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जयपुर : सामाजिक मुद्दों को लेकर 4 साल बाद होगी अहम बैठक...सामाजिक संगठनों के साथ मुख्य सचिव 23 जनवरी को करेंगे चर्चा - 23 January meeting on social issues

इससे पहले वसुंधरा सरकार में 2016-17 में इस तरह की बैठक हुई थी. लम्बे समय से सामाजिक संगठन इस तरह की बैठक आयोजित करने की मांग कर रहे थे.

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सामाजिक मुद्दों पर 23 जनवरी को अहम बैठक
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Published : Jan 18, 2021, 7:24 PM IST

जयपुर. सामाजिक मुद्दों को लेकर 4 साल बाद अहम बैठक होगी. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 23 जनवरी को होने वाली इस बैठक में सभी विभागों के आला अधिकारियों के साथ-साथ करीब एक दर्जन से ज्यादा सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल होंगे. बैठक में महिला उत्पीड़न, ग्रामीण विकास, दलित अत्याचार, शिक्षा-स्वास्थ्य, सिलिकोसिस पीड़ित, प्रशासनिक सुधार, जवाबदेही कानून, सामाजिक अंकेक्षण इकाई का गठन सहित कई सामाजिक मुद्दों पर चर्चा होगी.

शासन सचिवालय में सरकार के आला अधिकारी गुड गवर्नेंस, सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की क्रियान्विति, जन शिकायतों के निपटारे, विभागीय कामकाजों की समीक्षा के साथ ही शासन प्रशासन से जुड़े मुद्दों अक्सर बैठक लेते रहते हैं. लेकिन 23 जनवरी को कई साल बाद सचिवालय में सामाजिक मुद्दों पर विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी. मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कई विभागों के आला अधिकारी भी मौजूद रहेंगे और कई सामाजिक मुद्दों पर इस बैठक में चर्चा की जाएगी.

पढ़ें- चूरू में पुरानी रंजिश को लेकर दो पक्षों में पत्थरबाजी, 4 थानों की पुलिस, आरएसी और वज्र वाहन किया तैनात

जानकारी के मुताबिक 23 जनवरी को 11 बजे यह बैठक प्रस्तावित है. इस बैठक में करीब 20 विभागों के आला अधिकारी मौजूद रहेंगे. बैठक में महिला उत्पीड़न, ग्रामीण विकास, दलित अत्याचार, शिक्षा - स्वास्थ्य, सिलिकोसिस पीड़ित, प्रशासनिक सुधार, जवाबदेही कानून, सामाजिक अंकेक्षण इकाई का गठन सहित कई सामाजिक मुद्दों पर चर्चा प्रस्तावित है. बैठक में सामाजिक संगठनों की ओर से भी सरकार के सामने विभिन्न मुद्दों पर तथ्यात्मक स्थिति, अन्य राज्यों की अच्छी चीजों के साथ ही व्यवस्थाओं में सुधार के साथ ही कई नई व्यवस्थाओं, कानून लाने संबंधी सुझाव भी दिए जा सकते हैं. जिन पर सरकारी स्तर पर मंथन कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस बैठक में सामने आए निष्कर्षों, सुझावों के बारे में अवगत करवाया जाएगा.

आपको बता दें कि गहलोत सरकार बनने के बाद पहली बार सामाजिक संगठनों के साथ में बड़े स्तर पर यह बैठक होगी. हालांकि पिछले साल राज्य में कोरोना महामारी के चलते मुख्यमंत्री गहलोत के स्तर पर राजनीतिक, धार्मिक, गैर राजनीम​तिक समेत अन्य संगठनों के साथ ही बैठक की गई थी लेकिन इस बैठक में फोकस कोरोना की रोकथाम और कोरोना से बचाव के लिए जन जागरूकता लाने पर ही रहा. इससे पहले वसुंधरा सरकार में 2016-17 में इस तरह की बैठक हुई थी. लम्बे समय से सामाजिक संगठन इस तरह की बैठक आयोजित करने की मांग कर रहे थे.

बैठक में ये रहेंगे शामिल- बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे, कमल टाक, कविता श्रीवास्तव, कोमल श्रीवास्तव, रेणुका पामेचा, सतीश मेमन, हरकेश बुगालिया सहित कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे और सरकार के समक्ष अपनी बात रखेंगे.

जयपुर. सामाजिक मुद्दों को लेकर 4 साल बाद अहम बैठक होगी. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 23 जनवरी को होने वाली इस बैठक में सभी विभागों के आला अधिकारियों के साथ-साथ करीब एक दर्जन से ज्यादा सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल होंगे. बैठक में महिला उत्पीड़न, ग्रामीण विकास, दलित अत्याचार, शिक्षा-स्वास्थ्य, सिलिकोसिस पीड़ित, प्रशासनिक सुधार, जवाबदेही कानून, सामाजिक अंकेक्षण इकाई का गठन सहित कई सामाजिक मुद्दों पर चर्चा होगी.

शासन सचिवालय में सरकार के आला अधिकारी गुड गवर्नेंस, सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की क्रियान्विति, जन शिकायतों के निपटारे, विभागीय कामकाजों की समीक्षा के साथ ही शासन प्रशासन से जुड़े मुद्दों अक्सर बैठक लेते रहते हैं. लेकिन 23 जनवरी को कई साल बाद सचिवालय में सामाजिक मुद्दों पर विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी. मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कई विभागों के आला अधिकारी भी मौजूद रहेंगे और कई सामाजिक मुद्दों पर इस बैठक में चर्चा की जाएगी.

पढ़ें- चूरू में पुरानी रंजिश को लेकर दो पक्षों में पत्थरबाजी, 4 थानों की पुलिस, आरएसी और वज्र वाहन किया तैनात

जानकारी के मुताबिक 23 जनवरी को 11 बजे यह बैठक प्रस्तावित है. इस बैठक में करीब 20 विभागों के आला अधिकारी मौजूद रहेंगे. बैठक में महिला उत्पीड़न, ग्रामीण विकास, दलित अत्याचार, शिक्षा - स्वास्थ्य, सिलिकोसिस पीड़ित, प्रशासनिक सुधार, जवाबदेही कानून, सामाजिक अंकेक्षण इकाई का गठन सहित कई सामाजिक मुद्दों पर चर्चा प्रस्तावित है. बैठक में सामाजिक संगठनों की ओर से भी सरकार के सामने विभिन्न मुद्दों पर तथ्यात्मक स्थिति, अन्य राज्यों की अच्छी चीजों के साथ ही व्यवस्थाओं में सुधार के साथ ही कई नई व्यवस्थाओं, कानून लाने संबंधी सुझाव भी दिए जा सकते हैं. जिन पर सरकारी स्तर पर मंथन कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस बैठक में सामने आए निष्कर्षों, सुझावों के बारे में अवगत करवाया जाएगा.

आपको बता दें कि गहलोत सरकार बनने के बाद पहली बार सामाजिक संगठनों के साथ में बड़े स्तर पर यह बैठक होगी. हालांकि पिछले साल राज्य में कोरोना महामारी के चलते मुख्यमंत्री गहलोत के स्तर पर राजनीतिक, धार्मिक, गैर राजनीम​तिक समेत अन्य संगठनों के साथ ही बैठक की गई थी लेकिन इस बैठक में फोकस कोरोना की रोकथाम और कोरोना से बचाव के लिए जन जागरूकता लाने पर ही रहा. इससे पहले वसुंधरा सरकार में 2016-17 में इस तरह की बैठक हुई थी. लम्बे समय से सामाजिक संगठन इस तरह की बैठक आयोजित करने की मांग कर रहे थे.

बैठक में ये रहेंगे शामिल- बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे, कमल टाक, कविता श्रीवास्तव, कोमल श्रीवास्तव, रेणुका पामेचा, सतीश मेमन, हरकेश बुगालिया सहित कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे और सरकार के समक्ष अपनी बात रखेंगे.

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