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पुलिसकर्मियों की पदोन्‍नति के मामले में कमेटी गठित करने के दिए आदेश, कोर्ट ने 6 महीने का दिया समय - राजस्थान हाईकोर्ट

पुलिसकर्मियों की पदोन्‍नति के मामले में राजस्‍थान हाईकोर्ट ने कमेटी गठित करने के आदेश दिए (Committee for policemen promotions) हैं. कोर्ट ने कहा कि कमेटी पदों का नियमानुसार आकलन करे और जरूरी हो, तो नए काल्‍पनिक पद सृजित करे. कोर्ट ने इसके लिए 6 माह का समय दिया है.

High Court orders to form committee for policemen promotions
पुलिसकर्मियों की पदोन्‍नति के मामले में कमेटी गठित करने के दिए आदेश, कोर्ट ने 6 महीने का दिया समय
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Published : Sep 28, 2022, 9:35 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल से एएसआई पद पर पदोन्नति के मामले में एसीएस गृह, कार्मिक सचिव और एडीजी भर्ती की कमेटी गठित करने के आदेश दिए (Committee for policemen promotions) हैं. अदालत ने कमेटी को कहा है कि वह इनके पदों का नियमानुसार आकलन करे, लेकिन किसी को भी पदावतन नहीं किया जाए.

अदालत ने कहा कि यदि जरूरी हो तो नए काल्पनिक पदों को सृजित किया जाए. अदालत ने इसके लिए विभाग को 6 माह का समय दिया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश हरिसिंह व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर दिए. याचिका में अधिवक्ता शोभित तिवाड़ी ने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2013-2014 और 2015-2016 के पुलिसकर्मियों के खाली पदों की गणना सही नहीं की. इसके चलते उनकी पदोन्नति प्रक्रिया प्रभावित हो रही है. इसलिए राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह खाली पदों की सही गणना करते हुए याचिकाकर्ताओं को पदोन्नति दे.

पढ़ें: Rajasthan High Court: पुलिस अधिकारियों की पदोन्नति में भेदभाव क्यों?

अदालत को बताया गया कि सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने अप्रैल 2021 में मामले में पुलिस विभाग को निर्देश दिए थे कि वह खाली पदों की गणना सही नहीं करने की गलती सुधारने के लिए प्रदेश स्तर पर एक पदोन्नति बोर्ड गठित करे. पदोन्नति बोर्ड सभी संवर्गों में पदोन्नति करने के साथ ही उच्च पद सीआई से पदोन्नति करते हुए कांस्टेबल तक पहुंचे, ताकि निम्न स्तर पर भी पदोन्नति के लिए खाली पद मिल सकें.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल से एएसआई पद पर पदोन्नति के मामले में एसीएस गृह, कार्मिक सचिव और एडीजी भर्ती की कमेटी गठित करने के आदेश दिए (Committee for policemen promotions) हैं. अदालत ने कमेटी को कहा है कि वह इनके पदों का नियमानुसार आकलन करे, लेकिन किसी को भी पदावतन नहीं किया जाए.

अदालत ने कहा कि यदि जरूरी हो तो नए काल्पनिक पदों को सृजित किया जाए. अदालत ने इसके लिए विभाग को 6 माह का समय दिया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश हरिसिंह व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर दिए. याचिका में अधिवक्ता शोभित तिवाड़ी ने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2013-2014 और 2015-2016 के पुलिसकर्मियों के खाली पदों की गणना सही नहीं की. इसके चलते उनकी पदोन्नति प्रक्रिया प्रभावित हो रही है. इसलिए राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह खाली पदों की सही गणना करते हुए याचिकाकर्ताओं को पदोन्नति दे.

पढ़ें: Rajasthan High Court: पुलिस अधिकारियों की पदोन्नति में भेदभाव क्यों?

अदालत को बताया गया कि सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने अप्रैल 2021 में मामले में पुलिस विभाग को निर्देश दिए थे कि वह खाली पदों की गणना सही नहीं करने की गलती सुधारने के लिए प्रदेश स्तर पर एक पदोन्नति बोर्ड गठित करे. पदोन्नति बोर्ड सभी संवर्गों में पदोन्नति करने के साथ ही उच्च पद सीआई से पदोन्नति करते हुए कांस्टेबल तक पहुंचे, ताकि निम्न स्तर पर भी पदोन्नति के लिए खाली पद मिल सकें.

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