जयपुर. लॉकडाउन के दौरान भी समिति से जुड़े सदस्य सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करते हुए न केवल इस बारे में चर्चा करते हैं. बल्कि समिति से जुड़े चिकित्सकों की मदद से मोहल्ले के अन्य लोगों को भी जागरूक करने का काम कर रहे हैं. जयपुर के त्रिवेणी नगर में ऐसी ही एक मोहल्ला विकास समिति के सदस्यों से की ईटीवी भारत ने की बात.
समिति में मोहल्ले में रहने वाले चिकित्सक भी पदाधिकारी हैं तो वहीं समाजसेवी भी इस समिति में शामिल हैं. नागरिक समिति में शामिल यह सदस्य जब चर्चा के लिए बैठते हैं तो भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हैं. साथ ही क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी चिकित्सक मुकेश शर्मा के जरिए जागरूक करवाने का कार्य करते हैं. चिकित्सक के जरिए लॉकडाउन के दौरान इस महामारी से बचाव के लिए किस प्रकार की एतिहात बरतना चाहिए, उसकी जानकारी भी साझा करवाते हैं.
चिकित्सक की नजरों में यह सावधानी रखना बेहद जरूरी...
समिति में शामिल वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक और SMS अस्पताल के पूर्व सहायक प्रोफेसर डॉ. मुकेश शर्मा के अनुसार इस महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग सबसे बड़ा कारगर उपाय है. साथ ही जीवन में कुछ छोटी-छोटी बातें अपनाकर इस महामारी से बचाव किया जा सकता है. शर्मा बताते हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही घर में यदि कोई सामान लेकर आ भी रहे हैं तो उसे घर में लाने के साथ ही संक्रमण मुक्त करना बेहद जरूरी है.
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खासतौर पर जो खाद्य या सब्जी और फल सामग्री धूल सकती है उसे साबुन के पानी से नमक डालकर धो लें और फिर सूखने के बाद ही इस्तेमाल करें. वहीं जो सूखी सामग्री है जिसे धोया नहीं जा सकता. उसे कुछ घंटों के लिए धूप में रख दें और बाजार से लाने के बाद जहां तक संभव हो 48 घंटे बाद ही इस्तेमाल करें. शर्मा के अनुसार बिना हाथ धोए मुंह आंख या नाक पर हाथ कभी ना लगाएं. इस बात का ध्यान रखना मौजूदा समय में बेहद जरूरी है.
सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए समिति कर रही सेवा...
मोहल्ला विकास समिति में शामिल कुछ सदस्य समाजसेवी भी हैं, जो मोहल्ले के लोगों को तो जागरूक कर ही रहे हैं. साथ ही विपदा के समय में एकजुट होकर जरूरतमंदों की सेवा में भी जुटे हैं. रामा कृष्णा जन कल्याण ट्रस्ट से जुड़े वीरेंद्र भार्गव इस समिति में पदाधिकारी हैं. उनके अनुसार जनसेवा के इस काम में भी सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा को पहली प्राथमिकता दी गई है. यही कारण है की जरूरतमंदों के लिए तैयार किए जा रहे हैं खाद्य सामग्री के पैकेट का वितरण भी पुलिस की मदद से ही करवाया जा रहा है.