जयपुर. राजधानी के सभी 250 वार्डों में 500 स्थानों पर इस बार होलिका दहन में गोबर से बनी लकड़ी (गोकाष्ठ) और कंडों का इस्तेमाल होगा. ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने पर्यावरण संरक्षण के क्रम में पहल करते हुए शहर वासियों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की है.
पर्यावरण और जैविक विविधता के संरक्षण के लिए जयपुर में 500 स्थानों पर गोकाष्ठ और गोबर के कंडे से होलिका दहन किया जाएगा. इस अभियान को सफल बनाने के लिए ग्रेटर नगर निगम उप महापौर पुनीत कर्णावट ने सभी वार्ड पार्षदों और शहर वासियों से पर्यावरण संरक्षण के निमित्त इस अभियान से जुड़ने की अपील की है.
उन्होंने कहा कि होलिका दहन में हर वर्ष बड़ी संख्या में हरे पेड़ों की कटाई होती है. इससे पर्यावरण और बायोडायवर्सिटी का नुकसान होता है. जिसकी रक्षा के लिए इस बार गोकाष्ठ से होलिका दहन करने का निर्णय लिया गया है. इसके मद्देनजर जयपुर शहर में कम से कम 500 स्थानों पर होलिका दहन गोकाष्ठ के माध्यम से किया जाएगा.
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उन्होंने बताया कि गोकाष्ठ गोबर से बनी लकड़ी होती है, जिसे बड़ी आसानी से बनाया जा सकता है. इस पर बहुत सारी गौशालाएं काम कर रही है. जिनसे होलिका दहन के निमित्त गोकाष्ठ उपलब्ध कराने के लिए संपर्क किया गया है. बड़ी संख्या में लोग भी इस अभियान से जुड़ते हुए संकल्प पूरा करेंगे. इस संबंध में विकास समितियों, व्यापार संगठनों और सामाजिक संगठनों से सीधा संपर्क किया जाएगा. इस बड़े अभियान में सभी दलों के पार्षद से जुड़ने की अपील की जा रही है. उन्होंने कहा कि इसमें सभी को आगे बढ़कर सहयोग होना चाहिए. पूरे राजस्थान में इस मुहिम को आगे ले जाने का प्रयास है.
बताया जा रहा है कि ये गोकाष्ठ ₹2100 में करीब 150 किलो उपलब्ध कराया जाएगा. गोकाष्ठ का उपयोग करने से गौशालाओं को जहां आर्थिक संबल प्राप्त होगा. वहीं पेड़ों की भी सुरक्षा होगी.