जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2006 में नियुक्त शिक्षकों को परिवीक्षा काल में दिए गए वेतन को अधिक बताकर की जा रही वसूली पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने शिक्षा सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और भरतपुर डीईओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.
न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ ने यह आदेश शांति लाल जाटव की ओर से दायर याचिका पर दिए हैं. याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती - 2006 में महिलाओं को तय सीमा से अधिक आरक्षण देने के कारण याचिकाकर्ताओं का चयन नहीं हो सका था.
वहीं, हाईकोर्ट के आदेश की पालना में याचिकाकर्ताओं को फरवरी 2017 में नियुक्ति देते हुए नोशनल परिलाभ और वरिष्ठता दी गई. इस दौरान विभाग ने उन्हें पूरा वेतन भी दिया था.
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याचिका में कहा गया है कि विभाग की ओर से अब इसे अधिक वेतन देना बता कर वसूली की जा रही है. जबकि उन्हें अदालती आदेश की पालना में नियुक्ति और परिलाभ दिए गए हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने रिकवरी पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं.