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गर्भवती महिला को एडमिट ना करने का मामला, गणगौरी अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को किया खारिज

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Published : Apr 27, 2020, 9:12 PM IST

राजधानी के गणगौरी अस्पताल में गर्भवती महिला को एडमिट नहीं किए जाने के मसले ने सोमवार को पूरे दिन तूल पकड़ा. वहीं महिला अस्पताल में भर्ती पीड़ित महिला का गणगौरी अस्पताल प्रशासन ने एक ऑडियो क्लिप और टोंक से मिले डिस्चार्ज टिकट को जारी करते हुए आरोपों को खारिज किया है.

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गर्भवती महिला को एडमिट नहीं करने का मामला

जयपुर. परकोटे में स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल जो गणगौरी अस्पताल के नाम से भी जाना जाता है. कोरोना संक्रमण काल में भी यहां हर दिन 4 से 5 प्रसव हो रहे हैं. लेकिन इस अस्पताल पर शनिवार रात को एक गर्भवती महिला को भर्ती ना करने और दूसरे अस्पताल भेजने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगा है.

गर्भवती महिला को एडमिट नहीं करने का मामला

मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने अस्पताल प्रशासन से जवाब मांगा है. ऐसे में सोमवार को ये मामला पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा. वहीं अस्पताल प्रशासन जांच में जुटा रहा. इस दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉ. अजय माथुर ने पीड़ित महिला का एक ऑडियो और डिस्चार्ज टिकट जारी करते हुए बताया कि महिला को टोंक के सरकारी अस्पताल से जयपुर के महिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया था.

यह भी पढ़ेंः भाजपा ने कांग्रेस कार्यकर्ता के घर सरकारी राशन किट की जमाखोरी का लगाया आरोप

वहीं जांच के दौरान जब अस्पताल की वरिष्ठ डॉक्टर महिला अस्पताल पहुंची तो यहां पीड़ित ने बताया कि वो गणगौरी अस्पताल पहुंची ही नहीं थी. अस्पताल प्रशासन ने राज्य सरकार को भी यही जवाब भेजा है कि गर्भवती महिला गणगौरी अस्पताल नहीं आई. हालांकि महिला अस्पताल में भर्ती महिला और उसका बच्चा अब सुरक्षित है. लेकिन सवाल यही उठ रहा है कि लॉकडाउन के दौरान एक गर्भवती महिला आखिर क्यों सड़कों पर भटकने को मजबूर हुई.

जयपुर. परकोटे में स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल जो गणगौरी अस्पताल के नाम से भी जाना जाता है. कोरोना संक्रमण काल में भी यहां हर दिन 4 से 5 प्रसव हो रहे हैं. लेकिन इस अस्पताल पर शनिवार रात को एक गर्भवती महिला को भर्ती ना करने और दूसरे अस्पताल भेजने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगा है.

गर्भवती महिला को एडमिट नहीं करने का मामला

मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने अस्पताल प्रशासन से जवाब मांगा है. ऐसे में सोमवार को ये मामला पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा. वहीं अस्पताल प्रशासन जांच में जुटा रहा. इस दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉ. अजय माथुर ने पीड़ित महिला का एक ऑडियो और डिस्चार्ज टिकट जारी करते हुए बताया कि महिला को टोंक के सरकारी अस्पताल से जयपुर के महिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया था.

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वहीं जांच के दौरान जब अस्पताल की वरिष्ठ डॉक्टर महिला अस्पताल पहुंची तो यहां पीड़ित ने बताया कि वो गणगौरी अस्पताल पहुंची ही नहीं थी. अस्पताल प्रशासन ने राज्य सरकार को भी यही जवाब भेजा है कि गर्भवती महिला गणगौरी अस्पताल नहीं आई. हालांकि महिला अस्पताल में भर्ती महिला और उसका बच्चा अब सुरक्षित है. लेकिन सवाल यही उठ रहा है कि लॉकडाउन के दौरान एक गर्भवती महिला आखिर क्यों सड़कों पर भटकने को मजबूर हुई.

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