जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बर्खास्त आरपीएस कैलाश बोहरा के खिलाफ रिश्वत के बदले अस्मत मांगने से जुड़े मामले में कहा है कि पीड़िता व ट्रेप पार्टी में शामिल सभी लोगों की 5 से 15 मार्च, 2021 की कॉल डिटेल नष्ट नहीं की (High court directs not to destroy call details in Kailash Bohra case) जाए. इसके लिए अदालत ने राज्य सरकार का संबंधित मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को निर्देश जारी करने को कहा है.
जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश कैलाश बोहरा की आपराधिक याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता इन्द्रेश शर्मा ने कहा कि मामले में याचिकाकर्ता को फंसाने के लिए मिलीभगत कर ट्रैप कार्रवाई की गई है. मिलीभगत की जानकारी ट्रैप पार्टी और पीड़िता की कॉल डिटेल से निकाली जा सकती है. वहीं मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियां कॉल डिटेल को नष्ट करने वाली हैं. ऐसे में उन्हें निर्देश दिए जाए कि 5 से 15 मार्च 2021 तक की कॉल डिटेल नष्ट नहीं की जाए.
गौरतलब है कि पीड़िता ने गत वर्ष मार्च में एसीबी में शिकायत दी थी कि उसने जवाहर सर्किल थाने में एक युवक सहित अन्य के खिलाफ दुष्कर्म व धोखाधड़ी करने के तीन मामले दर्ज कराए थे. जिसकी जांच महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट के एसीपी कैलाश बोहरा के पास थी. मुकदमे में कार्रवाई की एवज में बोहरा ने पहले उससे 50 हजार रुपए लिए और बाद में अस्मत भी मांगी. वहीं 14 मार्च को बोहरा ने पीड़िता का अपने ऑफिस में बुलाकर कमरा बंद कर लिया था. इस पर एसीबी ने बोहरा को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा था.