जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक को पदोन्नत करने के बाद पदावनत करने पर रोक लगा दी है. वहीं अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश एससी शर्मा ने यह आदेश सविता शर्मा की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता साल 2012 में तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर नियुक्त हुआ था. वहीं विभाग ने साल 2018 में उसे द्वितीय श्रेणी शिक्षक के पद पर पदोन्नति दे दी. कुछ समय काम करने के बाद विभाग ने पदों के मुकाबले अधिक शिक्षकों को पदोन्नत करने का हवाला देकर याचिकाकर्ता को पदावनत कर दिया.
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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता द्वितीय श्रेणी शिक्षक के लिए पात्र हैं. विभाग ने साल 2018 के बाद डीपीसी भी नहीं की है. ऐसे में याचिकाकर्ता को पदावनत करना गलत है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने पदावनत करने पर रोक लगाते हुए सबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.