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शिक्षण संस्थानों ने सीएम कोविड-19 राहत कोष में दान किए 20 लाख रुपए - सीएम अशोक गहलोत

कोरोना महामारी में इस वक्त हर कोई एक दूसरे की मदद करने में जुटा है. ऐसे में शनिवार को उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने सीएम अशोक गहलोत को 20 लाख 20 हजार 444 रुपए का चेक दिया.

Higher education minister gave cheque, उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया चेक
उच्च शिक्षा मंत्री ने सीएम को दिया चेक
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Published : May 30, 2020, 11:57 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने 20 लाख 20 हजार 444 रुपए का चेक मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष के लिए भेंट किए.

बिजली बिलों के भुगतान में मिली राहत,  Relief in payment of electricity bills
बिजली बिलों के भुगतान में मिली राहत

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि इनमें से 11 लाख रुपये का चेक राजस्थान निजी कॉलेज संघ की ओर से, 6 लाख 5 हजार 44 रुपये का चेक महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की ओर से, 53 हजार 500 रुपये का चेक बी.जे.एस. रामपुरिया कॉलेज, बीकानेर और शेष राशि अन्य भामाशाहों की ओर से कोविड-19 कोष के लिए दी गई है.

पढ़ेंः कोटा: टिड्डी दल कर्मिकों की निगरानी के विरोध में शिक्षक संघ ने CM गहलोत के नाम ज्ञापन भेजा

बता दें कि वैश्विक महामारी को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कर्मचारियों, अधिकारियों और भामाशाह से इस संकट की घड़ी में आगे आकर सहयोग करने की अपील की थी. इसके बाद राज्य कर्मचारियों ने अपने वेतन का कुछ हिस्सा और भामाशाह ने अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार वोविड 19 सीएम रिलीफ फंड में जमा कराए थे. मुख्यमंत्री गहलोत ने इस सहयोग के लिए सभी दानदाताओं, भामाशाहों और संस्थाओं को धन्यवाद दिया है.

इस तरह कर सकते हैं सहयोग

राज्य सरकार ने कोविड-19 आपदा में जनसहयोग प्राप्त करने के लिए राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष शुरू किया है. एसबीआई की जयपुर शासन सचिवालय शाखा में इसके लिए खुलवाए गए खाते की संख्या 39233225397 है. इसका आईएफएससी कोड एसबीआईएन0031031 है. कोई भी दानदाता इसमें दान देकर सहयोग कर सकता है.

पढ़ेंः राशन डीलरों ने दुकान खोलने में जताई असमर्थता, अब तक 45 दुकानों के लाइसेंस निलंबित

किसानों, उद्योगों और घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिलों के भुगतान में दी गई राहत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी के कारण किसानों, उद्योगों और घरेलू उपभोक्ताओं को 2 अप्रैल को विद्युत बिलों के भुगतान में राहत देने की घोषणा की थी. लॉकडाउन की अवधि 31 मई तक बढ़ने के कारण मुख्यमंत्री ने अब इन राहतों की अवधि 30 जून, 2020 तक बढ़ाने का निर्णय किया है. पूर्व में ये राहतें 31 मई तक के लिए दी गई थीं.

विद्युत विभाग द्वारा ये राहतें दी गई थीं

विद्युत बिलों के भुगतान नहीं होने पर कोई विद्युत कनेक्शन 31 मई तक नहीं काटे जाने के निर्देश दिए थे. राज्य सरकार ने औद्योगिक प्रतिष्ठानों के विद्युत कनेक्शन के मार्च और अप्रैल माह के उपभोग के बिल जो अप्रैल और मई में जारी होंगे, उनमें फिक्स्ड चार्ज (स्थाई शुल्क) को लॉकडाउन अवधि के अनुपात में 31 मई, 2020 तक स्थगित (डेफर) किया था.

इसी प्रकार राजकीय प्रतिष्ठान और लॉकडाउन से मुक्त प्रतिष्ठानों को छोड़कर अन्य सभी अघरेलू (व्यावसायिक यथा-पर्यटन से संबंधित प्रतिष्ठान, शोरूम, दुकान, होटल, वर्किंग हॉस्टल) के करीब 11 लाख कनेक्शनों के मार्च और अप्रैल माह के विद्युत बिलों के फिक्स्ड चार्ज को लॉकडाउन अवधि के अनुपात में 31 मई, 2020 तक डेफर किया गया था.

राज्य सरकार ने कोरोना से उत्पन्न संकट की इस घड़ी में किसानों को संबल देने के लिए कृषि उपभोक्ताओं के मार्च में जारी बिल और अप्रैल और मई में जारी होने वाले बिलों का भुगतान भी 31 मई, 2020 तक स्थगित किया था.

राज्य सरकार ने ऐसे कृषि और घरेलू कनेक्शन, जो बकाया राशि के कारण 31 मार्च, 2019 से पहले काटे गए थे, उनके लिए एमनेस्टी योजना की अवधि भी 30 जून, 2020 तक बढ़ाई थी.

पढ़ेंः Corona Update: प्रदेश में कोरोना के 298 नए मामले, कुल पॉजिटिव आंकड़ा 8365

कोरोना संकट के कारण घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों के भुगतान में आ रही परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने 150 यूनिट प्रतिमाह तक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के मार्च और अप्रैल माह के उपभोग के बिलों का भुगतान 31 मई तक स्थगित करने का निर्णय किया था. कृषि और घरेलू श्रेणियों के सभी उपभोक्ता 31 मई, 2020 तक बिलों का भुगतान करेंगें, तो उन्हें आगामी बिल में भुगतान की गई राशि की 5 प्रतिशत छूट दी गई थी.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने 20 लाख 20 हजार 444 रुपए का चेक मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष के लिए भेंट किए.

बिजली बिलों के भुगतान में मिली राहत,  Relief in payment of electricity bills
बिजली बिलों के भुगतान में मिली राहत

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि इनमें से 11 लाख रुपये का चेक राजस्थान निजी कॉलेज संघ की ओर से, 6 लाख 5 हजार 44 रुपये का चेक महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की ओर से, 53 हजार 500 रुपये का चेक बी.जे.एस. रामपुरिया कॉलेज, बीकानेर और शेष राशि अन्य भामाशाहों की ओर से कोविड-19 कोष के लिए दी गई है.

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बता दें कि वैश्विक महामारी को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कर्मचारियों, अधिकारियों और भामाशाह से इस संकट की घड़ी में आगे आकर सहयोग करने की अपील की थी. इसके बाद राज्य कर्मचारियों ने अपने वेतन का कुछ हिस्सा और भामाशाह ने अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार वोविड 19 सीएम रिलीफ फंड में जमा कराए थे. मुख्यमंत्री गहलोत ने इस सहयोग के लिए सभी दानदाताओं, भामाशाहों और संस्थाओं को धन्यवाद दिया है.

इस तरह कर सकते हैं सहयोग

राज्य सरकार ने कोविड-19 आपदा में जनसहयोग प्राप्त करने के लिए राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष शुरू किया है. एसबीआई की जयपुर शासन सचिवालय शाखा में इसके लिए खुलवाए गए खाते की संख्या 39233225397 है. इसका आईएफएससी कोड एसबीआईएन0031031 है. कोई भी दानदाता इसमें दान देकर सहयोग कर सकता है.

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किसानों, उद्योगों और घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिलों के भुगतान में दी गई राहत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी के कारण किसानों, उद्योगों और घरेलू उपभोक्ताओं को 2 अप्रैल को विद्युत बिलों के भुगतान में राहत देने की घोषणा की थी. लॉकडाउन की अवधि 31 मई तक बढ़ने के कारण मुख्यमंत्री ने अब इन राहतों की अवधि 30 जून, 2020 तक बढ़ाने का निर्णय किया है. पूर्व में ये राहतें 31 मई तक के लिए दी गई थीं.

विद्युत विभाग द्वारा ये राहतें दी गई थीं

विद्युत बिलों के भुगतान नहीं होने पर कोई विद्युत कनेक्शन 31 मई तक नहीं काटे जाने के निर्देश दिए थे. राज्य सरकार ने औद्योगिक प्रतिष्ठानों के विद्युत कनेक्शन के मार्च और अप्रैल माह के उपभोग के बिल जो अप्रैल और मई में जारी होंगे, उनमें फिक्स्ड चार्ज (स्थाई शुल्क) को लॉकडाउन अवधि के अनुपात में 31 मई, 2020 तक स्थगित (डेफर) किया था.

इसी प्रकार राजकीय प्रतिष्ठान और लॉकडाउन से मुक्त प्रतिष्ठानों को छोड़कर अन्य सभी अघरेलू (व्यावसायिक यथा-पर्यटन से संबंधित प्रतिष्ठान, शोरूम, दुकान, होटल, वर्किंग हॉस्टल) के करीब 11 लाख कनेक्शनों के मार्च और अप्रैल माह के विद्युत बिलों के फिक्स्ड चार्ज को लॉकडाउन अवधि के अनुपात में 31 मई, 2020 तक डेफर किया गया था.

राज्य सरकार ने कोरोना से उत्पन्न संकट की इस घड़ी में किसानों को संबल देने के लिए कृषि उपभोक्ताओं के मार्च में जारी बिल और अप्रैल और मई में जारी होने वाले बिलों का भुगतान भी 31 मई, 2020 तक स्थगित किया था.

राज्य सरकार ने ऐसे कृषि और घरेलू कनेक्शन, जो बकाया राशि के कारण 31 मार्च, 2019 से पहले काटे गए थे, उनके लिए एमनेस्टी योजना की अवधि भी 30 जून, 2020 तक बढ़ाई थी.

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कोरोना संकट के कारण घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों के भुगतान में आ रही परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने 150 यूनिट प्रतिमाह तक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के मार्च और अप्रैल माह के उपभोग के बिलों का भुगतान 31 मई तक स्थगित करने का निर्णय किया था. कृषि और घरेलू श्रेणियों के सभी उपभोक्ता 31 मई, 2020 तक बिलों का भुगतान करेंगें, तो उन्हें आगामी बिल में भुगतान की गई राशि की 5 प्रतिशत छूट दी गई थी.

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