जयपुर. शुभ तिथि तृतीया जया संज्ञक तिथि दोपहर 3 बजकर 55 मिनट तक, तत्पश्चात चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि आरम्भ. तृतीया तिथि में सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य, विवाह, प्रतिष्ठा, अन्नप्राशन, यज्ञोपवीत, उत्सव, यज्ञादि कार्य विशेष शुभ माने जाते हैं. तृतीया तिथि मे जन्मे जातक प्रमादी, धनवान, बुद्धिवान, भाग्यवान, पराक्रमी होते हैं.
श्रवण "चर-ऊर्ध्व मुख" संज्ञक रात्रि 1 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. श्रवण नक्षत्र में देव प्रतिष्ठा, वास्तु, जनेऊ संस्कार, वाहन क्रय करना, विवाह, व्यापार आरम्भ, बोरिंग, शिल्प, विद्या आरम्भ इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक धनी, साहसी, प्रसिद्ध, मेहनत करने वाला, धनवान, बुद्धिमान होता है. चन्द्रमा सम्पूर्ण दिन मकर राशि में संचार करेगा.
व्रतोत्सव - चतुर्थी व्रत, चंद्रोदय रात्रि 22-06 पर, वैधृति पुण्यं.
राहु काल - सायंकाल 4.30 बजे से 6 बजे तक.
दिशाशूल - रविवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल रहता है. यात्रा को सफल बनाने लिए घर से घी-दलिया खाकर निकलें.
आज के शुभ चौघड़िये - प्रातः 7.22 से दोपहर 12-29 तक चर, लाभ व अमृत, दोपहर 2-12 से दोपहर 3-55 तक शुभ का चौघड़िया.
सौजन्य : राज ज्योतिषी पंडित मुकेश शास्त्री.