जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय, एमसीआई, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और मुख्य सचिव सहित प्रमुख सामाजिक न्याय सचिव को नोटिस जारी कर पूछा है कि नीट यूजी भर्ती में सरकारी कॉलेजों में एनआरआई को 15 फीसदी आरक्षण क्यों दिया जा रहा है.
न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश समता आंदोलन समिति व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया है कि प्रदेश की सरकारी और सोसायटियों की ओर से संचालित मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे के तहत 15 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है जबकि संविधान में एनआरआई को आरक्षण देने का कोई प्रावधान ही नहीं है.
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इसके अलावा एनआरआई को 15 फीसदी आरक्षण देने से नीट में कुल आरक्षण 79 फीसदी हो गया है जबकि कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता. याचिका में यह भी कहा गया है कि भर्ती में एनआरआई की परिभाषा भी काफी विस्तृत कर दी गई है. जिससे भर्ती में काले धन के प्रयोग से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा.
वहीं डॉलर के रूप में फीस जमा कराने की शर्त भी हटा दी गई है. याचिका में गुहार की गई है कि एनआरआई कोटे को समाप्त कर इन सीटों को सामान्य वर्ग में शामिल कर पुनः काउंसलिंग कराई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.