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पॉजिटिव से नेगेटिव हो रहा प्रदेश का पर्यटन, पिछले वित्तीय वर्ष में 35 लाख से अधिक पर्यटक आए भृमण पर

प्रदेश में पिछले साल से फैले कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगा दिया गया था. जिसका असर पर्यटन पर साफ दिखाई दिया था. वहीं अब राजस्थान में पर्यटन आगे बढ़ रहा है और पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 1 मार्च 2021 तक प्रदेश में पर्यटकों की संख्या 35 लाख 53 हजार 462 रही है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अब इस वित्तीय वर्ष में इस संख्या में और इजाफा होगा.

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Published : Apr 5, 2021, 4:58 PM IST

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पिछले वित्तीय वर्ष में पर्यटन में हुआ सुधार

जयपुर. प्रदेश में पिछले वर्ष लगें लॉकडाउन का सबसे बड़ा असर पर्यटन पर देखने को मिला था. वहीं लॉकडाउन लग जाने और कोविड के बढ़ रहे संक्रमण के चलते प्रदेश के पर्यटन की कमर भी टूट गई थी. लेकिन अब प्रदेश के पर्यटन उद्योग के लिए अच्छी खबर है.

पिछले वित्तीय वर्ष में पर्यटन में हुआ सुधार

कोविड-19 के ऊपर पर्यटन जीत की ओर आगे बढ़ रहा है. वित्तीय वर्ष भी खत्म हो गया है. 31 मार्च 2021 तक प्रदेश में पर्यटकों की संख्या 35 लाख 53 हजार 462 रही है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अब इस वित्तीय वर्ष में इस संख्या में और इजाफा होगा. इससे न केवल प्रदेश के पर्यटन उद्योग को मजबूती मिलेगी, साथ ही पर्यटन से जुड़े लाखों लोग जो कोविड-19 की चपेट में आकर बेरोजगार हो गए थे, उन्हें भी एक बार फिर अपने पसंदीदा रोजगार से जुड़ने का मौका मिलेगा.

वित्तीय वर्ष 2020-21 खत्म हो गया है और नया वित्तीय वर्ष शुरू गया है और नए वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही प्रदेश में पर्यटन पॉजिटिव से नेगेटिव की ओर बढ़ रहा है. जो कि प्रदेश के पर्यटन के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है.

बता दें कि राजधानी जयपुर के स्मारक देश और दुनिया में इतनी प्रसिद्धि हासिल कर चुके हैं कि गूगल पर भी एक क्लिक करें तो एक-एक स्मारक खुल जाते हैं. कोविड-19 संकट के चलते प्रदेश में पिछले वर्ष 18 मार्च को सभी पर्यटन स्थल जिनमें मॉन्यूमेंट म्यूजियम, नेशनल पार्क, बायोलॉजिकल पार्क, सफारी सभी को बंद कर दिया था. यही नहीं टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े तमाम स्टेक होल्डर जिनमें होटल, रिसोर्ट, रेस्टोरेंट, हाथी गांव जैसे तमाम पर्यटन से जुड़े स्थलों को भी बंद कर दिया गया था. इससे पर्यटन उद्योग को अरबों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा.

आखिर अनलॉक वन में पिछले साल 1 जून को प्रदेश के पर्यटन स्थलों को शुरू कर दिया गया था. इसके बाद 8 जून से तमाम होटल रेस्टोरेंट और पर्यटन से जुड़े अन्य स्थल बना सैलानियों के लिए खोल दिए गए थे. अब पिछले वित्तीय वर्ष से लगातार पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं पर्यटकों की संख्या बढ़ने से होटल रेस्टोरेंट इंडस्ट्री के चेहरे पर भी रौनक लौटने लगी है. प्रदेश में 1 सितंबर से पर्यटन सत्र शुरू हुआ था. सितंबर के महीने में कोविड के बावजूद रिकॉर्ड तोड़ पर्यटकों का आगमन हुआ था. इसके बाद कोविड-19 का खौफ कम होता गया और प्रदेश में पर्यटकों की संख्या बढ़ती चली गई.

वहीं पिछले दिनों राजस्थान पर्यटन को कोलकाता टीटीएफ मैप सेफ टूरिस्ट डेस्टिनेशन का भी अवार्ड मिल चुका है. इस दौरान सबसे खास बात यह थी कि राजधानी जयपुर के स्मारकों का पर्यटकों में खासा क्रेज देखने को मिला. प्रदेश में आए कुल प्रयटकों में से 75 फीसदी जयपुर, 25 फीसदी राजस्थान के स्मारकों पर पहुंचे. पिछले वित्तिय साल में 35 लाख 53 हजार 462 पर्यटक प्रदेश के स्मारकों पर पहुंचे. वहीं अभी तक सबसे ज्यादा पर्यटक नाहरगढ़ और विश्व विरासत में शुमार आमेर में पहुंचे हैं.

पढ़ें- राजस्थान में नहीं लगाया जाएगा लॉकडाउन: चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा

आमेर में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसके साथ ही राजधानी के बाद सर्वाधिक संख्या अलवर गागरोन किला चित्तौड़ में पर्यटकों की रही. प्रदेश में पर्यटन उद्योग से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं. जिनमें छोटे-छोटे वंडर होकर से लेकर गाइड महावत लोक कलाकार और बड़े स्तर पर होटल रिसोर्ट संचालक तक शामिल है.

वहीं कोविड-19 का इन सभी पर बुरा असर हुआ है. अब प्रयास करने चाहिए कि प्रदेश में इस तरह का माहौल तैयार किया जाए. जिससे घरेलू पर्यटक ज्यादा से ज्यादा संख्या में आए. वहीं राजस्थान टूरिज्म इंडस्ट्री को भी उम्मीद है कि शूरु हुए इस नए वित्तीय वर्ष में ये ट्रेंड पूरा रहा तो टूरिज्म इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी.

जयपुर. प्रदेश में पिछले वर्ष लगें लॉकडाउन का सबसे बड़ा असर पर्यटन पर देखने को मिला था. वहीं लॉकडाउन लग जाने और कोविड के बढ़ रहे संक्रमण के चलते प्रदेश के पर्यटन की कमर भी टूट गई थी. लेकिन अब प्रदेश के पर्यटन उद्योग के लिए अच्छी खबर है.

पिछले वित्तीय वर्ष में पर्यटन में हुआ सुधार

कोविड-19 के ऊपर पर्यटन जीत की ओर आगे बढ़ रहा है. वित्तीय वर्ष भी खत्म हो गया है. 31 मार्च 2021 तक प्रदेश में पर्यटकों की संख्या 35 लाख 53 हजार 462 रही है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अब इस वित्तीय वर्ष में इस संख्या में और इजाफा होगा. इससे न केवल प्रदेश के पर्यटन उद्योग को मजबूती मिलेगी, साथ ही पर्यटन से जुड़े लाखों लोग जो कोविड-19 की चपेट में आकर बेरोजगार हो गए थे, उन्हें भी एक बार फिर अपने पसंदीदा रोजगार से जुड़ने का मौका मिलेगा.

वित्तीय वर्ष 2020-21 खत्म हो गया है और नया वित्तीय वर्ष शुरू गया है और नए वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही प्रदेश में पर्यटन पॉजिटिव से नेगेटिव की ओर बढ़ रहा है. जो कि प्रदेश के पर्यटन के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है.

बता दें कि राजधानी जयपुर के स्मारक देश और दुनिया में इतनी प्रसिद्धि हासिल कर चुके हैं कि गूगल पर भी एक क्लिक करें तो एक-एक स्मारक खुल जाते हैं. कोविड-19 संकट के चलते प्रदेश में पिछले वर्ष 18 मार्च को सभी पर्यटन स्थल जिनमें मॉन्यूमेंट म्यूजियम, नेशनल पार्क, बायोलॉजिकल पार्क, सफारी सभी को बंद कर दिया था. यही नहीं टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े तमाम स्टेक होल्डर जिनमें होटल, रिसोर्ट, रेस्टोरेंट, हाथी गांव जैसे तमाम पर्यटन से जुड़े स्थलों को भी बंद कर दिया गया था. इससे पर्यटन उद्योग को अरबों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा.

आखिर अनलॉक वन में पिछले साल 1 जून को प्रदेश के पर्यटन स्थलों को शुरू कर दिया गया था. इसके बाद 8 जून से तमाम होटल रेस्टोरेंट और पर्यटन से जुड़े अन्य स्थल बना सैलानियों के लिए खोल दिए गए थे. अब पिछले वित्तीय वर्ष से लगातार पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं पर्यटकों की संख्या बढ़ने से होटल रेस्टोरेंट इंडस्ट्री के चेहरे पर भी रौनक लौटने लगी है. प्रदेश में 1 सितंबर से पर्यटन सत्र शुरू हुआ था. सितंबर के महीने में कोविड के बावजूद रिकॉर्ड तोड़ पर्यटकों का आगमन हुआ था. इसके बाद कोविड-19 का खौफ कम होता गया और प्रदेश में पर्यटकों की संख्या बढ़ती चली गई.

वहीं पिछले दिनों राजस्थान पर्यटन को कोलकाता टीटीएफ मैप सेफ टूरिस्ट डेस्टिनेशन का भी अवार्ड मिल चुका है. इस दौरान सबसे खास बात यह थी कि राजधानी जयपुर के स्मारकों का पर्यटकों में खासा क्रेज देखने को मिला. प्रदेश में आए कुल प्रयटकों में से 75 फीसदी जयपुर, 25 फीसदी राजस्थान के स्मारकों पर पहुंचे. पिछले वित्तिय साल में 35 लाख 53 हजार 462 पर्यटक प्रदेश के स्मारकों पर पहुंचे. वहीं अभी तक सबसे ज्यादा पर्यटक नाहरगढ़ और विश्व विरासत में शुमार आमेर में पहुंचे हैं.

पढ़ें- राजस्थान में नहीं लगाया जाएगा लॉकडाउन: चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा

आमेर में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसके साथ ही राजधानी के बाद सर्वाधिक संख्या अलवर गागरोन किला चित्तौड़ में पर्यटकों की रही. प्रदेश में पर्यटन उद्योग से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं. जिनमें छोटे-छोटे वंडर होकर से लेकर गाइड महावत लोक कलाकार और बड़े स्तर पर होटल रिसोर्ट संचालक तक शामिल है.

वहीं कोविड-19 का इन सभी पर बुरा असर हुआ है. अब प्रयास करने चाहिए कि प्रदेश में इस तरह का माहौल तैयार किया जाए. जिससे घरेलू पर्यटक ज्यादा से ज्यादा संख्या में आए. वहीं राजस्थान टूरिज्म इंडस्ट्री को भी उम्मीद है कि शूरु हुए इस नए वित्तीय वर्ष में ये ट्रेंड पूरा रहा तो टूरिज्म इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी.

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