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रिटायर्ड आईएएस मधुकर गुप्ता होंगे राज्य के नए निर्वाचन आयुक्त - राज्य का निर्वाचन आयुक्त

राज्य निर्वाचन आयोग को नया आयुक्त मिल गया है. रिटायर्ड आईएएस मधुकर गुप्ता को राज्य का निर्वाचन आयुक्त बनाया गया है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने मधुकर गुप्ता के नियुक्ति आदेश जारी कर दिए हैं. गुप्ता 1985 बैच के राजस्थान कैडर के रिटायर्ड आईएएस हैं.

IAS Madhukar Gupta appointed new state election commissioner
रिटायर्ड आईएएस मधुकर गुप्ता होंगे राज्य के नए निर्वाचन आयुक्त, राज्यपाल ने जारी किए नियुक्ति आदेश
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Published : Aug 13, 2022, 8:17 PM IST

जयपुर. राज्य निर्वाचन आयोग में खाली चल रहे आयुक्त पद पर रिटायर्ड आईएएस मधुकर गुप्ता को आयुक्त बनाया गया (New state election commissioner appointed) है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने मधुकर गुप्ता के नियुक्ति आदेश जारी किए हैं. गुप्ता की नियुक्ति 5 साल के लिए की गई है. जुलाई में पूर्व आईएएस और आयुक्त प्रेम सिंह मेहरा के रिटायर्ड होने के बाद से ये पद खाली चल रहा था.

कौन हैं मधुकर गुप्ता: रिटायर्ड आईएएस मधुकर गुप्ता नए राज्य निर्वाचन आयुक्त होंगे. वे 1985 बैच के राजस्थान कैडर के रिटायर्ड आईएएस हैं. राज्यपाल कलराज मिश्र ने मधुकर गुप्ता के आयुक्त बनने के आदेश जारी हो गए हैं. मधुकर गुप्ता ने कई अहम प्रशासनिक पदों पर जिम्मेदारी निभाई है. गुप्ता दिल्ली में एडिशनल चीफ सेक्रेट्री और रेजीडेंट कमिश्नर के पद पर रह चुके हैं. इसी पद से वे रिटायर्ड हुए. इससे पूर्व उन्होंने केन्द्र सरकार में उद्योग मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और सार्वजनिक उपक्रम विभाग में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी निभाई. गुप्ता इंदिरा गांधी नहर बोर्ड में चेयरमैन बनाए गए और जयपुर, भरतपुर और कोटा में संभागीय आयुक्त रह चुके हैं. उच्च शिक्षा और परिवहन जैसे अहम महकमों में प्रमुख सचिव के बतौर जिम्मेदारी निभा चुके हैं. मधुकर गुप्ता नागौर, बूंदी और सीकर कलेक्टर रह चुके हैं.

पढ़ें: राज्य निर्वाचन आयोग के नए सचिव श्यामसिंह राजपुरोहित ने संभाला पदभार

अनुभवी अधिकारी को दी जाती है जिम्मेदारी: राज्य निर्वाचन आयोग में आयुक्त के लिए ऐसे अधिकारी को लगाया जा सकता है, जिसे प्रमुख सचिव पद पर 5 साल का अनुभव हो. आयुक्त पद पर नियुक्ति 5 साल या 65 साल की उम्र तक की जा सकती है. ऐसे में सरकार किसी रिटायर आईएएस और सीनियर आईएएस को आयुक्त पद पर तैनात करती है. इससे पहले प्रेम सिंह मेहरा ने 5 साल का अपना कार्यकाल 4 जुलाई को पूरा किया था.

पढ़ें: कांग्रेस सरकार के इशारे पर काम कर रहा राज्य निर्वाचन आयोग: डॉ. सतीश पूनिया

प्रेम सिंह मेहरा ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण काम किए हैं, जिसमें सबसे बड़ी चुनौती कोरोना संक्रमण के वक्त पंचायतों और पंचायत समितियों के चुनाव करना था. इसके साथ सरपंचों के चुनावों में पहली बार नामांकन पत्र भरने और मतदान तारीख में अंतराल रखा गया, जिससे आसानी से बैलेट पेपर तैयार हो सकें. वहीं, वार्ड पंच को छोड़कर सरपंच तक के चुनाव पहली बार ईवीएम से कराए गए. इसके साथ ही आयोग ने ईवीएम के भंडारण के लिए जमीन ली है, ताकि ईवीएम को सुरक्षित रखा जा सके.

जयपुर. राज्य निर्वाचन आयोग में खाली चल रहे आयुक्त पद पर रिटायर्ड आईएएस मधुकर गुप्ता को आयुक्त बनाया गया (New state election commissioner appointed) है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने मधुकर गुप्ता के नियुक्ति आदेश जारी किए हैं. गुप्ता की नियुक्ति 5 साल के लिए की गई है. जुलाई में पूर्व आईएएस और आयुक्त प्रेम सिंह मेहरा के रिटायर्ड होने के बाद से ये पद खाली चल रहा था.

कौन हैं मधुकर गुप्ता: रिटायर्ड आईएएस मधुकर गुप्ता नए राज्य निर्वाचन आयुक्त होंगे. वे 1985 बैच के राजस्थान कैडर के रिटायर्ड आईएएस हैं. राज्यपाल कलराज मिश्र ने मधुकर गुप्ता के आयुक्त बनने के आदेश जारी हो गए हैं. मधुकर गुप्ता ने कई अहम प्रशासनिक पदों पर जिम्मेदारी निभाई है. गुप्ता दिल्ली में एडिशनल चीफ सेक्रेट्री और रेजीडेंट कमिश्नर के पद पर रह चुके हैं. इसी पद से वे रिटायर्ड हुए. इससे पूर्व उन्होंने केन्द्र सरकार में उद्योग मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और सार्वजनिक उपक्रम विभाग में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी निभाई. गुप्ता इंदिरा गांधी नहर बोर्ड में चेयरमैन बनाए गए और जयपुर, भरतपुर और कोटा में संभागीय आयुक्त रह चुके हैं. उच्च शिक्षा और परिवहन जैसे अहम महकमों में प्रमुख सचिव के बतौर जिम्मेदारी निभा चुके हैं. मधुकर गुप्ता नागौर, बूंदी और सीकर कलेक्टर रह चुके हैं.

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अनुभवी अधिकारी को दी जाती है जिम्मेदारी: राज्य निर्वाचन आयोग में आयुक्त के लिए ऐसे अधिकारी को लगाया जा सकता है, जिसे प्रमुख सचिव पद पर 5 साल का अनुभव हो. आयुक्त पद पर नियुक्ति 5 साल या 65 साल की उम्र तक की जा सकती है. ऐसे में सरकार किसी रिटायर आईएएस और सीनियर आईएएस को आयुक्त पद पर तैनात करती है. इससे पहले प्रेम सिंह मेहरा ने 5 साल का अपना कार्यकाल 4 जुलाई को पूरा किया था.

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प्रेम सिंह मेहरा ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण काम किए हैं, जिसमें सबसे बड़ी चुनौती कोरोना संक्रमण के वक्त पंचायतों और पंचायत समितियों के चुनाव करना था. इसके साथ सरपंचों के चुनावों में पहली बार नामांकन पत्र भरने और मतदान तारीख में अंतराल रखा गया, जिससे आसानी से बैलेट पेपर तैयार हो सकें. वहीं, वार्ड पंच को छोड़कर सरपंच तक के चुनाव पहली बार ईवीएम से कराए गए. इसके साथ ही आयोग ने ईवीएम के भंडारण के लिए जमीन ली है, ताकि ईवीएम को सुरक्षित रखा जा सके.

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