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हाईकोर्ट ने प्रदेश में आपराधिक रिकॉर्ड का डेटा राजस्थान पुलिस ने मांग - ADG Crime Branch

राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस की ओर से अदालत में अपराधियों का पूर्ण आपराधिक रिकॉर्ड पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई है. हाई कोर्ट ने साफ किया कि मामलों की सुनवाई के दौरान अदालत अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए रिकॉर्ड पर ही निर्भर रहती है.

Rajasthan High Court, आपराधिक रिकॉर्ड का डेटा बैंक
राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में आपराधिक रिकॉर्ड का डेटा पुलिस ने मांग
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Published : Jan 6, 2021, 10:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालत में अपराधियों का पूर्ण आपराधिक रिकॉर्ड पेश नहीं करने पर राजस्थान पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए प्रदेश के प्रमुख गृह सचिव और राजस्थान पुलिस के डीजीपी को 13 जनवरी तक शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

हाई कोर्ट ने राजस्थान पुलिस से अपराधियों के आपराधिक रिकॉर्ड का डेटा बैंक बनाने की कार्ययोजना के बारे में भी जानकारी मांगी है. साथ ही हाई कोर्ट ने विचाराधीन धोखाधड़ी के मामले में सेवर थानाधिकारी को पेश होकर अधूरा रिकॉर्ड पेश करने के लिए तलब किया है. न्यायाधीश महेन्द्र कुमार गोयल ने यह आदेश भरतलाल व अन्य की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए हैं.

पढ़ें- वेस्टर्न डेडीकेटेड कॉरिडोर राजस्थान के उद्योगों के लिए माइलस्टोन साबित होगा : कटारिया

धोखाधडी से जुडे इस मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि पहले भी अदालत कई बार अपराधियों की सारी जानकारी अदालत में पेश करने को कह चुकी है, और इसके लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूतिभूषण शर्मा भी एडीजी अपराध शाखा को इस संबंध में कई बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस की तरफ से अदालत में अपराधियों का पूर्ण रिकॉर्ड पेश नहीं किया जाता. हाई कोर्ट ने साफ किया की मामलों की सुनवाई के दौरान अदालत, अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए रिकॉर्ड पर ही निर्भर रहती है. ऐसे में प्रमुख गृह सचिव और डीजीपी शपथ पत्र पेश कर इस संबंध में जानकारी पेश करें.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालत में अपराधियों का पूर्ण आपराधिक रिकॉर्ड पेश नहीं करने पर राजस्थान पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए प्रदेश के प्रमुख गृह सचिव और राजस्थान पुलिस के डीजीपी को 13 जनवरी तक शपथ पत्र पेश करने को कहा है.

हाई कोर्ट ने राजस्थान पुलिस से अपराधियों के आपराधिक रिकॉर्ड का डेटा बैंक बनाने की कार्ययोजना के बारे में भी जानकारी मांगी है. साथ ही हाई कोर्ट ने विचाराधीन धोखाधड़ी के मामले में सेवर थानाधिकारी को पेश होकर अधूरा रिकॉर्ड पेश करने के लिए तलब किया है. न्यायाधीश महेन्द्र कुमार गोयल ने यह आदेश भरतलाल व अन्य की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए हैं.

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धोखाधडी से जुडे इस मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि पहले भी अदालत कई बार अपराधियों की सारी जानकारी अदालत में पेश करने को कह चुकी है, और इसके लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूतिभूषण शर्मा भी एडीजी अपराध शाखा को इस संबंध में कई बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस की तरफ से अदालत में अपराधियों का पूर्ण रिकॉर्ड पेश नहीं किया जाता. हाई कोर्ट ने साफ किया की मामलों की सुनवाई के दौरान अदालत, अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए रिकॉर्ड पर ही निर्भर रहती है. ऐसे में प्रमुख गृह सचिव और डीजीपी शपथ पत्र पेश कर इस संबंध में जानकारी पेश करें.

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