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स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता ने बढ़ाई बेरोजगारों की चिंता, साल 2020 भर्ती के विभिन्न पदों पर नियुक्तियां अधूरी

स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की ओर दो साल पहले विभिन्न पदों पर सीधी भर्तियां निकाली गई थी. लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी निकाले गए सभी पदों पर भर्ती अधूरी है.

Hundreds of posts vacant in health department
अभ्यर्थियों की तस्वीर
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Published : Sep 19, 2022, 12:10 PM IST

Updated : Sep 20, 2022, 9:58 AM IST

जयपुर. राज्य सरकार ने 2 साल तीन महीने पहले स्वास्थ्य महकमे में बड़ी संख्या में भर्तियां निकली (Health Department 2020 recruitment in rajasthan) थी. जिसमें लैब टेक्नीशियन के 1119 पदों पर, रेडियोग्राफर के 1058 पदों पर और ईसीजी टेक्नीशियन के 195 पदों पर भर्ती होनी थी. लेकिन दो साल से अधिक इंतजार के बाद भी सभी पदों पर नियुक्तियां अधूरी हैं. कोरोना काल के चलते स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों ने दावा किया था कि 45 दिनों के भीतर इन भर्तियों को पूरा किया जाएगा, लेकिन लंबे समय बाद भी सीधी भर्ती के सैकड़ों पद खाली है.

लैब टेक्नीशियन :

  • कुल - 1119 पद
  • भर्ती - 848 पद
  • रिक्त - 281 पद

पढ़ें: अच्छी खबर : चिकित्सकों की भर्ती के नियुक्ति आदेश जारी...यहां जानें पूरी प्रक्रिया

12 जून 2020 को लैब टेक्नीशियन के पदों पर भर्ती निकाली गई थी. स्वास्थ्य विभाग ने उस भर्ती की जिम्मेदारी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को सौंपी थी. इन पदों पर नियुक्ति सीधी भर्ती के जरिए होनी थी. सीधी भर्ती के नियमों को देखते हुए बाहरी अभ्यर्थियों के 416 फर्जी रजिस्ट्रेशन हुए. जिसे कमेटी बनाकर निरस्त किया गया. इसके बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से स्वास्थ्य विभाग को कई बार पत्राचार किया जा चुका है. लेकिन अब तक कोई बोर्ड की ओर से जवाब नहीं दिया गया. राज्य सरकार नई भर्ती प्रक्रिया में लगी हुई है. जबकि पुरानी भर्ती के अभ्यर्थी अभी भी राह ताक रहे हैं.

रेडियोग्राफर टेक्नीशियन :

  • कुल पद - 1058
  • भर्ती - 670 पद
  • रिक्त - 388 पद

वहीं मेडिकल लाइन में ही रेडियोग्राफर की भी अहम भूमिका है. रेडियोग्राफर के बिना एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन जैसे काम अटके रह जाते हैं. लेकिन रेडियोग्राफर्स की भी 2020 की भर्ती अटकी पड़ी है. 1058 पदों पर निकाली गई भर्ती में 670 पदों पर ही नियुक्ति हो पाई थी. लेकिन अभी भी 388 पदों पर भर्ती लंबित है. इसे लेकर विभाग ने ढुलमुल रवैया अपनाया हुआ है.

ईसीजी टेक्निशियन :

  • कुल पद - 195
  • भर्ती - 65 पद
  • रिक्त - 130 पद

इसी तरह 195 पदों पर ईसीजी टेक्निशियन भर्ती निकाली गई थी. जिसमें पहले 50 पदों पर और फिर 15 पदों पर नियुक्ति दी गई. जबकि अभी भी 130 रिक्त हैं. इसे लेकर ईसीजी टेक्नीशियन के योग्य अभ्यर्थी ने सवाल उठाया कि जब चिकित्सा विभाग में भर्तियां करानी ही नहीं होती, तो क्यों विभाग छात्रों को कोर्स कराता है. क्यों बेवजह फीस दिलवाता है. क्योंकि इस तरह की टेक्निकल कोर्स करने के बाद भी बेरोजगार होकर ही भटकना पड़ता है.

पढ़ें: Rajasthan Government ने UTB पर निकाली ANM व GNM के लिए भर्ती, 25 जून तक अभ्यर्थी जमा करवा सकते हैं आवेदन

वहीं ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत बेनीवाल ने कहा कि स्वास्थ्य महकमे की इन भर्तियों के लिए एसओजी से लेकर कोर्ट तक चक्कर काटने पड़े हैं. सीधी भर्ती होने के चलते बाहर से सैकड़ों अभ्यर्थी फर्जी डिग्री बनवा कर राजस्थान में आए और इन भर्तियों में 90 प्रतिशत तक के डिप्लोमा बनवाकर अप्लाई किया. जिसकी वजह से वो टॉप रैंकिंग पर आ गए. जबकि राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल और राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के छात्रों ने लंबे समय तक अध्ययन करने वाले छात्रों के साथ अन्याय हुआ. ऐसे में योग्य युवा को मौका मिले, उसके लिए संघर्ष भी करना पड़ा. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर के एसओजी ने भी पहले टालमटोल रवैया अपनाया. बाद में कोर्ट ने जांच के आदेश दिए. इस पर आरपीएमसी ने जांच की. तब जाकर सैकड़ों अभ्यर्थियों को न्याय मिला. लेकिन ये न्याय अधूरा है.

उन्होंने कहा कि राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी चयन बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग के बीच सामंजस्य की कमी के चलते अभी भी सैकड़ों अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति की बांट जोह रहे हैं. 2021 और फिर 2022 में भी इस संबंध में पत्र भेजे गए. लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला और अब राज्य सरकार नई भर्तियां को लेकर विज्ञप्ति निकालने की तैयारी कर रही है.

जयपुर. राज्य सरकार ने 2 साल तीन महीने पहले स्वास्थ्य महकमे में बड़ी संख्या में भर्तियां निकली (Health Department 2020 recruitment in rajasthan) थी. जिसमें लैब टेक्नीशियन के 1119 पदों पर, रेडियोग्राफर के 1058 पदों पर और ईसीजी टेक्नीशियन के 195 पदों पर भर्ती होनी थी. लेकिन दो साल से अधिक इंतजार के बाद भी सभी पदों पर नियुक्तियां अधूरी हैं. कोरोना काल के चलते स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों ने दावा किया था कि 45 दिनों के भीतर इन भर्तियों को पूरा किया जाएगा, लेकिन लंबे समय बाद भी सीधी भर्ती के सैकड़ों पद खाली है.

लैब टेक्नीशियन :

  • कुल - 1119 पद
  • भर्ती - 848 पद
  • रिक्त - 281 पद

पढ़ें: अच्छी खबर : चिकित्सकों की भर्ती के नियुक्ति आदेश जारी...यहां जानें पूरी प्रक्रिया

12 जून 2020 को लैब टेक्नीशियन के पदों पर भर्ती निकाली गई थी. स्वास्थ्य विभाग ने उस भर्ती की जिम्मेदारी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को सौंपी थी. इन पदों पर नियुक्ति सीधी भर्ती के जरिए होनी थी. सीधी भर्ती के नियमों को देखते हुए बाहरी अभ्यर्थियों के 416 फर्जी रजिस्ट्रेशन हुए. जिसे कमेटी बनाकर निरस्त किया गया. इसके बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से स्वास्थ्य विभाग को कई बार पत्राचार किया जा चुका है. लेकिन अब तक कोई बोर्ड की ओर से जवाब नहीं दिया गया. राज्य सरकार नई भर्ती प्रक्रिया में लगी हुई है. जबकि पुरानी भर्ती के अभ्यर्थी अभी भी राह ताक रहे हैं.

रेडियोग्राफर टेक्नीशियन :

  • कुल पद - 1058
  • भर्ती - 670 पद
  • रिक्त - 388 पद

वहीं मेडिकल लाइन में ही रेडियोग्राफर की भी अहम भूमिका है. रेडियोग्राफर के बिना एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन जैसे काम अटके रह जाते हैं. लेकिन रेडियोग्राफर्स की भी 2020 की भर्ती अटकी पड़ी है. 1058 पदों पर निकाली गई भर्ती में 670 पदों पर ही नियुक्ति हो पाई थी. लेकिन अभी भी 388 पदों पर भर्ती लंबित है. इसे लेकर विभाग ने ढुलमुल रवैया अपनाया हुआ है.

ईसीजी टेक्निशियन :

  • कुल पद - 195
  • भर्ती - 65 पद
  • रिक्त - 130 पद

इसी तरह 195 पदों पर ईसीजी टेक्निशियन भर्ती निकाली गई थी. जिसमें पहले 50 पदों पर और फिर 15 पदों पर नियुक्ति दी गई. जबकि अभी भी 130 रिक्त हैं. इसे लेकर ईसीजी टेक्नीशियन के योग्य अभ्यर्थी ने सवाल उठाया कि जब चिकित्सा विभाग में भर्तियां करानी ही नहीं होती, तो क्यों विभाग छात्रों को कोर्स कराता है. क्यों बेवजह फीस दिलवाता है. क्योंकि इस तरह की टेक्निकल कोर्स करने के बाद भी बेरोजगार होकर ही भटकना पड़ता है.

पढ़ें: Rajasthan Government ने UTB पर निकाली ANM व GNM के लिए भर्ती, 25 जून तक अभ्यर्थी जमा करवा सकते हैं आवेदन

वहीं ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत बेनीवाल ने कहा कि स्वास्थ्य महकमे की इन भर्तियों के लिए एसओजी से लेकर कोर्ट तक चक्कर काटने पड़े हैं. सीधी भर्ती होने के चलते बाहर से सैकड़ों अभ्यर्थी फर्जी डिग्री बनवा कर राजस्थान में आए और इन भर्तियों में 90 प्रतिशत तक के डिप्लोमा बनवाकर अप्लाई किया. जिसकी वजह से वो टॉप रैंकिंग पर आ गए. जबकि राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल और राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के छात्रों ने लंबे समय तक अध्ययन करने वाले छात्रों के साथ अन्याय हुआ. ऐसे में योग्य युवा को मौका मिले, उसके लिए संघर्ष भी करना पड़ा. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर के एसओजी ने भी पहले टालमटोल रवैया अपनाया. बाद में कोर्ट ने जांच के आदेश दिए. इस पर आरपीएमसी ने जांच की. तब जाकर सैकड़ों अभ्यर्थियों को न्याय मिला. लेकिन ये न्याय अधूरा है.

उन्होंने कहा कि राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी चयन बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग के बीच सामंजस्य की कमी के चलते अभी भी सैकड़ों अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति की बांट जोह रहे हैं. 2021 और फिर 2022 में भी इस संबंध में पत्र भेजे गए. लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला और अब राज्य सरकार नई भर्तियां को लेकर विज्ञप्ति निकालने की तैयारी कर रही है.

Last Updated : Sep 20, 2022, 9:58 AM IST
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