जयपुर: राजस्थान हाइकोर्ट (Rajasthan High Court) ने भरतपुर (Bharatpur) के जुरहरा कस्बे में 33 लाख रुपए खर्च कर अनुपयोगी नालियों के निर्माण के मामले में कलेक्टर को निर्देश दिए हैं की वह संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करते हुए समस्या का तीन माह में निस्तारण करें.
वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता (Petitioner) को छूट दी है की यदि इस अवधि में समस्या का निस्तारण नहीं होता है तो वह नए सिरे से याचिका पेश कर सकता है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस फरजंद अली की खंडपीठ ने यह आदेश विजय मिश्रा की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता डीडी खंडेलवाल ने अदालत को बताया की कस्बे को एक दर्जन गांवों से जोड़ने वाली मुख्य रोड पर पीडब्ल्यूडी (PWD) ने 33 लाख रुपए खर्च कर नालियों का निर्माण कराया था. इन नालियों को सड़क से काफी ऊंचाई पर बनाया गया है. जिसके कारण रोड का पानी नालियों में नही जा पाता.
याचिका में कहा गया की पानी का निकास नहीं होने से बारिश में यह रोड तालाब का रूप ले लेती है. जिसके चलते यहां हुए गहरे गड्ढों से आए दिन दुर्घनाएं हो रही हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कलेक्टर (District Collector) को दिशा निर्देश जारी किए हैं.