जयपुर. हाउसिंग बोर्ड में अब सहकारी विभागों, संस्थाओं और आवंटियों को अतिरिक्त भू पट्टी आवंटित की जाएगी. शुक्रवार को हाउसिंग बोर्ड की मैराथन मीटिंग में ये बड़ा फैसला लिया गया. इसके साथ ही मंडल की ओर से पहली बार स्ट्रिप ऑफ लैंड आवंटन के लिए भी आवेदन मांगे गए थे. आवासीय आरक्षित दर की डेढ़ गुना राशि पर ये स्ट्रिप ऑफ लैंड आवंटित किए जाएंगे. जिससे मंडल को 22 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा.
इसके अलावा भूमि समझौता समिति के 26, वाद निराकरण समिति के 11 और संपत्ति आवंटन समिति के 35 प्रकरणों पर विचार विमर्श किया गया. जबकि 4 प्रकरणों में अपीलेट न्यायालय में अपील करने का निर्णय लिया गया. यूडीएच प्रमुख शासन सचिव कुंजी लाल मीणा की अध्यक्षता में एक के बाद एक सम्पत्ति आवंटन समिति, भूमि समझौता समिति और वाद निराकरण समिति की बैठक आयोजित की गई. इन बैठकों में आमजन से जुड़े कई प्रकरणों में महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए.
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आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि आवंटन समिति के समक्ष जयपुर, कोटा भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, दौसा और भिवाड़ी से संबंधित प्रस्तुत 35 प्रकरणों पर विचार विमर्श किया गया. इनमें मुख्य रूप से सरकारी विभागों, संस्थाओं और स्ट्रिप ऑफ लैंड आवंटन से संबंधित प्रकरणों को स्वीकृत कर राज्य सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया है. इनमें से अधिकांश प्रकरण स्ट्रिप ऑफ लैंड आवंटन से संबंधित थे. आपको बता दें कि आवंटित मकानों के पास स्थित स्ट्रिप ऑफ लैड पर लोगों की ओर से अवैध कब्जा कर काम में लिया जा रहा था. मण्डल की ओर से इस स्ट्रिप ऑफ लैंड आवंटन के लिये आवेदन आमंत्रित किये गये थे.
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वहीं भूमि आवंटन समिति की बैठक में मंडल की विभिन्न आवासीय योजनाओं में स्ट्रिप ऑफ लैंड के 20 प्रकरणों में आवासीय आरक्षित दर की डेढ़ गुना राशि पर आवंटित करने के लिये प्रस्तावों को स्वीकृत करते हुए राज्य सरकार को प्रेषित करने का निर्णय लिया गया है. स्ट्रिप ऑफ लैंड जोड़ने के बाद भूखंड का जो आकार हो जाएगा, उस पर बिल्डिंग बॉयलॉज के अनुसार भूखंड मालिक निर्माण कर सकेगा. पूर्व में स्ट्रिप ऑफ लैंड पर केवल वृक्षारोपण की ही अनुमति थी. इसी तरह जयपुर और भिवाड़ी में सांस्थानिक भूमि आवंटन का निर्णय लिया गया. स्ट्रिप ऑफ लैंड और सास्थानिक भूमि के आवंटनों से मण्डल को 22 करोड़ रूपये का राजस्व मिलेगा.
इसके अलावा समझौता समिति के समक्ष जयपुर बीकानेर, उदयपुर, डूंगरपुर और भिवाड़ी के कुल 26 प्रकरण प्रस्तुत किये गये. मण्डल की ओर से अवाप्त भूमि के बदले खातादारों को मुआवजा राशि के एवज में 15/25 प्रतिशत विकसित भूमि दिये जाने के संबंध में समिति के समक्ष पेश सभी 26 प्रकरणों को राज्य सरकार की स्वीकृति के लिए भेजने का निर्णय लिया गया. वहीं वाद निराकरण समिति के 11 प्रकरणों पर हुआ विचार विमर्श हुआ. इनमें से 4 प्रकरणों में अपीलेट न्यायालय में अपील करने का फैसला लिया गया.