ETV Bharat / city

Rajasthan High Court: ड्रेनेज के लिए सड़क से ऊंची बना दी नालियां, कलेक्टर करें समस्या का निस्तारण

राजस्थान हाइकोर्ट (Rajasthan High Court) ने ड्रेनेज को लेकर आदेश जारी किया है. याचिकाकर्ता भरतपुर (Bharatpur) जिले से हैं. उन्होंने नाली की बनावट से हो रही समस्याओं को लेकर जनहित याचिका डाली थी. अपने फैसले में HC ने नाली निर्माण को लेकर कुछ दिशा निर्देश भी जारी किए हैं.

Rajasthan High Court
ड्रेनेज के लिए सड़क से ऊंची बना दी नालियां, कलेक्टर करें समस्या का निस्तारण
author img

By

Published : Oct 22, 2021, 2:10 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाइकोर्ट (Rajasthan High Court) ने भरतपुर (Bharatpur) के जुरहरा कस्बे में 33 लाख रुपए खर्च कर अनुपयोगी नालियों के निर्माण के मामले में कलेक्टर को निर्देश दिए हैं की वह संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करते हुए समस्या का तीन माह में निस्तारण करें.

ये भी पढ़ें- आगरा में यूपी पुलिस की कस्टडी में मारे गए पीड़ित के रिश्तेदार पहुंचे जयपुर, गहलोत ने पीड़ितों से स्टेट हैंगर पर की मुलाकात

वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता (Petitioner) को छूट दी है की यदि इस अवधि में समस्या का निस्तारण नहीं होता है तो वह नए सिरे से याचिका पेश कर सकता है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस फरजंद अली की खंडपीठ ने यह आदेश विजय मिश्रा की जनहित याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता डीडी खंडेलवाल ने अदालत को बताया की कस्बे को एक दर्जन गांवों से जोड़ने वाली मुख्य रोड पर पीडब्ल्यूडी (PWD) ने 33 लाख रुपए खर्च कर नालियों का निर्माण कराया था. इन नालियों को सड़क से काफी ऊंचाई पर बनाया गया है. जिसके कारण रोड का पानी नालियों में नही जा पाता.

याचिका में कहा गया की पानी का निकास नहीं होने से बारिश में यह रोड तालाब का रूप ले लेती है. जिसके चलते यहां हुए गहरे गड्ढों से आए दिन दुर्घनाएं हो रही हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कलेक्टर (District Collector) को दिशा निर्देश जारी किए हैं.

जयपुर: राजस्थान हाइकोर्ट (Rajasthan High Court) ने भरतपुर (Bharatpur) के जुरहरा कस्बे में 33 लाख रुपए खर्च कर अनुपयोगी नालियों के निर्माण के मामले में कलेक्टर को निर्देश दिए हैं की वह संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करते हुए समस्या का तीन माह में निस्तारण करें.

ये भी पढ़ें- आगरा में यूपी पुलिस की कस्टडी में मारे गए पीड़ित के रिश्तेदार पहुंचे जयपुर, गहलोत ने पीड़ितों से स्टेट हैंगर पर की मुलाकात

वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता (Petitioner) को छूट दी है की यदि इस अवधि में समस्या का निस्तारण नहीं होता है तो वह नए सिरे से याचिका पेश कर सकता है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस फरजंद अली की खंडपीठ ने यह आदेश विजय मिश्रा की जनहित याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता डीडी खंडेलवाल ने अदालत को बताया की कस्बे को एक दर्जन गांवों से जोड़ने वाली मुख्य रोड पर पीडब्ल्यूडी (PWD) ने 33 लाख रुपए खर्च कर नालियों का निर्माण कराया था. इन नालियों को सड़क से काफी ऊंचाई पर बनाया गया है. जिसके कारण रोड का पानी नालियों में नही जा पाता.

याचिका में कहा गया की पानी का निकास नहीं होने से बारिश में यह रोड तालाब का रूप ले लेती है. जिसके चलते यहां हुए गहरे गड्ढों से आए दिन दुर्घनाएं हो रही हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कलेक्टर (District Collector) को दिशा निर्देश जारी किए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.