जयपुर. राजधानी में जल्द ही ओलम्पिक्स और पैरालंपिक्स के मेडल विजेता खिलाड़ियों के नाम विभिन्न मार्गों, चौराहों, सड़कों पर लिखे होंगे. यानी इनके नाम पर ही इन मार्गों का नामकरण होगा. तैयारी हॉल ऑफ फेम स्पेस (Honoring Olympians In Rajasthan) भी विकसित करने की है. सोच है कि खिलाड़ियों के प्रदर्शन को वो सम्मान मिल सके जिसके वो हकदार हैं. युवा पीढ़ी को इनकी उपलब्धियों से रूबरू कराना भी एक उद्देश्य है ताकि युवा भी प्रेरणा ले सकें.
मंगलवार को ग्रेटर नगर निगम में महापौर डॉ सौम्या गुर्जर (Mayor Saumya Gurjar Honor Paralympians) ने इस योजना से जुड़ी जानकारी साझा की. उन्होंने पैरालंपिक खिलाड़ी कृष्णा नागर, सुंदर गुर्जर और शताब्दी अवस्थी का सम्मान किया और उनकी ही ओर से उठाई गई इस मांग को सहमति प्रदान की.
देश की शान का सम्मान: महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने ओलम्पिक खिलाड़ियों को देश की शान (Honoring Olympians In Rajasthan) बताया. इन खिलाड़ियों की इच्छा का जिक्र किया. बताया कि मेडल जीतने वाले इन खिलाड़ियों ने न सिर्फ शहर का बल्कि देश का नाम रोशन किया है. देश को सम्मान दिलाने वाले इन खिलाड़ियों के सम्मान ने मांग रखी कि कुछ मार्गों को इनका नाम दिया जाए. गुजारिश एक सर्किल की भी है. जिसमें वर्तमान और भविष्य की खेल प्रतिभाओं का नाम पट्टिकाओं के माध्यम से अंकित हो.
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हॉल ऑफ फेम स्पेस: खिलाड़ियों की मांग पर महापौर की सहमति के बाद पैरालंपिक खिलाड़ी शताब्दी अवस्थी ने कहा कि राजस्थान के पुराने ओलंपिक खिलाड़ी और भविष्य के खिलाड़ियों के नाम हॉल ऑफ फेम स्पेस बनने से आने वाली पीढ़ियां खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देख सकेंगी. उससे कुछ सीख ले सकेंगी. ये एक यूनिक आइडिया है.
टोक्यो पैरालंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने कहा कि प्रदेश में अब खिलाड़ियों को पहचान मिल रही है. अगर जयपुर में ओलंपिक खिलाड़ी और पैरालंपिक खिलाड़ियों के नाम पर कोई जगह विकसित करने पर सहमति जताई जा रही है, तो ये एक बड़ी बात है. टोक्यो पैरालंपिक खेलों में ही भाला फेंक प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने वाले सुंदर गुर्जर ने कहा कि ग्रेटर नगर निगम में महापौर से मिले सम्मान से वो काफी खुश हैं.
इन खिलाड़ियों को विश्वास है कि मेयर से की गई मुलाकात एक नई राह प्रशस्त करेगी. खिलाड़ियों के प्रदर्शन को याद दिलाने वाला कोई सर्किल, मार्ग या जगह विकसित होने से खिलाड़ी गौरवान्वित होंगे और आने वाली पीढ़ी को भी प्रेरणा मिलेगी. हालांकि मार्ग और सर्किल नामकरण की एक प्रक्रिया होती है. इसके तहत महापौर की सहमति को EC यानी Executive Committee के समक्ष रखा जाएगा. जो विचार कर इस पर मुहर लगा देगी.