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विशेषः कोरोना मरीजों को कैसे ठीक कर रहा होम्योपैथी...खुद उन्हीं से सुनिए

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Published : May 27, 2021, 6:56 PM IST

Updated : May 27, 2021, 10:03 PM IST

दुनियाभर में कोरोना का कहर जारी है. भारत में कोरोना की दूसरी लहर मानव जीवन का काफी प्रभावित किया है. कोरोना के इलाज के लिए कई प्रकार की दवाओं का उपयोग किया जा रहा है. कोरोना के इलाज में आयुष पद्धतियों का भी काफी महत्व माना जा रहा है. इनमें से एक होम्योपैथिक चिकित्सा कोरोना के इलाज में काफी कारगर साबित हो रही है. आइए डॉ. अशोक सिंह सोलंकी से जानते हैं कि कोरोना का होम्योपैथ से कैसे इलाज होता है?

Effective homeopathy in corona, कोरोना के इलाज में कारगर होम्योपैथी
कोरोना के इलाज में होम्योपैथिक दवाएं सहायक

जयपुर. देशभर में कोरोना का संक्रमण बड़ी तेजी से फैलता जा रहा है. कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए सरकारों की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं. बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी भी हो रही है. कोरोना मरीजों के इलाज में एलोपैथिक के साथ आयुष पद्धतियां भी काफी कारगर साबित हो रही है. इनमें से एक होम्योपैथिक चिकित्सा कोरोना के इलाज में काफी कारगर साबित हो रही है. होम्योपैथिक चिकित्सकों ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ठीक करने का दावा किया है. होम्योपैथिक इलाज से कोरोना के मरीज ठीक भी हो रहे हैं.

होम्योपैथी के बारे में बता रहे डॉ. अशोक सिंह सोलंकी

दरअसल, होम्योपैथिक चिकित्सा कोविड प्रीवेंशन यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में और पोस्ट कोविड इफेक्ट में अहम रोल निभा रही है. एसिंप्टोमेटिक माइल्ड मॉडरेड कोरोना रोगियों में होम्योपैथिक चिकित्सा काफी कारगर साबित हो रही है. होम्योपैथिक चिकित्सकों ने वैश्विक महामारी कोरोना का सटीक ट्रीटमेंट खोजने का दावा किया है. होम्योपैथिक चिकित्सा का कोरोना के इलाज में कितना महत्व है, इसको लेकर ईटीवी भारत ने होम्योपैथिक चिकित्सक से खास बातचीत की.

होम्योपैथी के डॉ. अशोक सिंह सोलंकी से बातचीत

यह भी पढ़ेंः खाना मांगने पर महिला से गैंगरेप मामले में बीजेपी हमलावर, कहा- जनता का सरकार से इकबाल खत्म हो गया है

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अशोक सिंह सोलंकी ने बताया कि कोविड डेडीकेटेड आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती 60 मरीजों को होम्योपैथिक दवा दी गई, जिससे सभी मरीज 2 दिन से 14 दिन में ठीक होकर घर पहुंच गए. इस सफलता का श्रेय सरकार की ओर से होम्योपैथिक चिकित्सकों पर जताए गए विश्वास को दिया गया है. डॉ. अशोक सिंह सोलंकी के मुताबिक 44 प्रतिशत मरीज 2 से 5 दिन में, 25 प्रतिशत मरीज 6 से 9 दिन में और बाकी 31 प्रतिशत मरीज 9 से 14 दिन में डिस्चार्ज हो गए. 85 प्रतिशत मरीजों को ब्रायोनिया अल्बा 11 प्रतिशत को आर्सेनिक अल्बम और 4 प्रतिशत को जेल्सेमियम मेडिसिन दी गई. पिछले साल कोरोना की पहली लहर में आईसीयू की जरूरत नहीं पड़ी थी.

आयुष मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन

होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर अशोक सिंह सोलंकी के अनुसार आयुष मंत्रालय ने होम्योपैथी के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें होम्योपैथी डॉक्टर माइल्ड मॉडरेड, आसिम डोमेटिक प्रकार के कोरोना मरीजों को देख सकते हैं. सोलंकी ने बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति एक नेचुरल सिस्टम है, ट्रीटमेंट में सबसे मॉडर्न साइंस होम्योपैथिक है. कोरोना काल में लगातार 1 साल से इस पर काम कर रहे हैं. एसिंप्टोमेटिक माइल्ड मॉडरेड कोरोना रोगियों में होम्योपैथिक चिकित्सा काफी लाभदायक साबित हो रही है. पोस्ट कोविड इफेक्ट के चलते ब्लैक फंगस, वाइट फंगस और यलो फंगस जैसी बीमारियां हो रही हैं.

डॉ. सोलंकी ने बताया कि होम्योपैथिक लक्षणों के बेस पर इलाज करता है. होम्योपैथिक में बीमारी के बजाए बीमार को ठीक किया जाता है. अगर किसी को प्राइमरी सिम्टम्स आते हैं तो समय पर इलाज मिलने से ना तो ब्लैक फंगस होता है, ना वाइट फंगस होता है. शुरुआत में सिम्टम्स आने पर नजदीकी होम्योपैथी डॉक्टर से परामर्श लेकर दवाई ले सकते हैं. होम्योपैथिक कोरोना वायरस में कारगर है. प्रिवेंशन और पोस्ट कोविड में होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति का कोई तोड़ नहीं है. होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को लेकर सरकार को गंभीर होने की आवश्यकता है. होम्योपैथी चिकित्सा को लेकर लोगों में भी कई मिथ्या है, इसी कारण होम्योपैथिक चिकित्सा आमजन तक नहीं पहुंच पाई है.

होम्योपैथिक दवा के साइड इफेक्ट नहीं

Effective homeopathy in corona, कोरोना के इलाज में कारगर होम्योपैथी
कोरोना के इलाज में होम्योपैथिक दवाएं सहायक

डॉ. अशोक सिंह सोलंकी ने बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सा को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां हैं. होम्योपैथिक दवा धीरे काम करती है, या इसका कोई साइड इफेक्ट है, यह बिल्कुल गलत है. होम्योपैथिक दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, बल्कि साइ बेनिफिट होते है. होम्योपैथिक दवाई काफी तेजी से काम करती है. कोरोना में होम्योपैथिक दवाई रामबाण की तरह काम कर रही है, लेकिन थोड़ी गंभीरता की जरूरत है.

Effective homeopathy in corona, कोरोना के इलाज में कारगर होम्योपैथी
होम्योपैथीक दवाएं

राज्य सरकार और केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट

डॉ. अशोक सिंह ने बताया कि पिछले साल राज्य सरकार से अनुमति लेकर कोविड डेडीकेटेड आरयूएचएस अस्पताल में कोविड मरीजों पर ट्रायल किया था. शुरुआत में 60 मरीजों पर ट्रायल किया गया, जो कि 15 दिन में ठीक हो गए, बिना आईसीयू और बिना ऑक्सीजन के सभी मरीजों को ठीक किया गया, जिसमें हर प्रकार की कैटेगरी के पेशेंट थे. माइल्ड मॉडरेड एसिंप्टोमेटिक और सिवियर जैसे मरीज 15 दिन में ठीक हुए थे, जिसकी रिपोर्ट राज्य सरकार और केंद्र सरकार को भेजी गई थी. आरयूएचएस अस्पताल में होम्योपैथिक मेडिसिन का ट्रायल किया गया था, जिसकी रिपोर्ट में मरीज का नाम, बेड और उसके सिम्टम्स समेत पुरानी बीमारी और क्या इलाज दिया गया था और कितने दिन में नेगेटिव हुआ, इसके संबंध में सारी रिपोर्ट राज्य सरकार के होम्योपैथिक निदेशक और केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय को भेजी गई थी.

दूसरी लहर में 1800 से अधिक कोरोना मरीजों का इलाज

डॉ. अशोक सिंह सोलंकी ने बताया कि आरयूएचएस अस्पताल में ट्रायल के बाद लगातार कोविड मरीजों को ठीक कर रहे हैं, चाहे मरीज सिंप्टोमेटिक हो या एसिंप्टोमेटिक हो, सभी का इलाज कर रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर में करीब 1800 से अधिक कोरोना मरीजों को ठीक किया जा चुका है, इसमें ऐसे भी मरीज थे जिनका ऑक्सीजन लेवल कम था. ऑक्सीजन लेवल 70 से कम वाले मरीजों का भी इलाज किया गया है. होम्योपैथिक में किसी भी महामारी के लिए फिक्स दवाई नहीं होती है, यहां पर बुखार, सिर दर्द सभी तरह के सिम्टम्स की दवाई है.

यह भी पढ़ेंः Special: लॉकडाउन ने छीना रोजगार, किससे लगाएं गुहार...खाने के भी पड़ रहे लाले

डॉ. सोलंकी ने बताया की होम्योपैथिक में जब सही दवाई मिलेगी, तभी इलाज होगा. होम्योपैथिक में दवाई का साइड इफेक्ट नहीं है. कोरोना एक वैश्विक युद्ध है, युद्ध में हर योद्धा की अपनी-अपनी भूमिका होती है, केवल सेनापति से ही युद्ध नहीं जीता जा सकता, पीछे सैनिक भी होते हैं, चाहे वह आयुर्वेदिक सिस्टम हो, एलोपैथिक हो या होम्योपैथिक हो. यह समय सबको साथ मिलकर कोरोना से निजात कैसे दिला पाएं इसको लेकर सभी को अपनी अपनी भूमिका निभानी चाहिए. सरकार को भी गंभीरता दिखानी चाहिए. सारी पद्धतियां साथ मिलकर काम करेंगी तो कोरोना संक्रमण से जल्दी जीत पाएंगे.

ज्यादा पैनिक नहीं हों, परिवार में सकारात्मक माहौल रखें

डॉ. अशोक सिंह सोलंकी ने बताया कि कोरोना संकट के दौर में लोग बहुत ज्यादा पैनिक भी हो रहे हैं. लोगों में मौसमी सिम्टम्स भी आ रहे हैं. सर्दी, जुकाम और बुखार हर साल की तरह मौसम चेंज होने पर भी आता है. ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है. शुरुआत में सिंटम्स आते ही होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज ले सकते हैं. बिना चिकित्सक के परामर्श किसी भी पद्धति की कोई दवाई नहीं खाए. बिना परामर्श एक गोली भी नुकसानदायक हो सकती है, डॉक्टर के परामर्श से ही दवाई लें.

इस समय ठंडी और चिकनी चीजों से परहेज रखें, फ्रिज का ज्यादा ठंडा पानी नहीं पीयें. विटामिन सी पर ध्यान दें और योगा प्राणायाम करें. रूटीन की दिनचर्या को सही करें. परिवार में सकारात्मक माहौल रखें. अगर परिवार में कोई कोविड पॉजिटिव आया है तो उसको घिन्न की नजर से नहीं देखें, वह हमारे परिवार का हिस्सा है, बल्कि कोविड मरीज के खानपान और रहन-सहन का पूरा ख्याल रखें. हम भारतीय संस्कृति के लोग हैं, और सर्वे भवंतु सुखिन की कामना करने वाले लोग हैं. सभी पद्धतियों का सम्मान करते हुए मिलकर काम करेंगे तो कोरोना से जल्दी निजात मिल सकेगी.

कोरोना संकट के दौर में होम्योपैथिक भी काफी महत्वपूर्ण है. होम्योपैथिक दवाइयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. होम्योपैथी काफी सरल और सुलभ है, इसमें सस्ता इलाज उपलब्ध हो जाता है. लोगों में जागरूकता की भी जरूरत है. होम्योपैथी को लेकर अगर सरकार गंभीर होती है तो इसके अच्छे परिणाम हैं.

ठीक होने वाले मरीजों ने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सा कारगर

क्या कह रहे होम्योपैथिक दवा से ठीक हुए मरीज?

होम्योपैथिक दवा से ठीक होने वाले कोरोना मरीजों ने होम्योपैथिक चिकित्सा को कारगर बताया है. होम्योपैथिक इलाज लेने वाले कोविड मरीजों का कहना है कि पॉजिटिव होने पर होम्योपैथिक इलाज लिया जिससे काफी फायदा मिली है. ऑक्सीजन लेवल कम हो गया था, होम्योपैथिक दवाई लेने से काफी लाभ मिला है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने कोविड मरीजों में होम्योपैथिक दवाई लेकर इलाज होने की बात कही है.

होम्योपैथिक दवा से ठीक हुए मरीज

यह भी पढ़ेंः कोरोना संक्रमण ने बिगाड़ा राज्य वित्तीय बजट, सरकार की खजाना भरने की कवायद तेज... यहां लग सकता है सर चार्ज

जयपुर के खातीपुरा निवासी दशरथ सिंह के अनुसार 1 मई को तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी. डॉक्टर के कहने पर कोरोना की जांच करवाई तो पॉजिटिव पाई गई. तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क किया और इलाज शुरू किया तो धीरे-धीरे फायदा होने लगा, 7 दिन में तबीयत में बिल्कुल सुधार आ गया. जयपुर के सोडाला निवासी कनिष्का चौहान के अनुसार घर के सभी सदस्य कोरोना पॉजिटिव हो गए थे. ऑक्सीजन लेवल भी कम हो गया था. होम्योपैथिक इलाज शुरू किया गया तो जल्दी सकारात्मक परिणाम सामने आए. जयपुर निवासी रोहिणी रावत ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव होने पर होम्योपैथिक डॉक्टर से सलाह ले कर इलाज शुरू किया. रेगुलर होम्योपैथिक दवाइयां लेने से काफी फायदा हुआ. कुछ ही दिन में स्वास्थ्य ठीक हो गया और कोरोना की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई गई.

जयपुर. देशभर में कोरोना का संक्रमण बड़ी तेजी से फैलता जा रहा है. कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए सरकारों की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं. बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी भी हो रही है. कोरोना मरीजों के इलाज में एलोपैथिक के साथ आयुष पद्धतियां भी काफी कारगर साबित हो रही है. इनमें से एक होम्योपैथिक चिकित्सा कोरोना के इलाज में काफी कारगर साबित हो रही है. होम्योपैथिक चिकित्सकों ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ठीक करने का दावा किया है. होम्योपैथिक इलाज से कोरोना के मरीज ठीक भी हो रहे हैं.

होम्योपैथी के बारे में बता रहे डॉ. अशोक सिंह सोलंकी

दरअसल, होम्योपैथिक चिकित्सा कोविड प्रीवेंशन यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में और पोस्ट कोविड इफेक्ट में अहम रोल निभा रही है. एसिंप्टोमेटिक माइल्ड मॉडरेड कोरोना रोगियों में होम्योपैथिक चिकित्सा काफी कारगर साबित हो रही है. होम्योपैथिक चिकित्सकों ने वैश्विक महामारी कोरोना का सटीक ट्रीटमेंट खोजने का दावा किया है. होम्योपैथिक चिकित्सा का कोरोना के इलाज में कितना महत्व है, इसको लेकर ईटीवी भारत ने होम्योपैथिक चिकित्सक से खास बातचीत की.

होम्योपैथी के डॉ. अशोक सिंह सोलंकी से बातचीत

यह भी पढ़ेंः खाना मांगने पर महिला से गैंगरेप मामले में बीजेपी हमलावर, कहा- जनता का सरकार से इकबाल खत्म हो गया है

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अशोक सिंह सोलंकी ने बताया कि कोविड डेडीकेटेड आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती 60 मरीजों को होम्योपैथिक दवा दी गई, जिससे सभी मरीज 2 दिन से 14 दिन में ठीक होकर घर पहुंच गए. इस सफलता का श्रेय सरकार की ओर से होम्योपैथिक चिकित्सकों पर जताए गए विश्वास को दिया गया है. डॉ. अशोक सिंह सोलंकी के मुताबिक 44 प्रतिशत मरीज 2 से 5 दिन में, 25 प्रतिशत मरीज 6 से 9 दिन में और बाकी 31 प्रतिशत मरीज 9 से 14 दिन में डिस्चार्ज हो गए. 85 प्रतिशत मरीजों को ब्रायोनिया अल्बा 11 प्रतिशत को आर्सेनिक अल्बम और 4 प्रतिशत को जेल्सेमियम मेडिसिन दी गई. पिछले साल कोरोना की पहली लहर में आईसीयू की जरूरत नहीं पड़ी थी.

आयुष मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन

होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर अशोक सिंह सोलंकी के अनुसार आयुष मंत्रालय ने होम्योपैथी के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें होम्योपैथी डॉक्टर माइल्ड मॉडरेड, आसिम डोमेटिक प्रकार के कोरोना मरीजों को देख सकते हैं. सोलंकी ने बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति एक नेचुरल सिस्टम है, ट्रीटमेंट में सबसे मॉडर्न साइंस होम्योपैथिक है. कोरोना काल में लगातार 1 साल से इस पर काम कर रहे हैं. एसिंप्टोमेटिक माइल्ड मॉडरेड कोरोना रोगियों में होम्योपैथिक चिकित्सा काफी लाभदायक साबित हो रही है. पोस्ट कोविड इफेक्ट के चलते ब्लैक फंगस, वाइट फंगस और यलो फंगस जैसी बीमारियां हो रही हैं.

डॉ. सोलंकी ने बताया कि होम्योपैथिक लक्षणों के बेस पर इलाज करता है. होम्योपैथिक में बीमारी के बजाए बीमार को ठीक किया जाता है. अगर किसी को प्राइमरी सिम्टम्स आते हैं तो समय पर इलाज मिलने से ना तो ब्लैक फंगस होता है, ना वाइट फंगस होता है. शुरुआत में सिम्टम्स आने पर नजदीकी होम्योपैथी डॉक्टर से परामर्श लेकर दवाई ले सकते हैं. होम्योपैथिक कोरोना वायरस में कारगर है. प्रिवेंशन और पोस्ट कोविड में होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति का कोई तोड़ नहीं है. होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को लेकर सरकार को गंभीर होने की आवश्यकता है. होम्योपैथी चिकित्सा को लेकर लोगों में भी कई मिथ्या है, इसी कारण होम्योपैथिक चिकित्सा आमजन तक नहीं पहुंच पाई है.

होम्योपैथिक दवा के साइड इफेक्ट नहीं

Effective homeopathy in corona, कोरोना के इलाज में कारगर होम्योपैथी
कोरोना के इलाज में होम्योपैथिक दवाएं सहायक

डॉ. अशोक सिंह सोलंकी ने बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सा को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां हैं. होम्योपैथिक दवा धीरे काम करती है, या इसका कोई साइड इफेक्ट है, यह बिल्कुल गलत है. होम्योपैथिक दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, बल्कि साइ बेनिफिट होते है. होम्योपैथिक दवाई काफी तेजी से काम करती है. कोरोना में होम्योपैथिक दवाई रामबाण की तरह काम कर रही है, लेकिन थोड़ी गंभीरता की जरूरत है.

Effective homeopathy in corona, कोरोना के इलाज में कारगर होम्योपैथी
होम्योपैथीक दवाएं

राज्य सरकार और केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट

डॉ. अशोक सिंह ने बताया कि पिछले साल राज्य सरकार से अनुमति लेकर कोविड डेडीकेटेड आरयूएचएस अस्पताल में कोविड मरीजों पर ट्रायल किया था. शुरुआत में 60 मरीजों पर ट्रायल किया गया, जो कि 15 दिन में ठीक हो गए, बिना आईसीयू और बिना ऑक्सीजन के सभी मरीजों को ठीक किया गया, जिसमें हर प्रकार की कैटेगरी के पेशेंट थे. माइल्ड मॉडरेड एसिंप्टोमेटिक और सिवियर जैसे मरीज 15 दिन में ठीक हुए थे, जिसकी रिपोर्ट राज्य सरकार और केंद्र सरकार को भेजी गई थी. आरयूएचएस अस्पताल में होम्योपैथिक मेडिसिन का ट्रायल किया गया था, जिसकी रिपोर्ट में मरीज का नाम, बेड और उसके सिम्टम्स समेत पुरानी बीमारी और क्या इलाज दिया गया था और कितने दिन में नेगेटिव हुआ, इसके संबंध में सारी रिपोर्ट राज्य सरकार के होम्योपैथिक निदेशक और केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय को भेजी गई थी.

दूसरी लहर में 1800 से अधिक कोरोना मरीजों का इलाज

डॉ. अशोक सिंह सोलंकी ने बताया कि आरयूएचएस अस्पताल में ट्रायल के बाद लगातार कोविड मरीजों को ठीक कर रहे हैं, चाहे मरीज सिंप्टोमेटिक हो या एसिंप्टोमेटिक हो, सभी का इलाज कर रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर में करीब 1800 से अधिक कोरोना मरीजों को ठीक किया जा चुका है, इसमें ऐसे भी मरीज थे जिनका ऑक्सीजन लेवल कम था. ऑक्सीजन लेवल 70 से कम वाले मरीजों का भी इलाज किया गया है. होम्योपैथिक में किसी भी महामारी के लिए फिक्स दवाई नहीं होती है, यहां पर बुखार, सिर दर्द सभी तरह के सिम्टम्स की दवाई है.

यह भी पढ़ेंः Special: लॉकडाउन ने छीना रोजगार, किससे लगाएं गुहार...खाने के भी पड़ रहे लाले

डॉ. सोलंकी ने बताया की होम्योपैथिक में जब सही दवाई मिलेगी, तभी इलाज होगा. होम्योपैथिक में दवाई का साइड इफेक्ट नहीं है. कोरोना एक वैश्विक युद्ध है, युद्ध में हर योद्धा की अपनी-अपनी भूमिका होती है, केवल सेनापति से ही युद्ध नहीं जीता जा सकता, पीछे सैनिक भी होते हैं, चाहे वह आयुर्वेदिक सिस्टम हो, एलोपैथिक हो या होम्योपैथिक हो. यह समय सबको साथ मिलकर कोरोना से निजात कैसे दिला पाएं इसको लेकर सभी को अपनी अपनी भूमिका निभानी चाहिए. सरकार को भी गंभीरता दिखानी चाहिए. सारी पद्धतियां साथ मिलकर काम करेंगी तो कोरोना संक्रमण से जल्दी जीत पाएंगे.

ज्यादा पैनिक नहीं हों, परिवार में सकारात्मक माहौल रखें

डॉ. अशोक सिंह सोलंकी ने बताया कि कोरोना संकट के दौर में लोग बहुत ज्यादा पैनिक भी हो रहे हैं. लोगों में मौसमी सिम्टम्स भी आ रहे हैं. सर्दी, जुकाम और बुखार हर साल की तरह मौसम चेंज होने पर भी आता है. ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है. शुरुआत में सिंटम्स आते ही होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज ले सकते हैं. बिना चिकित्सक के परामर्श किसी भी पद्धति की कोई दवाई नहीं खाए. बिना परामर्श एक गोली भी नुकसानदायक हो सकती है, डॉक्टर के परामर्श से ही दवाई लें.

इस समय ठंडी और चिकनी चीजों से परहेज रखें, फ्रिज का ज्यादा ठंडा पानी नहीं पीयें. विटामिन सी पर ध्यान दें और योगा प्राणायाम करें. रूटीन की दिनचर्या को सही करें. परिवार में सकारात्मक माहौल रखें. अगर परिवार में कोई कोविड पॉजिटिव आया है तो उसको घिन्न की नजर से नहीं देखें, वह हमारे परिवार का हिस्सा है, बल्कि कोविड मरीज के खानपान और रहन-सहन का पूरा ख्याल रखें. हम भारतीय संस्कृति के लोग हैं, और सर्वे भवंतु सुखिन की कामना करने वाले लोग हैं. सभी पद्धतियों का सम्मान करते हुए मिलकर काम करेंगे तो कोरोना से जल्दी निजात मिल सकेगी.

कोरोना संकट के दौर में होम्योपैथिक भी काफी महत्वपूर्ण है. होम्योपैथिक दवाइयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. होम्योपैथी काफी सरल और सुलभ है, इसमें सस्ता इलाज उपलब्ध हो जाता है. लोगों में जागरूकता की भी जरूरत है. होम्योपैथी को लेकर अगर सरकार गंभीर होती है तो इसके अच्छे परिणाम हैं.

ठीक होने वाले मरीजों ने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सा कारगर

क्या कह रहे होम्योपैथिक दवा से ठीक हुए मरीज?

होम्योपैथिक दवा से ठीक होने वाले कोरोना मरीजों ने होम्योपैथिक चिकित्सा को कारगर बताया है. होम्योपैथिक इलाज लेने वाले कोविड मरीजों का कहना है कि पॉजिटिव होने पर होम्योपैथिक इलाज लिया जिससे काफी फायदा मिली है. ऑक्सीजन लेवल कम हो गया था, होम्योपैथिक दवाई लेने से काफी लाभ मिला है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने कोविड मरीजों में होम्योपैथिक दवाई लेकर इलाज होने की बात कही है.

होम्योपैथिक दवा से ठीक हुए मरीज

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जयपुर के खातीपुरा निवासी दशरथ सिंह के अनुसार 1 मई को तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी. डॉक्टर के कहने पर कोरोना की जांच करवाई तो पॉजिटिव पाई गई. तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क किया और इलाज शुरू किया तो धीरे-धीरे फायदा होने लगा, 7 दिन में तबीयत में बिल्कुल सुधार आ गया. जयपुर के सोडाला निवासी कनिष्का चौहान के अनुसार घर के सभी सदस्य कोरोना पॉजिटिव हो गए थे. ऑक्सीजन लेवल भी कम हो गया था. होम्योपैथिक इलाज शुरू किया गया तो जल्दी सकारात्मक परिणाम सामने आए. जयपुर निवासी रोहिणी रावत ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव होने पर होम्योपैथिक डॉक्टर से सलाह ले कर इलाज शुरू किया. रेगुलर होम्योपैथिक दवाइयां लेने से काफी फायदा हुआ. कुछ ही दिन में स्वास्थ्य ठीक हो गया और कोरोना की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई गई.

Last Updated : May 27, 2021, 10:03 PM IST
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