जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी के चलते जेलों से कैदियों की भीड़ कम करने के मामले में दायर जनहित याचिका राज्य सरकार की ओर से पेश जवाब के बाद निस्तारित कर दी है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश दर्पण गोयल की ओर से की गई अपील पर दिए.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पात्र कैदियों को बिना जमानत खुद के मुचलके पर रिहा किया जा रहा है. राज्य सरकार की ओर से राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस संगीत लोढ़ा की अध्यक्षता वाली कमेटी की गत दिनों हुई बैठक के मिनट्स भी पेश किए गए.
राज्य सरकार की ओर से मिनट्स का हवाला देते हुए कहा गया कि लॉकडाउन के दौरान जिन कैदियों की पैरोल अवधि पूरी होने वाली है, उनकी अवधि 4 सप्ताह के लिए बढ़ाई जा रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने याचिका का निस्तारण कर दिया है.
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याचिका में कहा गया था कि प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद है. ऐसे में जेलों में कोरोना महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पात्र कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जाए और जिन कैदियों की पैरोल अवधि पूरी होने वाली है, उनकी अवधि को 1 माह के लिए बढ़ाया जाए.