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आमेर आकाशीय बिजली हादसा : अमृतसर के भाई-बहन आखिर वॉच टावर तक पहुंचे कैसे ? - Rajasthan news

रियासत कालीन वॉच टावर जो जमीन से तकरीबन 2000 फीट की ऊंचाई पर है. ये वॉच टावर न तो किसी पर्यटन स्थल में शामिल है और न ही टूरिस्ट गाइड पर्यटकों को यहां लेकर जाते हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर अमृतसर और दूसरे जिलों से आए पर्यटक वॉच टावर तक कैसे पहुंच गए.

वॉच टावर
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Published : Jul 12, 2021, 10:25 PM IST

Updated : Jul 12, 2021, 10:43 PM IST

जयपुर. आमेर का किला और यहां की खूबसूरत वादियां, जलाशय और प्राचीरें निहारने रोजाना सैकड़ों-हजारों सैलानी पहुंचते हैं. रविवार को आमेर के सामने पहाड़ी पर बने वॉच टावर पर आकाशीय बिजली गिरी. जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई. हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर लोग उस वॉच टावर पर क्या करने गए थे. अमृतसर से आए भाई बहन को वॉच टावर की जानकारी किसने दी. इन सवालों का जवाब ढूंढने के लिए ईटीवी भारत पर्यटन थाना पहुंचा.

ईटीवी भारत से बातचीत में एसएचओ सत्यपाल सिंह ने बताया कि जिस स्थान पर आकाशीय बिजली गिरी, वह पर्यटन स्थल नहीं है. ये स्थान आमेर के सामने प्राचीन वॉच टावर है. यहां अक्सर पर्यटक नहीं पहुंचते. रविवार को मौसम सुहाना था. संभावना है कि किले का अच्छा नजारा देखने के लिए लोग वहां गये हों.

आमेर त्रासदी पर पर्यटन थाना के एसएचओ से खास बातचीत

राजस्थान सरकार ने पर्यटन स्थलों की सूची जारी कर रखी है. कोई अनाधिकृत गाइड (लपका) या अनाधिकृत व्यक्ति किसी को अनाधिकृत जगह ले जाने की कोशिश करता है और इसकी सूचना मिलती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है. जहां तक रविवार का सवाल है तो इस तरह की कोई जानकारी सामने नहीं आई है.

पढ़ें-जोधपुर: ग्रामीण क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से 2 महिलाओं की मौत, एक घायल

हालांकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वॉच टावर की कई तस्वीरें आमजन की ओर से शेयर की जाती हैं. जिससे इसकी पॉपुलैरिटी बढ़ रही है. इस पर सत्यपाल सिंह ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर इस तरह के स्थलों का पर्यटक स्थल के रूप में प्रचार करता है तो ये गलत है. लोगों की जान जोखिम में नहीं डालनी चाहिए. उन्होंने बताया कि ज्यादातर स्थानीय निवासी इस क्षेत्र में ट्रैकिंग के लिए पहुंचते हैं.

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान एक बार फिर पर्यटन स्थल बंद हुए थे. हालांकि इससे पहले अनाधिकृत गाइडों पर पर्यटन थाना की ओर से कार्रवाई की जाती रही है. लेकिन पर्यटन स्थल दोबारा अनलॉक होने के बाद फिलहाल इस तरह का कोई अभियान शुरू नहीं किया गया. जबकि पर्यटन स्थलों पर हर दिन सैकड़ों-हजारों पर्यटक पहुंच रहे हैं.

amer lightning strike,  amber natural disaster,  lightning accident jaipur
वॉच टावर से आमेर महल का दृश्य

बहरहाल अमृतसर के भाई-बहन आखिर वहां कैसे पहुंचे. इस सवाल का जवाब उनकी मौत के साथ दफन हो गया. हालांकि आशंका जताई जा रही है कि दूसरे लोगों को वॉच टावर पर जाता देख, किले का अच्छा नजारा लेने के लिए, सेल्फी लेने के लिए वे दोनों वहां तक पहुंचे होंगे.

लेकिन इस प्राकृतिक आपदा के बाद कहा जा सकता है कि ये सेल्फी उनकी मौत की जिम्मेदार बनी. हालांकि ये जांच का विषय जरूर है कि दूसरे जिले और राज्यों से आने वाले पर्यटक ऐसे अनाधिकृत स्थलों तक पहुंचते कैसे हैं, जहां जान जाने का जोखिम बना रहता है.

जयपुर. आमेर का किला और यहां की खूबसूरत वादियां, जलाशय और प्राचीरें निहारने रोजाना सैकड़ों-हजारों सैलानी पहुंचते हैं. रविवार को आमेर के सामने पहाड़ी पर बने वॉच टावर पर आकाशीय बिजली गिरी. जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई. हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर लोग उस वॉच टावर पर क्या करने गए थे. अमृतसर से आए भाई बहन को वॉच टावर की जानकारी किसने दी. इन सवालों का जवाब ढूंढने के लिए ईटीवी भारत पर्यटन थाना पहुंचा.

ईटीवी भारत से बातचीत में एसएचओ सत्यपाल सिंह ने बताया कि जिस स्थान पर आकाशीय बिजली गिरी, वह पर्यटन स्थल नहीं है. ये स्थान आमेर के सामने प्राचीन वॉच टावर है. यहां अक्सर पर्यटक नहीं पहुंचते. रविवार को मौसम सुहाना था. संभावना है कि किले का अच्छा नजारा देखने के लिए लोग वहां गये हों.

आमेर त्रासदी पर पर्यटन थाना के एसएचओ से खास बातचीत

राजस्थान सरकार ने पर्यटन स्थलों की सूची जारी कर रखी है. कोई अनाधिकृत गाइड (लपका) या अनाधिकृत व्यक्ति किसी को अनाधिकृत जगह ले जाने की कोशिश करता है और इसकी सूचना मिलती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है. जहां तक रविवार का सवाल है तो इस तरह की कोई जानकारी सामने नहीं आई है.

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हालांकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वॉच टावर की कई तस्वीरें आमजन की ओर से शेयर की जाती हैं. जिससे इसकी पॉपुलैरिटी बढ़ रही है. इस पर सत्यपाल सिंह ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर इस तरह के स्थलों का पर्यटक स्थल के रूप में प्रचार करता है तो ये गलत है. लोगों की जान जोखिम में नहीं डालनी चाहिए. उन्होंने बताया कि ज्यादातर स्थानीय निवासी इस क्षेत्र में ट्रैकिंग के लिए पहुंचते हैं.

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान एक बार फिर पर्यटन स्थल बंद हुए थे. हालांकि इससे पहले अनाधिकृत गाइडों पर पर्यटन थाना की ओर से कार्रवाई की जाती रही है. लेकिन पर्यटन स्थल दोबारा अनलॉक होने के बाद फिलहाल इस तरह का कोई अभियान शुरू नहीं किया गया. जबकि पर्यटन स्थलों पर हर दिन सैकड़ों-हजारों पर्यटक पहुंच रहे हैं.

amer lightning strike,  amber natural disaster,  lightning accident jaipur
वॉच टावर से आमेर महल का दृश्य

बहरहाल अमृतसर के भाई-बहन आखिर वहां कैसे पहुंचे. इस सवाल का जवाब उनकी मौत के साथ दफन हो गया. हालांकि आशंका जताई जा रही है कि दूसरे लोगों को वॉच टावर पर जाता देख, किले का अच्छा नजारा लेने के लिए, सेल्फी लेने के लिए वे दोनों वहां तक पहुंचे होंगे.

लेकिन इस प्राकृतिक आपदा के बाद कहा जा सकता है कि ये सेल्फी उनकी मौत की जिम्मेदार बनी. हालांकि ये जांच का विषय जरूर है कि दूसरे जिले और राज्यों से आने वाले पर्यटक ऐसे अनाधिकृत स्थलों तक पहुंचते कैसे हैं, जहां जान जाने का जोखिम बना रहता है.

Last Updated : Jul 12, 2021, 10:43 PM IST
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