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कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा को लेकर अब आदेश देने की जरूरत नहीं: हाई कोर्ट

राजस्थान हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के मामले अब अदालत को दखल देने की जरूरत नहीं है. साथ ही कहा कि अदालत ने पहले ही सरकार को उचित दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं.

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कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा को लेकर हाई कोर्ट का आदेश
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Published : Apr 20, 2020, 9:10 PM IST

Updated : May 24, 2020, 5:43 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने प्रदेश में कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के मामले में कहा है कि पूर्व में आदेश जारी कर सरकार को उचित दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं. ऐसे में अब अदालत को मामले में दखल देने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर याचिका को निस्तारित कर दिया है.

ये पढ़ें: लॉकडाउनः दिल की बीमारी के मरीजों की संख्या में आई कमी...क्या है वजह?

मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश शालिनी श्योराण की जनहित याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि लोक सेवक पूरी तरह से समर्पित होकर समाज को कोरोना से बचाने के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसके साथ ही पुलिस ने कोरोना वॉरियर्स के खिलाफ हुई मारपीट को लेकर कई आपराधिक मामले भी दर्ज किए हैं.

ये पढ़ें: स्पेशल स्टोरी: क्वारंटाइन में रूपाराम नहीं बैठे खाली...'परिंदों' के लिए बना दिया नायाब 'आशियाना'

याचिका में कहा गया था कि प्रदेश में पुलिस और डॉक्टर सहित अन्य लोग कोरोना वॉरियर्स की तरह लड़ रहे हैं. इसके बावजूद कई जगह उनके साथ गंभीर मारपीट हुई है. ऐसे में अदालत उचित दिशा निर्देश जारी करें. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने गत दिनों राज्य सरकार को ऐसे लोगों की सुरक्षा के साथ ही डेडिकेटेड हेल्पलाइन नंबर भी शुरू करने को कहा था. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से अलग से प्रार्थना पत्र पेश कर अदालती आदेशों की प्रभावी पालना नहीं होनी की बात कही थी.

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने प्रदेश में कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के मामले में कहा है कि पूर्व में आदेश जारी कर सरकार को उचित दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं. ऐसे में अब अदालत को मामले में दखल देने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर याचिका को निस्तारित कर दिया है.

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मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश शालिनी श्योराण की जनहित याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि लोक सेवक पूरी तरह से समर्पित होकर समाज को कोरोना से बचाने के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसके साथ ही पुलिस ने कोरोना वॉरियर्स के खिलाफ हुई मारपीट को लेकर कई आपराधिक मामले भी दर्ज किए हैं.

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याचिका में कहा गया था कि प्रदेश में पुलिस और डॉक्टर सहित अन्य लोग कोरोना वॉरियर्स की तरह लड़ रहे हैं. इसके बावजूद कई जगह उनके साथ गंभीर मारपीट हुई है. ऐसे में अदालत उचित दिशा निर्देश जारी करें. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने गत दिनों राज्य सरकार को ऐसे लोगों की सुरक्षा के साथ ही डेडिकेटेड हेल्पलाइन नंबर भी शुरू करने को कहा था. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से अलग से प्रार्थना पत्र पेश कर अदालती आदेशों की प्रभावी पालना नहीं होनी की बात कही थी.

Last Updated : May 24, 2020, 5:43 PM IST
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