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सरकार को चेतावनी: कोचिंग इंस्टिट्यूट नहीं खोले गए तो बढ़ सकती है आत्महत्या करने वाले कोचिंग संचालकों की संख्या

ऑल कोचिंग इंस्टिट्यूट महासंघ ने बुधवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए सरकार को चेतावनी दी गई कि यदि जल्द ही कोचिंग संस्थान नहीं खोले गए तो आत्महत्या करने वाले कोचिंग संचालकों और उनमें काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ सकती है.

Coaching operators submitted memorandum,  warning to government
ऑल कोचिंग इंस्टिट्यूट महासंघ
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Published : Jul 7, 2021, 4:22 PM IST

Updated : Jul 7, 2021, 5:07 PM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण कम होने के साथ ही सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार की ओर से हर क्षेत्र में छूट दी जा रही है. संक्रमण कम होने के साथ ही शिक्षण संस्थानों को भी हो छूट देने की मांग उठ रही है. लेकिन, अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है.

पढ़ें- REET 2021 : आवेदन के बाद विधवा हुई अभ्यर्थियों को CM ने दी बड़ी राहत, विधवा श्रेणी से कर सकेंगी आवेदन

दूसरी ओर कोचिंग संस्थानों को खोलने की लगातार मांग उठाई जा रही है. इस संबंध में ऑल कोचिंग इंस्टिट्यूट महासंघ ने बुधवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम इकबाल खान को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए सरकार को चेतावनी भी दी गई कि यदि जल्द ही कोचिंग संस्थान नहीं खोले गए तो आत्महत्या करने वाले कोचिंग संचालकों और उनमें काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ सकती है.

सरकार को चेतावनी

50 फीसदी क्षमता के साथ कोचिंग खोलने की अनुमति की मांग

ज्ञापन के माध्यम से कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने लॉकडाउन से हुए नुकसान का आर्थिक सर्वे कर यथासंभव राहत पैकेज देने या करों में छूट देने और गाइडलाइन की पालना के साथ ही 50 फीसदी क्षमता के साथ कोचिंग संचालन की अनुमति देने की मांग की.

12 लाख लोगों की दयनीय हालत

कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने बताया कि कोचिंग संस्थानों से संबंध रखने वाले हॉस्टल और लाइब्रेरियां बंद पड़ी है. इसके कारण इस क्षेत्र में कार्य करने वाले कोचिंग जगत में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभांवित होने वाले लगभग 12 लाख लोग आर्थिक विषमताओं के कारण दयनीय हालत में जीवन गुजारने को मजबूर हैं.

सुसाइड करने वालों की संख्या बढ़ सकती है

कोचिंग प्रतिनिधियों ने बताया कि कोरोना काल में कई शिक्षक और कर्मचारी आर्थिक हालात से तंग आकर आत्महत्या भी कर चुके हैं. यदि कोचिंग संस्थाओं को खोला नहीं गया तो यह संख्या बढ़ सकती है. ज्ञापन के जरिए प्रधानमंत्री से भी मांग की गई कि प्रधानमंत्री जल्द से जल्द प्रशासनिक आदेश देकर कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए 50 फीसदी क्षमता के साथ कोचिंग संस्थानों में शिक्षण की अनुमति दे. साथ ही कोचिंग संस्थानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार आर्थिक पैकेज जारी करें अथवा टैक्स में छूट देने का आदेश जारी करें.

पढ़ें- महंगाई के विरोध में महिला कांग्रेस का प्रदर्शन, कोरोना गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां...पुलिस बनी रही मूकदर्शक

आंदोलन की चेतावनी

प्रदेश महासचिव अजय अग्रवाल ने कहा कि दो साल होने को आए हैं. विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है. कोचिंग व्यवस्था से जुड़े लोगों का व्यवसाय ठप हो चुका है. ऐसे में आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है. यदि जल्द ही कोचिंग संस्थान नहीं खोले गए तो स्कूल संचालक सड़क पर आ कर आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

Coaching operators submitted memorandum,  warning to government
एक बैनर बना रहा चर्चा का विषय

लाखों लोग इस व्यवसाय से जुड़े

प्रदेश अध्यक्ष अनीश कुमार शर्मा ने कहा कि राजस्थान में लाखों लोगों कोचिंग इंस्टिट्यूट व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. जयपुर, कोटा और सीकर जैसे शहरों में लाखों विद्यार्थी पढ़ते हैं, लेकिन उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. कोचिंग खोलने के लिए सरकार की ओर से जो भी गाइडलाइन जारी किया जाएगा, उसका पूरी तरह से पालन किया जाएगा. अनीश कुमार ने कहा कि यदि कोचिंग संस्थान नहीं खोले जाते हैं तो आत्महत्या करने वाले लोगों की संख्या और बढ़ेगी.

एक बैनर बना रहा चर्चा का विषय

वहीं, कोचिंग संचालकों ने लॉकडाउन के कारण आत्महत्या करने वाले कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों और कर्मचारियों को श्रद्धांजलि भी दी. साथ ही इंस्टिट्यूट संचालक एक बैनर के लेकर आए थे जो चर्चा का विषय रहा. बैनर के एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोचिंग संस्थानों की आर्थिक स्थिति ठीक करने और कोचिंग संस्थानों को खोलने की अपील की गई थी. बीच में फांसी का चिन्ह बना हुआ था, जहां स्कूल संचालक लिखा हुआ था.

जयपुर. कोरोना संक्रमण कम होने के साथ ही सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार की ओर से हर क्षेत्र में छूट दी जा रही है. संक्रमण कम होने के साथ ही शिक्षण संस्थानों को भी हो छूट देने की मांग उठ रही है. लेकिन, अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है.

पढ़ें- REET 2021 : आवेदन के बाद विधवा हुई अभ्यर्थियों को CM ने दी बड़ी राहत, विधवा श्रेणी से कर सकेंगी आवेदन

दूसरी ओर कोचिंग संस्थानों को खोलने की लगातार मांग उठाई जा रही है. इस संबंध में ऑल कोचिंग इंस्टिट्यूट महासंघ ने बुधवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम इकबाल खान को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए सरकार को चेतावनी भी दी गई कि यदि जल्द ही कोचिंग संस्थान नहीं खोले गए तो आत्महत्या करने वाले कोचिंग संचालकों और उनमें काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ सकती है.

सरकार को चेतावनी

50 फीसदी क्षमता के साथ कोचिंग खोलने की अनुमति की मांग

ज्ञापन के माध्यम से कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने लॉकडाउन से हुए नुकसान का आर्थिक सर्वे कर यथासंभव राहत पैकेज देने या करों में छूट देने और गाइडलाइन की पालना के साथ ही 50 फीसदी क्षमता के साथ कोचिंग संचालन की अनुमति देने की मांग की.

12 लाख लोगों की दयनीय हालत

कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने बताया कि कोचिंग संस्थानों से संबंध रखने वाले हॉस्टल और लाइब्रेरियां बंद पड़ी है. इसके कारण इस क्षेत्र में कार्य करने वाले कोचिंग जगत में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभांवित होने वाले लगभग 12 लाख लोग आर्थिक विषमताओं के कारण दयनीय हालत में जीवन गुजारने को मजबूर हैं.

सुसाइड करने वालों की संख्या बढ़ सकती है

कोचिंग प्रतिनिधियों ने बताया कि कोरोना काल में कई शिक्षक और कर्मचारी आर्थिक हालात से तंग आकर आत्महत्या भी कर चुके हैं. यदि कोचिंग संस्थाओं को खोला नहीं गया तो यह संख्या बढ़ सकती है. ज्ञापन के जरिए प्रधानमंत्री से भी मांग की गई कि प्रधानमंत्री जल्द से जल्द प्रशासनिक आदेश देकर कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए 50 फीसदी क्षमता के साथ कोचिंग संस्थानों में शिक्षण की अनुमति दे. साथ ही कोचिंग संस्थानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार आर्थिक पैकेज जारी करें अथवा टैक्स में छूट देने का आदेश जारी करें.

पढ़ें- महंगाई के विरोध में महिला कांग्रेस का प्रदर्शन, कोरोना गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां...पुलिस बनी रही मूकदर्शक

आंदोलन की चेतावनी

प्रदेश महासचिव अजय अग्रवाल ने कहा कि दो साल होने को आए हैं. विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है. कोचिंग व्यवस्था से जुड़े लोगों का व्यवसाय ठप हो चुका है. ऐसे में आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है. यदि जल्द ही कोचिंग संस्थान नहीं खोले गए तो स्कूल संचालक सड़क पर आ कर आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

Coaching operators submitted memorandum,  warning to government
एक बैनर बना रहा चर्चा का विषय

लाखों लोग इस व्यवसाय से जुड़े

प्रदेश अध्यक्ष अनीश कुमार शर्मा ने कहा कि राजस्थान में लाखों लोगों कोचिंग इंस्टिट्यूट व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. जयपुर, कोटा और सीकर जैसे शहरों में लाखों विद्यार्थी पढ़ते हैं, लेकिन उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. कोचिंग खोलने के लिए सरकार की ओर से जो भी गाइडलाइन जारी किया जाएगा, उसका पूरी तरह से पालन किया जाएगा. अनीश कुमार ने कहा कि यदि कोचिंग संस्थान नहीं खोले जाते हैं तो आत्महत्या करने वाले लोगों की संख्या और बढ़ेगी.

एक बैनर बना रहा चर्चा का विषय

वहीं, कोचिंग संचालकों ने लॉकडाउन के कारण आत्महत्या करने वाले कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों और कर्मचारियों को श्रद्धांजलि भी दी. साथ ही इंस्टिट्यूट संचालक एक बैनर के लेकर आए थे जो चर्चा का विषय रहा. बैनर के एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोचिंग संस्थानों की आर्थिक स्थिति ठीक करने और कोचिंग संस्थानों को खोलने की अपील की गई थी. बीच में फांसी का चिन्ह बना हुआ था, जहां स्कूल संचालक लिखा हुआ था.

Last Updated : Jul 7, 2021, 5:07 PM IST
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