व में सचिन पायलट खेमे से आते थे. वहीं, वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी ने पूर्व में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया था.
ये विधायक आए लेकिन नियमों के चलते नहीं पूछ पाए सवाल
एक सत्र में 100 प्रश्न जिसमें तारांकित और तारांकित प्रश्न लगाए जाने का कोटा है वो कोटा 25 विधायकों का पूर्ण हो चुका था. लिहाजा ये विधायक सदन में सवाल नहीं लगा सके. इसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़, भाजपा विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रकांता मेघवाल, धर्म नारायण जोशी, नारायण सिंह देवल, प्रताप सिंह सिंघवी, फूल सिंह मीणा,बिहारीलाल बिश्नोई, वासुदेव देवनानी, शंकर सिंह रावत, सुरेश टांक, हमीर सिंह भायल, अविनाश गहलोत, गोपीचंद मीणा, जोराराम कुमावत, अमृत लाल मीणा और सुमित गोदारा के नाम प्रमुख हैं.
इसी तरह वरिष्ठ कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर मदन प्रजापत शकुंतला रावतभी इस सूची में शामिल है. निर्दलीय विधायकों में बलजीत यादव और लक्ष्मण मीणा भी ऐसे विधायक रहे जो तारांकित और आतर अंकित सवाल नहीं लगा पाए. हालांकि इनमें से अधिकतर विधायकों ने शून्यकाल में स्थगन और नियम 295 के तहत जरूर कई मुद्दे उठाएं.
मौजूदा सत्र के तीसरे चरण में सदन की बैठकों में यूं तो अधिकतर विधायक शामिल हुए, लेकिन उनमें से सदन की कार्यवाही के दौरान पूरे समय कुछ भी विधायक विधानसभा में मौजूद रहे. खास तौर पर विपक्ष में प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया और उप नेता राजेन्द्र राठौड़ को तो सदन में मौजूद रहना पड़ा, लेकिन इसके अलावा कुछ विधायक ऐसे में रहे जो सदन की बैठक में कुछ देर के लिए शामिल हुए.
कुछ विधायक ऐसी भी रहे जो मौजूदा सत्र के दौरान जयपुर में रहे, लेकिन सदन की कुछ बैठक में शामिल हुए और कुछ बैठकों में अपने संगठनात्मक कार्यों में व्यस्त रहे खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस के मौके पर भाजपा विधायकों का यही हाल रहा वहीं, शनिवार को आमेर विधायक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सत्र की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए क्योंकि वह जोधपुर के संगठनात्मक प्रवास पर थे. इसी तरह पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मौजूदा सत्र के तीसरे चरण में एक दो बार ही सदन में नजर आए.