जयपुर. लॉकडाउन से पहले विधानसभा सत्र में राजस्थान आवासन बोर्ड संशोधन विधेयक 2020 ध्वनि मत से पारित हुआ. इस विधेयक के पारित होने से राजस्थान आवासन मंडल की शक्तियों में इजाफा हुआ. वहीं बुधवार को मंडल ने इन शक्तियों का प्रयोग भी किया.
राजस्थान आवासन मंडल की साल 1989 में अवाप्त की गई जमीन पर भू माफियाओं द्वारा टीन शेड और बाउंड्री वॉल बनाकर कब्जा कर रखा था. मंडल द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए इस निर्माण को ध्वस्त कर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया. 5 हजार वर्ग मीटर जमीन के बाजार भाव 60 करोड़ रुपए बताए जा रहे हैं.
इस संबंध में आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि जल्द ही जमीन का आमजन के हित में कार्य योजना बनाकर निस्तारण किया जाएगा. इस कार्रवाई को प्रभावी ढंग से करने के लिए पुलिस आयुक्त को अतिक्रमण हटाने में सहयोग करने का आग्रह किया गया था. कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता और मंडल के अधिकारी मौजूद रहे.
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बता दें कि राजस्थान आवासन बोर्ड अधिनियम 1970 खंडों 2 में धारा 51 खंड ख जोड़ी गई है. इससे मंडल को ये अधिकार मिल गया कि वो अपनी संपत्ति से खुद अतिक्रमण हटा सकेगा. बोर्ड की योजनाओं में भूमि अधिग्रहण के बाद मूलभूत संरचनाओं और आवासों का निर्माण करने से लेकर आमजन को आवंटित करने में समय लगता है. इस अवधि में कई बार अतिक्रमियों द्वारा संपत्ति पर अवैध कब्जा या अतिक्रमण कर लिया जाता था. लेकिन इनको हटाने की शक्तियां आवासन बोर्ड अधिनियम में नहीं थी.