जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण को नींदड़ आवासीय योजना से प्रभावित 80 काश्तकारों द्वारा एक सप्ताह में भूमि समर्पित की जा चुकी है. 7 काश्तकारों को बुधवार को आरक्षण पत्र जारी किए गए हैं और बचे हुए काश्तकारों को भी जल्द आरक्षण पत्र जारी किए जाएंगे.
ऐसे में फिलहाल नींदड़ के किसान दो गुटों में बंटे हुए नजर आ रहे हैं. एक गुट अपनी जमीन को जेडीए को सुपुर्द कर चुका है. वहीं दूसरा गुट आंदोलन की राह पर है. नगेंद्र सिंह शेखावत सहित पांच किसान जमीन समाधि लेकर जेडीए की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं और उनके साथ सैकड़ों किसान कड़ाके की ठंड में देर रात 12:30 बजे तक भी सत्याग्रह स्थल पर मौजूद रहे.
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वहीं नगेंद्र सिंह ने कहा, कि आंदोलन को 2 दिन हो चुके हैं, लेकिन सरकार का कोई नुमाइंदा अब तक उनसे बातचीत करने नहीं पहुंचा है. उन्होंने कहा, कि कड़ाके की ठंड के बावजूद अपनी जमीन के लिए किसान ये कष्ट सह रहे हैं. यदि सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं देगी, तो रोजाना जमीन समाधि लेने वालों की संख्या बढ़ेगी. इनमें महिला किसान भी शामिल होंगी.
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हालांकि जेडीए ने इस आंदोलन को गरीब और आम किसानों को गुमराह करने वाला बताया है. ऐसे में किसानों का एक गुट जेडीए को जमीन समर्पित कर चुका है, जबकि दूसरे गुट ने 2 साल पहले उठाए कदम को फिर दोहराया है.