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Human Rights Commission : जैसलमेर बस दुर्घटना सहित तीन मामलों में मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, 5 मई तक मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट - ETV Bharat Rajasthan News

जैसलमेर बस दुर्घटना और इसमें मारे गए तीन लोगों के मामले में मानवाधिकार आयोग (Human Rights Commission) ने संज्ञान लिया है. आयोग ने जैसलमेर कलेक्टर, अजमेर डिस्कॉम प्रबंध निदेशक और जैसलमेर पुलिस अधीक्षक से 5 मई तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

Human Rights Commission
जैसलमेर बस दुर्घटना सहित तीन मामलों का मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, 5 मई तक मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट
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Published : Apr 6, 2022, 9:56 PM IST

Updated : Apr 6, 2022, 11:37 PM IST

जयपुर. जैसलमेर में झूलते बिजली के तारों के कारण हुई बस दुर्घटना और इसमें मारे गए 3 लोगों के मामले को राज्य मानव अधिकार आयोग (Human Rights Commission took cognizance in Jaisalmer bus accident case) ने संज्ञान लिया है. आयोग ने इस मामले में जैसलमेर कलेक्टर, अजमेर डिस्कॉम प्रबंध निदेशक और जैसलमेर पुलिस अधीक्षक से 5 मई तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

वहीं, आयोग ने नागौर में आटा साटा प्रथा में ससुराल पक्ष से व्यथित होकर युवक के आत्महत्या करने और मदनगंज किशनगढ़ में शराब दुकानदार की पुलिस द्वारा निर्मम पिटाई के मामले में भी संज्ञान लिया है. आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास की एकल पीठ ने इन तीनों ही मामलों में समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर संज्ञान लिया है. आयोग ने सड़क पर झूलते बिजली के तारों के कारण हुए बस हादसे को दुखद बताते हुए इस मामले में संपूर्ण तथ्यात्मक जानकारी तलब की है. इस हादसे में करंट लगने से 3 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

पढ़े:मिलावटखोरी पर सख्त मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, स्वास्थ्य विभाग से मांगी रिपोर्ट

वहीं, नागौर में हाल ही में आटा साटा प्रथा के चलते बहन सुशीला और रामनिवास का विवाह कर दिया गया था, तब रामनिवास और गुड्डी नाबालिग थे. हाल ही में रामनिवास को पता चला कि उसकी पत्नी का विवाह ससुराल वाले पैसों के कारण अन्य के साथ करवाने जा रहे हैं तो उसने पुलिस थाने में इसकी शिकायत दी. लेकिन पुलिस एसएचओ ने मामला दर्ज नहीं किया और पीड़ित को भगा दिया. जिससे व्यथित होकर उसने आत्महत्या कर ली. ये मामला मीडिया में आया तो आयोग ने इस पर संज्ञान लिया और पुलिस अधीक्षक से 5 मई तक रिपोर्ट मांगी है.

जयपुर. जैसलमेर में झूलते बिजली के तारों के कारण हुई बस दुर्घटना और इसमें मारे गए 3 लोगों के मामले को राज्य मानव अधिकार आयोग (Human Rights Commission took cognizance in Jaisalmer bus accident case) ने संज्ञान लिया है. आयोग ने इस मामले में जैसलमेर कलेक्टर, अजमेर डिस्कॉम प्रबंध निदेशक और जैसलमेर पुलिस अधीक्षक से 5 मई तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

वहीं, आयोग ने नागौर में आटा साटा प्रथा में ससुराल पक्ष से व्यथित होकर युवक के आत्महत्या करने और मदनगंज किशनगढ़ में शराब दुकानदार की पुलिस द्वारा निर्मम पिटाई के मामले में भी संज्ञान लिया है. आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास की एकल पीठ ने इन तीनों ही मामलों में समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर संज्ञान लिया है. आयोग ने सड़क पर झूलते बिजली के तारों के कारण हुए बस हादसे को दुखद बताते हुए इस मामले में संपूर्ण तथ्यात्मक जानकारी तलब की है. इस हादसे में करंट लगने से 3 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

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वहीं, नागौर में हाल ही में आटा साटा प्रथा के चलते बहन सुशीला और रामनिवास का विवाह कर दिया गया था, तब रामनिवास और गुड्डी नाबालिग थे. हाल ही में रामनिवास को पता चला कि उसकी पत्नी का विवाह ससुराल वाले पैसों के कारण अन्य के साथ करवाने जा रहे हैं तो उसने पुलिस थाने में इसकी शिकायत दी. लेकिन पुलिस एसएचओ ने मामला दर्ज नहीं किया और पीड़ित को भगा दिया. जिससे व्यथित होकर उसने आत्महत्या कर ली. ये मामला मीडिया में आया तो आयोग ने इस पर संज्ञान लिया और पुलिस अधीक्षक से 5 मई तक रिपोर्ट मांगी है.

Last Updated : Apr 6, 2022, 11:37 PM IST
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