जयपुर. इस गुलाबी शहर को दुनिया इसकी खूबसूरती और हेरिटेज लुक देखने आती है. लेकिन लगता है स्थानीय प्रशासन को इस ऐतिहासिक शहर की कोई चिंता नहीं है. बल्कि लापरवाही का आलम ये है कि हाईकोर्ट की सख्ती के बावजूद परकोटे की प्राचीर और बुर्ज को ध्वस्त कर दिया गया. देखिये यह खास रिपोर्ट
उच्च न्यायालय ने निर्देश दिए थे कि शहर के परकोटे की देखभाल की जाए. स्थानीय प्रशासन को यह जिम्मेदारी सौंपी गई. नगर निगम पर परकोटे के संरक्षण का भार था. इसके लिए नगर निगम को 20 करोड़ रुपए का फंड भी करीब 5 साल पहले उपलब्ध कराया गया था. साल 2009 में पहली बार परकोटे के संरक्षण के लिए डीपीआर बनाई गई. इसमें कमियां रहने पर 2011 में फिर से डीपीआर बनी.
वर्तमान में जयपुर नगर निगम के दो हिस्से होने के बाद परकोटे की जिम्मेदारी नगर निगम हेरिटेज के हिस्से में आई. हेरिटेज निगम प्रशासन तीसरी बार परकोटे के लिए डीपीआर बना रहा है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि लगातार डीपीआर बनने के दौरान परकोटा ध्वस्त हो रहा है.
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इस पूरे प्रकरण में एक असमंजस की स्थिति ये भी है कि हेरिटेज नगर निगम के कमिश्नर लोकबंधु हैं, इस लिहाज से परकोटे के संरक्षण की जिम्मेदारी उनकी है. लेकिन लोकबंधु ही स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ भी हैं.
ऐसे में शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत होने वाले काम भी उनके अंडर आते हैं. ऐसे में शहर के परकोटा में स्थित दरबार स्कूल को जीर्णोद्धार का काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है, लेकिन इससे विरासत संरक्षक की उनकी जिम्मेदारी भी प्रभावित हो रही है.
परकोटा की दरबार स्कूल में विरासत ध्वस्त
दरबार स्कूल में परकोटे से सटाकर नवीन निर्माण का प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है. प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए परकोटे में तोड़फोड़ कर दी गई है. परकोटा क्षेत्र में स्थित दरबार स्कूल को स्मार्ट सिटी के तहत स्मार्ट बनाने का काम किया जा रहा है. बीते कुछ दिनों से स्कूल की जर्जर इमारत को तोड़ने का काम चल रहा है. लेकिन यहां जिम्मेदारों ने संरक्षित परकोटे और उसके बुर्ज को भी नहीं छोड़ा.
जालूपुरा थाने में केस दर्ज, यूनेस्को में करेंगे शिकायत
धरोहर बचाओ समिति ने इस कार्य के खिलाफ जालूपुरा थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया है. अब मुख्य न्यायधीश को भी शिकायत पत्र लिख हस्तक्षेप करने की मांग की गई है.
समिति संरक्षक भारत शर्मा ने स्मार्ट सिटी के काम को कोर्ट के आदेशों की अवमानना बताते हुए कहा कि हाल ही में सीएस निरंजन आर्य ने शहर की विरासत को संरक्षित रखने के लिए अधिकारियों को पाबंद करने की बात कही थी. बावजूद इसके अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है. अब इसकी शिकायत यूनेस्को को भी की जाएगी.
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उधर, स्मार्ट सिटी सीईओ लोकबंधु ने कहा कि शिक्षा विभाग की तरफ से जर्जर हो चुकी दरबार स्कूल की इमारत के जीर्णोद्धार की मांग की गई थी. उसी को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक सुविधाओं वाला एक स्कूल बनाने के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से टेंडर किया गया था.
इस स्कूल की अनुमानित लागत करीब 10 करोड़ रुपए है. उन्होंने तर्क दिया कि हेरिटेज सेल से सलाह करने के बाद ही निर्माण कार्रवाई की जा रही है.
बहरहाल, वर्ल्ड हेरिटेज सिटी घोषित होने के बाद यूनेस्को की गाइडलाइन के मुताबिक जयपुर परकोटे के प्राचीन बसावट को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता. दूसरी ओर हाईकोर्ट ने भी शहर के प्राचीन परकोटे को संरक्षित करने के आदेश दे रखे हैं. लेकिन इन आदेशों के परे परकोटा संरक्षण के जिम्मेदारों ने ही बुर्ज को नेस्तनाबूद कर दिया है.