जयपुर. राजधानी में सोमवार को आयोजित उच्च शिक्षा संस्थानों की भूमिका विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला को राज्यपाल संबोधित कर रहे थे. इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि कोविड-19 से बचाव के लिए व्यक्तिगत दूरी रखना आवश्यक है. ऐसी स्थिति में एक साथ बैठकर शिक्षा लेना मुश्किल हो गया है. उनके अनुसार अब उच्च शिक्षा की हर प्रक्रिया ऑनलाइन करना अत्यंत आवश्यक हो चुका है. इंटरनेट के साथ-साथ ऐसे प्लेटफार्म को विकसित करने की जरूरत है, जो व्यापक हो और एक समय में अधिक से अधिक विद्यार्थियों की आवश्यकता को पूर्ति कर सकें.
डॉ. केएन नाग की स्मृति में हुई इस व्याख्यानमाला का आयोजन महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर ने किया था, जिसे राज्यपाल ने ऑनलाइन संबोधित किया. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा की ताकत संकाय में निहित होती है. आज बदले हुए परिवेश में संकाय को अपनी परंपरागत शिक्षण विधियों को बदलने और प्रौद्योगिकी केंद्रित शिक्षण को विकसित करने की जरूरत है. राज्यपाल के अनुसार संकाय को अपने आप को सक्षम व्यक्तियों के रूप में स्थापित करना चाहिए, जो छात्रों की उम्मीदों को पूरा कर सके.
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व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि सभी को एकजुट होकर कोविड-19 को पराजित करना है. उन्होंने कहा कि उनके पास विद्यार्थियों के बहुत से ईमेल आ रहे हैं, जिनको पढ़ने से लगता है कि हमारे युवा भयग्रस्त है. राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थी डरे नहीं, उनका भविष्य उज्जवल है. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि शिक्षकगण विद्यार्थियों से संक्रमण के इस काल में संवाद बनाए रखें और छात्र कल्याण गतिविधियों का ऑनलाइन संचालन करें. साथ ही युवाओं में आत्मविश्वास और मनोबल का संचार भी करें और राष्ट्रीय और राज्य के स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं की भी ऑनलाइन तैयारी भी करवाएं.
इस अवसर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष डीपी सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय पर युवाओं के जीवन को सही दिशा देने के साथ शोध, अनुसंधान और शिक्षण सहित अनेक दायित्व हैं. उन्होंने कहा कि अब उच्च शिक्षा के कार्यों के तौर-तरीकों में बदलाव लाना होगा. कोविड-19 से पहले उच्च शिक्षा में कार्य करने का तरीका अलग था, अब नए तरीके अपनाने होंगे. इस व्याख्यानमाला को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति नरेंद्र सिंह राठौड़ ने भी संबोधित किया.