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प्रवासी राजस्थानियों को निजी होटलों में क्वॉरेंटाइन करने पर बोला होटल एसोसिएशन, कहा- यह ऊंट के मुंह में जीरे जैसा

देश और दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं, जिससे प्रदेश का पर्यटन व्यवसाय भी चरमरा गया है और होटल व्यवसाय भी हाशिये पर आ गया है. इस बीच होटल व्यापारियों के लिए एक उम्मीद की किरण भी सरकार की ओर से जगाई गई है, लेकिन होटल यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र लुनिवाल ने जवाब देते हुए कहा कि यह केवल ऊंट के मुंह में जीरे की बात है.

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Published : May 20, 2020, 12:45 PM IST

jaipur news, जयपुर समाचार
निजी होटलों में क्वॉरेंटाइन करने पर होटल एसोसिएशन का जवाब

जयपुर. कोरोना वायरस का संक्रमण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा हैं और संक्रमित मरीजों की संख्या भी लगातार बढती ही जा रही हैं, जिससे पर्यटन व्यवसाय भी चरमरा गया है और होटल व्यवसाय भी हाशिये पर आ गया हैं. इसी बीच होटल व्यापारियों के लिए एक उम्मीद की किरण भी सरकार की ओर से जगाई गई है.

निजी होटलों में क्वॉरेंटाइन करने पर होटल एसोसिएशन का जवाब

बता दें कि विदेश में फंसे राजस्थानियों को लाने के लिए अब तैयारियां भी पूरी हो गई है. 21 मई से एयर इंडिया की फ्लाइट के जरिए जो राजस्थानी विदेश में फंसे हुए हैं, उनको वापस से राजस्थान लाया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें जयपुर के निजी होटलों में क्वॉरेंटाइन भी किया जाएगा. वहीं, सरकार की ओर से जिन होटलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनायाा जाएगा, उसका खर्च भी खुद उन्हीं लोगों से लिया जाएगा और क्वॉरेंटाइन अवधि पूर्ण करने के बाद ही वे अपने घर जा सकेंगे.

पढ़ें- 100 करोड़ की 80 बीघा भूमि अतिक्रमण मुक्त, बुधवार से JDA शुरू करेगा ये सेवाएं

वहीं, जयपुर में होटल एसोसिएशन ने प्रति कमरा 1500 से 3500 तक किराया भी बताया है. इसके लिए पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने एयरपोर्ट, दिल्ली रोड, टोंक रोड, न्यू सांगानेर रोड स्थित होटलों में कमरे भी देखें. इसके अलावा जयपुर के 25 से 30 होटलों को अब विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया जाएगा.

इसी बीच होटल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र लुनिवाल ने बताया कि लॉकडाउन के समय जिन होटलों को सरकार ने संजीवनी बूटी दी है, वह बहुत अच्छी बात है. लेकिन यह बात अभी भी ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है. क्योंकि, राजधानी में 12 सौ से अधिक होटल है, लेकिन सरकार महज 25 से 30 होटलों को ही विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने जा रही है, जिससे कुछ लोगों को राहत तो मिलेगी, लेकिन बड़ी संख्या में अभी भी होटल खाली पड़े हैं. ऐसे में सरकार को जयपुर के सभी होटलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में लेना चाहिए, जिससे होटल इंडस्ट्री घाटे से भी बाहर आ सकेगी. इसके साथ ही वह भी अपने श्रमिकों को तनख्वाह सकेंगे.

पढ़ें- बस्सी में बने शेल्टर होम का संभागीय आयुक्त ने किया दौरा, मजदूरों को घर भेजने का दिया आश्वासन

गजेंद्र लुनिवाल ने इसके साथ ही सरकार से मांग की है कि सरकार 6 महीने तक के होटल इंडस्ट्री के बिजली के बिल माफ करे. इसके साथ ही होटल इंडस्ट्री की जो इंस्टॉलमेंट चल रही है, उनको 12 महीने के लिए स्थगित करे और लोन की अवधि के दौरान होटल इंडस्ट्री से ब्याज भी नहीं ले, जिससे होटल इंडस्ट्री दोबारा से अपने पैरों पर खड़ी हो सके. इसके साथ ही लुनिवाल ने सरकार से एक्साइज ड्यूटी और यूडी टैक्स हटाने की भी मांग की है. लुनिवाल का कहना है कि आने वाले 1 साल तक प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय दोबारा से अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकेगा, इसके लिए सरकार को होटल व्यवसाय के लिए भी मदद करनी चाहिए.

जयपुर. कोरोना वायरस का संक्रमण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा हैं और संक्रमित मरीजों की संख्या भी लगातार बढती ही जा रही हैं, जिससे पर्यटन व्यवसाय भी चरमरा गया है और होटल व्यवसाय भी हाशिये पर आ गया हैं. इसी बीच होटल व्यापारियों के लिए एक उम्मीद की किरण भी सरकार की ओर से जगाई गई है.

निजी होटलों में क्वॉरेंटाइन करने पर होटल एसोसिएशन का जवाब

बता दें कि विदेश में फंसे राजस्थानियों को लाने के लिए अब तैयारियां भी पूरी हो गई है. 21 मई से एयर इंडिया की फ्लाइट के जरिए जो राजस्थानी विदेश में फंसे हुए हैं, उनको वापस से राजस्थान लाया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें जयपुर के निजी होटलों में क्वॉरेंटाइन भी किया जाएगा. वहीं, सरकार की ओर से जिन होटलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनायाा जाएगा, उसका खर्च भी खुद उन्हीं लोगों से लिया जाएगा और क्वॉरेंटाइन अवधि पूर्ण करने के बाद ही वे अपने घर जा सकेंगे.

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वहीं, जयपुर में होटल एसोसिएशन ने प्रति कमरा 1500 से 3500 तक किराया भी बताया है. इसके लिए पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने एयरपोर्ट, दिल्ली रोड, टोंक रोड, न्यू सांगानेर रोड स्थित होटलों में कमरे भी देखें. इसके अलावा जयपुर के 25 से 30 होटलों को अब विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया जाएगा.

इसी बीच होटल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र लुनिवाल ने बताया कि लॉकडाउन के समय जिन होटलों को सरकार ने संजीवनी बूटी दी है, वह बहुत अच्छी बात है. लेकिन यह बात अभी भी ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है. क्योंकि, राजधानी में 12 सौ से अधिक होटल है, लेकिन सरकार महज 25 से 30 होटलों को ही विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने जा रही है, जिससे कुछ लोगों को राहत तो मिलेगी, लेकिन बड़ी संख्या में अभी भी होटल खाली पड़े हैं. ऐसे में सरकार को जयपुर के सभी होटलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में लेना चाहिए, जिससे होटल इंडस्ट्री घाटे से भी बाहर आ सकेगी. इसके साथ ही वह भी अपने श्रमिकों को तनख्वाह सकेंगे.

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गजेंद्र लुनिवाल ने इसके साथ ही सरकार से मांग की है कि सरकार 6 महीने तक के होटल इंडस्ट्री के बिजली के बिल माफ करे. इसके साथ ही होटल इंडस्ट्री की जो इंस्टॉलमेंट चल रही है, उनको 12 महीने के लिए स्थगित करे और लोन की अवधि के दौरान होटल इंडस्ट्री से ब्याज भी नहीं ले, जिससे होटल इंडस्ट्री दोबारा से अपने पैरों पर खड़ी हो सके. इसके साथ ही लुनिवाल ने सरकार से एक्साइज ड्यूटी और यूडी टैक्स हटाने की भी मांग की है. लुनिवाल का कहना है कि आने वाले 1 साल तक प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय दोबारा से अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकेगा, इसके लिए सरकार को होटल व्यवसाय के लिए भी मदद करनी चाहिए.

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