जयपुर. प्रदेश के आयुष बजट में होम्योपैथी विभाग की 45 फीसदी भागीदारी तय करने की मांग को लेकर होम्योपैथी डवलपमेंट एसोसिएशन के बैनर तले गुरुवार को आक्रोश रैली निकाली जाएगी और विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. एसोसिएशन की मांग है कि आयुष बजट में आयुर्वेद और होम्योपैथी को बराबर 45-45 फीसदी की भागीदारी दी जाए. होम्योपैथी डवलपमेंट एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दीपक मीना ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर यह घोषणा की है.
इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश के चिकित्सा मंत्री को ज्ञापन देकर होम्योपैथी चिकित्सकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया और मांग की है कि होम्योपैथी डॉक्टर्स के साथ इस तरह का भेदभाव खत्म किया जाए.
उन्होंने बताया कि राजस्थान में आयुर्वेद के 10,948 रजिस्टर्ड डॉक्टर हैं. जिनमें से 4,437 डॉक्टर राजकीय सेवा में कार्यरत हैं. इसी तरह से होम्योपैथी चिकित्सा के 8,907 पंजीकृत डॉक्टर हैं. जिनमें से महज 247 डॉक्टर ही सरकारी सेवा में हैं, जबकि योग और यूनानी चिकित्सा पद्धति के 1,296 पंजीकृत डॉक्टर हैं और इनमें से 366 राजकीय सेवा में कार्यरत हैं.
इस तरह देखा जाए तो आयुर्वेद के कुल डॉक्टर्स का 40 फीसदी सरकारी सेवा में हैं. जबकि होम्योपैथी में यह आंकड़ा महज 2 फीसदी के आसपास है. चिकित्सालय और औषधालयों की संख्या में भी इसी तरह भेदभाव सामने आ रहा है. आयुर्वेद के 33 चिकित्सालय और 3,578 औषधालय हैं, जबकि होम्योपैथी चिकित्सा के महज 6 चिकित्सालय और 185 औषधालय हैं.
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होम्योपैथी डवलपमेंट एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दीपक मीना का कहना है कि होम्योपैथी चिकित्सा से आमजन का जुड़ाव बढ़ा है, लेकिन फिर भी सरकार इस चिकित्सा पद्धति के साथ भेदभाव कर रही है. इसी के विरोध में गुरुवार को सुबह 9:30 बजे चौमू हाउस सर्किल से 22 गोदाम तक रैली निकाली जाएगी और विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.