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डिग्गी कल्याण जी मंदिर में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा मनोनीत सदस्य करते रहेंगे काम, हाईकोर्ट ने दिया आदेश - राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिकाओं की सुनवाई करते हुए डिग्गी कल्याण जी मंदिर ट्रस्ट में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की ओर से मनोनीत सदस्यों को निरंतर कार्य करते रहने का आदेश दिया है. वहीं अदालत ने देवस्थान विभाग और मालपुरा एसडीओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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डिग्गी कल्याण जी मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों को कार्य करते रहने के आदेश
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Published : May 22, 2020, 10:51 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने डिग्गी कल्याण जी मंदिर ट्रस्ट में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की ओर से मनोनीत स्थानीय विधायक सहित तीन अन्य को बतौर सदस्य निरंतर कार्य करते रहने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने देवस्थान विभाग और मालपुरा एसडीओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश मालपुरा विधायक कन्हैया लाल चौधरी और न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश अरविंद गौतम और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर दिए.

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याचिकाओं में कहा गया कि डिग्गी कल्याण जी मंदिर ट्रस्ट के 25 अक्टूबर, 1975 के विधान के अनुसार ट्रस्ट में 4 सदस्यों का मनोनयन राज्य सरकार की ओर से किए जाने का प्रावधान है. इसके चलते पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 16 मई, 2018 को याचिकाकर्ताओं का सदस्य के तौर पर मनोनयन किया था. वहीं राज्य सरकार ने 25 मई, 1975 के ट्रस्ट पंजीयन के तहत गत 30 अप्रैल को 4 लोगों का मनोनयन किया है. जब की इस तिथि को कोई ट्रस्ट रजिस्टर्ड ही नहीं था.

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याचिका में यह भी कहा गया कि सरकार ने 16 मई, 2018 को जारी आदेश को न तो वापस लिया है और ना ही 30 अप्रैल के आदेश से पूर्व आदेश को निलंबित किया है. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को सदस्य के पद पर बने रहने का अधिकार है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ताओं को पद पर बने रहने के आदेश दिए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने डिग्गी कल्याण जी मंदिर ट्रस्ट में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की ओर से मनोनीत स्थानीय विधायक सहित तीन अन्य को बतौर सदस्य निरंतर कार्य करते रहने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने देवस्थान विभाग और मालपुरा एसडीओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश मालपुरा विधायक कन्हैया लाल चौधरी और न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश अरविंद गौतम और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर दिए.

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याचिकाओं में कहा गया कि डिग्गी कल्याण जी मंदिर ट्रस्ट के 25 अक्टूबर, 1975 के विधान के अनुसार ट्रस्ट में 4 सदस्यों का मनोनयन राज्य सरकार की ओर से किए जाने का प्रावधान है. इसके चलते पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 16 मई, 2018 को याचिकाकर्ताओं का सदस्य के तौर पर मनोनयन किया था. वहीं राज्य सरकार ने 25 मई, 1975 के ट्रस्ट पंजीयन के तहत गत 30 अप्रैल को 4 लोगों का मनोनयन किया है. जब की इस तिथि को कोई ट्रस्ट रजिस्टर्ड ही नहीं था.

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