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Holi 2021: प्रदोष काल में होगा होलिका दहन, जानें श्रेष्ठ मुहूर्त

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Published : Mar 27, 2021, 10:12 PM IST

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कल सर्वार्थसिद्धि योग में इस बार होलिका दहन होगा. होलिका दहन के समय अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है. साथ ही दशकों के बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है. होलिका दहन गोधूलि बेला में सूर्यास्त के बाद करना श्रेष्ठ है. जिसका समय जयपुर में शाम 6.30 बजे से 6.50 बजे तक रहेगा.

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होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

जयपुर. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कल सर्वार्थसिद्धि योग में इस बार होलिका दहन होगा. वही होलिका दहन के समय अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है. साथ ही दशकों के बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है. जिसके तहत होली पर सूर्य व ब्रह्ना की साक्षी रहेगी और सोमवार को धुलंडी मनाई जाएगी.

पढे़ं: जनसुवाई के मापदंड: जनसुनवाई के दिन तय करने के साथ जवाबदेही तय करना जरूरी है: पूर्व IAS भगीरथ शर्मा

ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पूर्णमासी 28 मार्च को है और उस दिन भद्रा दोपहर 1.52 बजे तक रहेगी. वही होलिका दहन गोधूलि बेला में सूर्यास्त के बाद करना श्रेष्ठ है. जिसका समय जयपुर में शाम 6.30 बजे से 6.50 बजे तक रहेगा. होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को भद्रा रहित करना शास्त्रोक्त बताता है.

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

होली के त्योहार को असत्य पर सत्य और शत्रुता पर मित्रता के लिए माना जाता है. इसलिए इस योग को खास माना है. इन्ही योग में होली दहन श्रेष्ठ रहेगा और नई ऊर्जा का संचार होगा. उम्मीद है इस बार होलिका दहन के पूजन के साथ ही पिछले साल की बाधाएं समाप्त होगी और व्यापार में भी तेजी आएगी. हालांकि कोरोना गाइडलाइंस के तहत इस बार होलिका दहन में ज्यादा भीड़भाड़ में जाने से बचे और विधिविधान से होलिका पूजन करें.

जयपुर. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कल सर्वार्थसिद्धि योग में इस बार होलिका दहन होगा. वही होलिका दहन के समय अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है. साथ ही दशकों के बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है. जिसके तहत होली पर सूर्य व ब्रह्ना की साक्षी रहेगी और सोमवार को धुलंडी मनाई जाएगी.

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ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पूर्णमासी 28 मार्च को है और उस दिन भद्रा दोपहर 1.52 बजे तक रहेगी. वही होलिका दहन गोधूलि बेला में सूर्यास्त के बाद करना श्रेष्ठ है. जिसका समय जयपुर में शाम 6.30 बजे से 6.50 बजे तक रहेगा. होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को भद्रा रहित करना शास्त्रोक्त बताता है.

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

होली के त्योहार को असत्य पर सत्य और शत्रुता पर मित्रता के लिए माना जाता है. इसलिए इस योग को खास माना है. इन्ही योग में होली दहन श्रेष्ठ रहेगा और नई ऊर्जा का संचार होगा. उम्मीद है इस बार होलिका दहन के पूजन के साथ ही पिछले साल की बाधाएं समाप्त होगी और व्यापार में भी तेजी आएगी. हालांकि कोरोना गाइडलाइंस के तहत इस बार होलिका दहन में ज्यादा भीड़भाड़ में जाने से बचे और विधिविधान से होलिका पूजन करें.

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