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विदेशों में गाड़ी चलाने के लिए कैसे बनवाएं अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस...यहां जानिए - international driving licenses

अगर आप विदेश जाने की तैयारी में हैं और वहां भी ड्राइविंग करना चाहते हैं तो आपके लिए ये खबर पढ़नी जरूरी है. क्योंकि आज हम बताएंगे कि विदेश में भी गाड़ी चलाने के लिए आप अपने देश से भी ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकते हैं. जिसके लिए कुछ नियम और शर्ते हैं.

अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस, international driving licenses
अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस
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Published : Aug 13, 2021, 4:50 PM IST

जयपुर. अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को लेकर राजधानी जयपुर में इन दिनों क्रेज बढ़ रहा है. कोरोना काल होने के बावजूद जयपुर आरटीओ ने पिछले 6 महीने में औसतन हर रोज 1 से अधिक अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए हैं. बीते 6 महीने में करीब 247 लोगों ने अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए हैं.

वहीं, अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस को बढ़ावा देने के लिए भी परिवहन विभाग की ओर से कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं, जिससे आमजन या जो लोग बाहर पढ़ने के लिए जा रहे हैं वह ज्यादा संख्या में अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाएं. परिवहन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में जयपुर वासियों का अब क्रेज बढ़ रहा है. क्रेज बढ़ने का एक कारण लोगों का पढ़ाई के लिए विदेश में जाना भी माना जा रहा है, इसलिए पिछले 6 महीने में 247 अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनाए गए हैं.

वहीं, अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान पत्र के रूप में भी माना जाता है. इसको लेकर भी काफी क्रेज देखने को मिल रहा है. इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल पहचान पत्र के रूप में किया जा सकता है. इंटरनेशनल ड्राइविंग और रूट ट्रैफिक को लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून भी है. 1949 की जिनेवा कन्वेंशन ऑन रोड एंड मोटर ट्रांसपोर्ट और 1968 कि वियना कन्वेंशन रोड ट्रैफिक में इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस और इंटरनेशनल रोड ट्रैफिक को लेकर भी व्यवस्था की गई है.

बिना भारतीय लाइसेंस के नहीं बनता अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट उसी व्यक्ति को जारी किया जाता है, जिसका पहले से भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस बना हुआ है. इसके साथ ही भारतीय निवासी भी होना अनिवार्य है.

यह भी पढ़ेंः स्क्रैप पॉलिसी: पुरानी गाड़ी को कबाड़ डिक्लेयर करने पर उसके मालिक को कितना फायदा होगा ?

जानिए किस तरीके से बनता है अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस

अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस के लिए इच्छुक व्यक्ति को आरटीओ में आवेदन करना होता है. इस आवेदन में जिन देशों में वाहन चलाना है, उनका नाम और वहां पर रहने की अवधि का जिक्र करना भी जरूरी होता है. इसके लिए परिवहन विभाग की ओर से अलग से फॉर्म 4ए और फॉर्म 1ए भरना होता है. आवेदन के साथ ही वीजा और पासपोर्ट की फोटो लगाना भी अनिवार्य होता है. लाइसेंस की फीस करीब ₹1000 है. उसके बाद ही आवेदक अपना अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकता है. भारतीय अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस से 150 से ज्यादा देशों में चलाए जा सकते हैं.

वाहन परिवहन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस है, तो आप देश में कहीं भी वाहन चला सकते हैं. लेकिन, अगर आपको विदेश में गाड़ी चलानी है, तो इसके लिए अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनाना होगा. इसके बाद ही भारतीय अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस 150 से ज्यादा देशों में वाहन विदेशी सड़कों पर चलाए जा सकते हैं.

जयपुर. अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को लेकर राजधानी जयपुर में इन दिनों क्रेज बढ़ रहा है. कोरोना काल होने के बावजूद जयपुर आरटीओ ने पिछले 6 महीने में औसतन हर रोज 1 से अधिक अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए हैं. बीते 6 महीने में करीब 247 लोगों ने अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए हैं.

वहीं, अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस को बढ़ावा देने के लिए भी परिवहन विभाग की ओर से कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं, जिससे आमजन या जो लोग बाहर पढ़ने के लिए जा रहे हैं वह ज्यादा संख्या में अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाएं. परिवहन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में जयपुर वासियों का अब क्रेज बढ़ रहा है. क्रेज बढ़ने का एक कारण लोगों का पढ़ाई के लिए विदेश में जाना भी माना जा रहा है, इसलिए पिछले 6 महीने में 247 अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनाए गए हैं.

वहीं, अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान पत्र के रूप में भी माना जाता है. इसको लेकर भी काफी क्रेज देखने को मिल रहा है. इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल पहचान पत्र के रूप में किया जा सकता है. इंटरनेशनल ड्राइविंग और रूट ट्रैफिक को लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून भी है. 1949 की जिनेवा कन्वेंशन ऑन रोड एंड मोटर ट्रांसपोर्ट और 1968 कि वियना कन्वेंशन रोड ट्रैफिक में इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस और इंटरनेशनल रोड ट्रैफिक को लेकर भी व्यवस्था की गई है.

बिना भारतीय लाइसेंस के नहीं बनता अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट उसी व्यक्ति को जारी किया जाता है, जिसका पहले से भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस बना हुआ है. इसके साथ ही भारतीय निवासी भी होना अनिवार्य है.

यह भी पढ़ेंः स्क्रैप पॉलिसी: पुरानी गाड़ी को कबाड़ डिक्लेयर करने पर उसके मालिक को कितना फायदा होगा ?

जानिए किस तरीके से बनता है अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस

अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस के लिए इच्छुक व्यक्ति को आरटीओ में आवेदन करना होता है. इस आवेदन में जिन देशों में वाहन चलाना है, उनका नाम और वहां पर रहने की अवधि का जिक्र करना भी जरूरी होता है. इसके लिए परिवहन विभाग की ओर से अलग से फॉर्म 4ए और फॉर्म 1ए भरना होता है. आवेदन के साथ ही वीजा और पासपोर्ट की फोटो लगाना भी अनिवार्य होता है. लाइसेंस की फीस करीब ₹1000 है. उसके बाद ही आवेदक अपना अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकता है. भारतीय अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस से 150 से ज्यादा देशों में चलाए जा सकते हैं.

वाहन परिवहन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस है, तो आप देश में कहीं भी वाहन चला सकते हैं. लेकिन, अगर आपको विदेश में गाड़ी चलानी है, तो इसके लिए अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनाना होगा. इसके बाद ही भारतीय अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस 150 से ज्यादा देशों में वाहन विदेशी सड़कों पर चलाए जा सकते हैं.

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