जयपुर. प्रदेश में धरियावद व वल्लभनगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की रणभेरी बज चुकी है. साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह उपचुनाव सत्ता के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है. इन उपचुनाव में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष सहित कुछ नेताओं की प्रतिष्ठा सीधे तौर पर दांव पर लगी है. भाजपा को इन सीटों पर कमल खिलाने के लिए इस बार खासा पसीना बहाना होगा.
पूनिया, कटारिया, राठौड़ और मेघवाल सहित इन नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर
कहने को तो उपचुनाव महज 2 सीटों पर है लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इन चुनाव की काफी अहमियत है और उसके परिणाम काफी कुछ भाजपा के कई दिग्गजों के सियासी भविष्य पर भी असर डालेगा. बात करते हैं उन्हीं दिग्गजों की जो सीधे तौर पर इन उपचुनाव से जुड़े हैं.
सतीश पूनिया पर पूरी जिम्मेदारी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उपचुनाव के परिणाम की पूरी जिम्मेदारी सतीश पूनिया पर रही है. क्योंकि यह चुनाव पूनिया के ही नेतृत्व में बीजेपी यहां लड़ेगी. हालांकि प्रदेश भाजपा ने वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा सीटों पर पहले ही उपचुनाव के लिए तैयारी तेज कर दी थी. सतीश पूनिया ने मेवाड़ क्षेत्र का कई बार दौरा किया है.
गुलाबचन्द कटारिया बड़ा नाम
वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा सीटें उदयपुर संभाग में आती हैं और भाजपा के लिए उदयपुर संभाग में सबसे बड़ा नाम नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का है. भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में भी कटारिया की जिम्मेदारी इन दोनों सीटों पर होने वाले उपचुनाव में ज्यादा हो जाती है. यहां हार और जीत से जुड़ा परिणाम सीधे तौर पर कटारिया के सियासी भविष्य पर भी असर डालेगा. क्योंकि दोनों ही सीटें गुलाबचंद कटारिया की प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई है.
पढ़ें. Rajasthan By election 2021: भाजपा भींडर पर नहीं लगाएगी दांव, ये साफ!
अर्जुन राम मेघवाल की साख
मोदी मंत्रिमंडल में शामिल केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का राजनीतिक क्षेत्र यूं तो बीकानेर है लेकिन इन उपचुनाव में संगठन मेघवाल को वल्लभनगर उपचुनाव में बतौर प्रभारी की जिम्मेदारी दी है. मतलब वल्लभनगर का चुनाव परिणाम सीधे तौर पर मेघवाल की प्रतिष्ठा से जुड़ गया है.
राजेन्द्र राठौड़ हैं प्रभारी की भूमिका में
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ का राजनीतिक युद्ध क्षेत्र चूरु है. लेकिन इन उप चुनावों में धरियावद उपचुनाव के लिए राठौड़ को प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है. मतलब धरियावद सीट पर भाजपा का कमल खिलाने की जिम्मेदारी राजेंद्र राठौड़ के जिम्मे है और यहा का आने वाला परिणाम सीधे तौर पर उनकी प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है.
अरुण सिंह और चंद्रशेखर की भी प्रतिष्ठा जुड़ी
भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्र शेखर की भी जिम्मेदारी उपचुनाव में जुड़ी है जो कि प्रदेश प्रभारी के तौर पर अरुण सिंह की प्रतिष्ठा सीधे तौर पर उप चुनाव से जुड़ी है. प्रदेश संगठन के अहम निर्णय में संगठन महामंत्री चंद्र शेखर की भूमिका भी महत्वपूर्ण और अहम होती है. यही कारण है कि उपचुनाव के आने वाले परिणाम सीधे तौर पर इन दोनों ही नेताओं की प्रतिष्ठा से जुड़े हैं.
पढ़ें. उपचुनाव का रण: प्रभारी और सह प्रभारी का फीडबैक तय करेगा उम्मीदवार, 5 अक्टूबर के बाद होगा नाम का ऐलान
सीपी जोशी और दीया कुमारी पर भी जिम्मा
सांसद सीपी जोशी और दीया कुमारी को इस बार पार्टी ने वल्लभनगर सीट पर बतौर उपचुनाव में सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी है. दीया कुमारी वर्तमान में राजसमंद से सांसद हैं तो सीपी जोशी चित्तौड़गढ़ से सांसद हैं. लेकिन वल्लभनगर उपचुनाव में इन्हें जिम्मेदारी मिली है. ऐसे में उपचुनाव से जुड़ा परिणाम सीधे तौर पर इनकी प्रतिष्ठा से जुड़ा है. विधायक सुरेश रावत और फूल सिंह मीणा को भी इस सीट पर सह प्रभारी की जिम्मेदारी मिली है. ऐसे में इनकी साख भी सीधे तौर पर उपचुनाव के परिणाम से जुड़ी है.
यह बड़े नेता कर सकते हैं सियासी प्रचार
इन दोनों सीटों पर प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान भाजपा की चुनावी सभा होगी जिसमें संभवता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़, सांसद दीया कुमारी, और सीपी जोशी के साथ ही प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह नामांकन सभा में मौजूद हो सकते हैं. इसके बाद होने वाली चुनावी सभाओं में भी ये नेता अपनी पूरी ताकत झोंकेंगे. वहीं कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा मौजूद रहेंगे तो उसी के जवाब में भाजपा के भी प्रदेश से जुड़े दिग्गज राजनेता अपने प्रत्याशियों के नामांकन सभा में शामिल होंगे.