जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती मानसिक बीमार महिला को 7 दिन में जामडोली के पुनर्वास केंद्र में भर्ती करना सुनिश्चित करे. इसके साथ ही अदालत ने महिला की उचित देखरेख के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक को उसका प्रतिनिधि बनाया है. न्यायाधीश महेंद्र गोयल ने यह आदेश विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से अधिवक्ता शालिनी श्योराण की ओर से दायर याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि भीलवाड़ा में 60 साल की मानसिक रूप से बीमार महिला लावारिस हालत में मिली थी. जिसको वहां के एमजीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया. महिला का इलाज करने वाले मनोरोग विभाग के आचार्य ने उसकी उचित देखभाल और पुनर्वास की जरूरत बताते हुए भीलवाड़ा विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र भेजा. जिसे प्राधिकरण ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में भेज दिया.
पढ़ें: प्री-प्राइमरी कक्षाओं में RTE के तहत प्रवेश क्यों नहींः हाइकोर्ट
याचिका में कहा गया कि मेंटल हेल्थ केयर अधिनियम, 2017 के तहत मानसिक बीमार को उचित इलाज, पुनर्वास और अभिरक्षा का अधिकार है. मामले में महिला की मानसिक स्थिति का परीक्षण भी नहीं हो पाया, क्योंकि वह कोई भी भाषा नहीं समझ पा रही है. इसलिए उसके पुनर्वास और इलाज के लिए जामडोली स्थित पुनर्वास केंद्र में भेजा जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने महिला को 7 दिन में पुनर्वास केंद्र में भेजना सुनिश्चित करने को कहा है.