जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में मानसिक रूप से दिव्यांग 26 साल की युवती से दुष्कर्म करने वाले आरोपी दिलीप गर्ग को पूर्व में दी गई जमानत को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी को दोबारा गिरफ्तार करने को कहा है. न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश पीड़िता के भाई की ओर से दायर जमानत रद्द करने के प्रार्थना पत्र पर दिए.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वह पीड़िता को न्याय देने के लिए अपने पूर्व के आदेश पर पुनर्विचार नहीं कर रहा. बल्कि सीआरपीसी की धारा 439(2) के तहत विशेष शक्ति का उपयोग करते हुए आरोपी को दी गई जमानत को रद्द कर रहा है.
प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता श्वेता पारीक ने अदालत को बताया कि आरोपी ने अदालत के समक्ष गलत तथ्य रखकर 9 जुलाई 2018 को जमानत ली थी. इसके अलावा पीड़िता के मानसिक दिव्यांग होने की जानकारी भी अदालत से छिपाई गई. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि आरोपी पीड़िता का पड़ोसी है. उसे इस बात की जानकारी है कि पीड़िता की उम्र भले ही 26 साल की है, लेकिन उसका दिमाग महज 7 साल की उम्र के बच्चे का ही है.
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इसके बावजूद भी उसने पीड़िता की इस स्थिति का फायदा उठाया और 17 मई 2018 की रात उसे छत पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. फिलहाल, मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को दी जमानत रद्द करते हुए उसे पुनः गिरफ्तार करने का आदेश दिया है.