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ईटीवी का खुलासा: गिरफ्तारी से बचने के लिए आईएएस राव दिन में दो बार मंदिर में टेकता था माथा - राजस्थान ताजा हिंदी खबरें

बारां में तत्कालीन जिला कलेक्टर इंद्र सिंह राव को पीए की ओर से घूस लेने के प्रकरण में गिरफ्तार किया जा चुका है. आईएएस राव को लेकर कई खुलासे हुए हैं. खुद पर गिरफ्तार की तलवार लटकता देख आईएएस राव हर दिन दो बार मोती डूंगरी गणेश मंदिर में जाकर माथा टेकता था, लेकिन कोई भी कवायद गिरफ्तारी से नहीं बचा सकी.

IAS Inder Singh bribery case, arrest of IAS Inder Singh
गिरफ्तारी से बचने के लिए आईएएस इंद्र सिंह दिन में दो बार टेकता था मंदिर में माथा
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Published : Dec 24, 2020, 10:58 PM IST

जयपुर. रिश्वतखोरी के प्रकरण में राजस्थान एसीबी की ओर से गिरफ्तार किए गए तत्कालीन बारां जिला कलेक्टर इंद्रसिंह राव से एसीबी अधिकारी लगातार पूछताछ कर रहे हैं. पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.

पूछताछ के दौरान पता चला है कि पीए के 1 लाख 40 हजार रुपए की घूस लेने के बाद जब गिरफ्तारी की तलवार इंद्रसिंह राव पर लटकी और राज्य सरकार द्वारा जब उन्हें एपीओ किया गया तो वह जयपुर में अपने दामाद के घर रहने लगा. इंद्रसिंह राव इस दौरान अपना मोबाइल फोन भी अपने घर पर ही छोड़कर चला गया, जिससे उसकी लोकेशन को ट्रेस नहीं किया जा सके. हालांकि एसीबी की टीम गत 1 सप्ताह से इंद्रसिंह राव की हरेक गतिविधि पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए थी.

जब एसीबी की ओर से इंद्रसिंह राव को गिरफ्तार करने की कवायद तेज की गई तो खुद को बचाने के लिए वह मोती डूंगरी गणेश मंदिर जाकर भगवान के सामने माथा टेकना शुरू कर दिया. इंद्रसिंह राव प्रतिदिन दो बार सुबह और शाम दर्शन करने के लिए गणेश मंदिर जाता. जिसे लगातार एसीबी टीम द्वारा मॉनिटर किया जा रहा था.

पढ़ें- बीकानेर में खुला राजस्थान का पहला मास्क बैंक...

बुधवार को जब इंद्रसिंह राव को गिरफ्तार किया गया तो उससे पहले वह गणेश मंदिर में माथा टेककर टहलने के लिए सेंट्रल पार्क पहुंचा था. एसीबी टीम द्वारा सेंट्रल पार्क में टहलते हुए ही इंद्र सिंह राव को गिरफ्तार किया गया.

एनओसी जारी करने की एवज में लेता 2.50 लाख रुपए

एसीबी द्वारा इस पूरे प्रकरण में की गई पड़ताल में यह जानकारी सामने आई है कि बारां जिला कलेक्टर रहते हुए इंद्रसिंह राव ने पेट्रोल पंप की एनओसी जारी करने की एवज में प्रति फाइल 2.50 लाख रुपए की रिश्वत राशि ली है. इंद्रसिंह राव द्वारा 15 से भी अधिक एनओसी जारी की गई है. जिसके बारे में भी एसीबी टीम द्वारा पड़ताल की जा रही है. हालांकि परिवादी एक राजनीतिक पार्टी का कार्यकर्ता है जिसके चलते उसे 1 लाख रुपए की छूट देते हुए एनओसी जारी करने के लिए इंद्र सिंह राव ने ढाई लाख रुपए के बदले महज डेढ़ लाख रुपए की मांग की.

जयपुर. रिश्वतखोरी के प्रकरण में राजस्थान एसीबी की ओर से गिरफ्तार किए गए तत्कालीन बारां जिला कलेक्टर इंद्रसिंह राव से एसीबी अधिकारी लगातार पूछताछ कर रहे हैं. पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.

पूछताछ के दौरान पता चला है कि पीए के 1 लाख 40 हजार रुपए की घूस लेने के बाद जब गिरफ्तारी की तलवार इंद्रसिंह राव पर लटकी और राज्य सरकार द्वारा जब उन्हें एपीओ किया गया तो वह जयपुर में अपने दामाद के घर रहने लगा. इंद्रसिंह राव इस दौरान अपना मोबाइल फोन भी अपने घर पर ही छोड़कर चला गया, जिससे उसकी लोकेशन को ट्रेस नहीं किया जा सके. हालांकि एसीबी की टीम गत 1 सप्ताह से इंद्रसिंह राव की हरेक गतिविधि पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए थी.

जब एसीबी की ओर से इंद्रसिंह राव को गिरफ्तार करने की कवायद तेज की गई तो खुद को बचाने के लिए वह मोती डूंगरी गणेश मंदिर जाकर भगवान के सामने माथा टेकना शुरू कर दिया. इंद्रसिंह राव प्रतिदिन दो बार सुबह और शाम दर्शन करने के लिए गणेश मंदिर जाता. जिसे लगातार एसीबी टीम द्वारा मॉनिटर किया जा रहा था.

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बुधवार को जब इंद्रसिंह राव को गिरफ्तार किया गया तो उससे पहले वह गणेश मंदिर में माथा टेककर टहलने के लिए सेंट्रल पार्क पहुंचा था. एसीबी टीम द्वारा सेंट्रल पार्क में टहलते हुए ही इंद्र सिंह राव को गिरफ्तार किया गया.

एनओसी जारी करने की एवज में लेता 2.50 लाख रुपए

एसीबी द्वारा इस पूरे प्रकरण में की गई पड़ताल में यह जानकारी सामने आई है कि बारां जिला कलेक्टर रहते हुए इंद्रसिंह राव ने पेट्रोल पंप की एनओसी जारी करने की एवज में प्रति फाइल 2.50 लाख रुपए की रिश्वत राशि ली है. इंद्रसिंह राव द्वारा 15 से भी अधिक एनओसी जारी की गई है. जिसके बारे में भी एसीबी टीम द्वारा पड़ताल की जा रही है. हालांकि परिवादी एक राजनीतिक पार्टी का कार्यकर्ता है जिसके चलते उसे 1 लाख रुपए की छूट देते हुए एनओसी जारी करने के लिए इंद्र सिंह राव ने ढाई लाख रुपए के बदले महज डेढ़ लाख रुपए की मांग की.

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