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Rajasthan High Court: आयुर्वेद नर्स भर्ती में उच्च वरीयता वालों को नियुक्ति देने के आदेश - High court decision on Ayurved Nurse Bharti 2021

राजस्थान हाईकोर्ट ने आयुर्वेद नर्स भर्ती-2021 में उच्च वरीयता रखने वालों को नियुक्ति देने के आदेश दिए (High court on Ayurved Nurse Bharti) हैं. मंजू जाट व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.

High court on Ayurved Nurse Bharti
आयुर्वेद नर्स भर्ती 2021
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Published : Mar 26, 2022, 6:14 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आयुर्वेद नर्स भर्ती-2021 में उच्च वरीयता रखने वालों को नियुक्ति देने के आदेश दिए (High court decision on Ayurved Nurse Bharti 2021) हैं. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश मंजू जाट व अन्य की याचिकाओं पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 17 जून 2021 को आयुर्वेद नर्स पद पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे. जिसमें याचिकाकर्ता ने ओबीसी तलाकशुदा कोटे से आवेदन किया. भर्ती में उच्च वरीयता आने पर उसे विभाग ने दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया, लेकिन उसे यह कहते हुए नियुक्ति के लिए अयोग्य करार दे दिया कि उसका ओबीसी का जाति प्रमाण पत्र नया बना हुआ है. इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता का पूर्व में भी ओबीसी प्रमाण पत्र मौजूद है.

पढ़ें: Ayurved Nurse Compounder Bharti: आयुर्वेद नर्स-कंपाउंडर भर्ती में भविष्य में रिक्त होने वाले 154 पद जोड़े, कोर्ट ने भर्ती संस्था को जारी किया नोटिस

इसके अलावा भर्ती विज्ञापन में प्रावधान किया गया था कि नए प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे, लेकिन आवेदन की अंतिम तिथि के बाद जारी प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा. जबकि याचिकाकर्ता के पास ओबीसी का प्रमाण पत्र होने व उच्च वरीयता में आने के बाद उसे नियुक्ति के लिए अयोग्य नहीं माना जा सकता. इसके अलावा उससे कम अंक वालों को नियुक्ति दी है. ऐसे में याचिकाकर्ता को भी नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने उच्च वरीयता रखने वालों को नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आयुर्वेद नर्स भर्ती-2021 में उच्च वरीयता रखने वालों को नियुक्ति देने के आदेश दिए (High court decision on Ayurved Nurse Bharti 2021) हैं. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश मंजू जाट व अन्य की याचिकाओं पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 17 जून 2021 को आयुर्वेद नर्स पद पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे. जिसमें याचिकाकर्ता ने ओबीसी तलाकशुदा कोटे से आवेदन किया. भर्ती में उच्च वरीयता आने पर उसे विभाग ने दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया, लेकिन उसे यह कहते हुए नियुक्ति के लिए अयोग्य करार दे दिया कि उसका ओबीसी का जाति प्रमाण पत्र नया बना हुआ है. इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता का पूर्व में भी ओबीसी प्रमाण पत्र मौजूद है.

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इसके अलावा भर्ती विज्ञापन में प्रावधान किया गया था कि नए प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे, लेकिन आवेदन की अंतिम तिथि के बाद जारी प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा. जबकि याचिकाकर्ता के पास ओबीसी का प्रमाण पत्र होने व उच्च वरीयता में आने के बाद उसे नियुक्ति के लिए अयोग्य नहीं माना जा सकता. इसके अलावा उससे कम अंक वालों को नियुक्ति दी है. ऐसे में याचिकाकर्ता को भी नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने उच्च वरीयता रखने वालों को नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.

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